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शायद बड़े हादसे का इंतजार हैं प्रशासनिक अधिकारी को

locationनीमचPublished: Aug 27, 2018 12:33:09 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

हादसे दर हादसे नहीं सुधर रहे हालातओवरलोडिंग बसों पर नहीं होती वैधानिक कार्रवाई

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शायद बड़े हादसे का इंतजार हैं प्रशासनिक अधिकारी को

नीमच. रविवार को एक और बस हादसा हो गया। बस में 55 के करीब यात्री सवार थे। घायल 14 लोग हुए। मृतक कोई नहीं। यह खबर बनी। आखिर ऐसी खबरें कब तक बनेंगी। जिम्मेदार कब अवैधानिक और नियम विरूद्ध बस संचालन करने वालों पर कार्रवाई करेंगे। रविवार को ही बसों में भेड़ बकरियों की तरह यात्रियों को ठूस ठूस कर भरा गया था। अवैधानिक रूप से खुलेआम चल रहे छोटे वाहनों पर लोग लटके दिखे। नहीं दिखे तो केवल जिम्मेदार।
कब तक कागजों पर होगी कार्रवाई
पिछले कुछ महीनों में बस हादसों में भले मृतकों की संख्या कम रही हो, लेकिन बड़ी संख्या में लोगघायल हुए हैं। प्रश्न यह उठता है कि आखिर इसके लिए
जिम्मेदार कौन है। हादसे दर हादसे हो रहे हैं। जिम्मेदार कार्रवाई की बात कहकर गेंद दूसरे के पाल में डाल देते हैं। पूछने पर कहा जाता है कार्रवाईकी जाती है। इतने बसों और अन्य वाहनों के चालान बनाए गए हैं। यह सब आंकड़ों की बाजीगरी भर है। कागजों में ही विभाग की कार्रवाई हो रही है। यदि ऐसा नहीं है तो जहां रविवार सुबह 6.30 बजे के करीब बस हादसा हुआ वहीं दिन में जिला मुख्यालय से ही अवैधानिक रूप से संचालित छोटे वाहनों पर सवारियों को लटके हुए सफर करते देखा गया। क्या बस स्टैंड और क्या पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने का क्षेत्र। सब दूर अवैधानिक रूप से वाहनों का परिवहन होते देखा गया।
पैर रहने की जगह नहीं फिरभी भरे जा रहे सवारी
राखी का दिन। सबको घर पहुंचने की जल्दी। बात समझ में आती है। बस संचालक और चालक को तो यह बात समझना चाहिए कि जब बस की स्थिति ऐसी नहीं है कि उसमें क्षमता से अधिक सवारी बैठाई जा सके तो क्यों ठूस ठूसकर सवारियां बैठाईजाती हैं। रविवार को दोपहर करीब 3.20 बजे प्रायवेट रोडवेज बस स्टैंड पर कुछ ऐसे ही नजारे दिखाईदिए। त्योहार के चलते यात्रियों की संख्या अधिक थी। बस में चढऩे तक के लिए लोगों विशेषकर महिलाओं को मशक्कत करना पड़ रही थी। बावजूद इसके परिचालक लोगों को बस में चढ़ाए जा रहा था। ऐसा किसी एक बस में नहीं अलग अलग रूट पर जाने वाली ४ बसों में ऐसे ही स्थिति नजर आई।
प्रशासनिक उदासीनता के चलते हो रहे हादसे
भेड़ बकरियों की तरह बसों में सवारी भरने और अनियंत्रित गति से वाहन चलाने की वजह से अधिकांश हादसे होते हैं। यह प्रमाणित भी हो चुका है। इतना ही नहीं एक प्रमाणित सच यह भी है कि नीमच से दिल्ली तक अवैधानिक रूप से बसों के माध्यम कृषि उपज का परिवहन किया जाता है। इसकी जानकारी सबको है। सबको से आशय जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों को, लेकिन आज तक बस बसों पर दिखावे तक की कार्रवाई नहीं हुई। प्रतिदिन यह बसें पुलिस अधीक्षक कार्यालय और कलेक्टोरेट के सामने से शासन को लाखों रुपए के राजस्व का चूना लगाकर गुजरती है, लेकिन मजाल कोई इनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई कर दे।
की जाएगी वैधानिक कार्रवाई
समय समय पर बसों की जांच की जाती है। नियम विरूद्ध परिवहन होता पाया जाता है तो वैधानिक कार्रवाईकी जाती है। जहां तक छोटे वाहनों के अवैधानिक रूप से यात्रियों को बैठाए जाने का प्रश्न है तो इसपर भी कार्रवाईकी जाएगी। यातायात पुलिस के माध्यम से इन वाहनों के संचालन पर भी रोक लगाईजाएगी।
– बर्खा गौड़, आरटीओ
छोटे वाहनों पर होगी वैधानिक कार्रवाई
जहां तक मेरी जानकारी में है जीपों में सवारी बैठाने की अनुमति किसी को नहीं है। इनके विरूद्ध आरटीओ को कार्रवाई करना चाहिए। फिर भी यातायात पुलिस के माध्यम से कार्रवाई की जाएगी।
– नरेंद्र सोलंकी, नगरपुलिस अधीक्षक

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