नीमचPublished: Sep 17, 2018 06:49:04 pm
harinath dwivedi
आरक्षण और एट्रोसिटी एक्ट का विरोध करने वालों को वोट नहीं
पिछड़ा वर्ग अनुसूचित जाति जनजाति संयुक्त मोर्चा ने लिया निर्णय
नीमच. आरक्षण एवं एट्रोसिटी एक्ट का विरोध करने वाले स्वर्ण को वोट नहीं देंगे। ओबीसी को सीधी भर्ती एवं पदोन्नति में 52 प्रतिशत आरक्षण देने की पुरजोर तरीके से मांगे की जाएगी। यह भी मांग करेंगे कि विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में जनसंख्या के अनुपात में ओबीसी को आरक्षण दिया जाए। चुनाव आचार संहिता लागू होने के पूर्व एससी एसटी ओबीसी के एक लाख पदों को आवेदन प्राप्त कर मेरिट के आधार पर भरा जाए।
यह बात अजाक्स के जिलाध्यक्ष राजू सोलंकी एवं कृष्णचंद्र नरेला ने पत्रकारों से चर्चा में कही। उन्होंने कहा कि स्वर्ण समाज तथा सपाक्स संगठन द्वारा लगातार आरक्षित वर्ग को आहात किया जा रहा है। संविधान प्रदत आरक्षण का विरोध कर सामाजिक सोहार्द को विफल करने की कोशिश की जा रही है। इस षडयंत्र के विरोध में ओबीसी एससी एसटी वर्ग ने संयुक्त रूप से संघर्ष करने और मांगों को पूरा कराने के लिए दृढ़संकल्प लिया है। बेकलाग पदों को आवेदन प्राप्त कर मेरिट के आधार पर चुनाव आचार संहिता लागू होने के पूर्व भरा जाए। सोलंकी ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति को राज्यसभा एवं विधान परिषदों में संख्या के अनुपात में आरक्षण दिया जाए। अन्य पिछड़ा वर्ग को संख्या के अनुपात में 52 प्रतिशत सीधी भर्ती एवं अन्य पदों पर आरक्षण दिया जाए। अन्य पिछड़ा वर्ग को भी बजट में संख्या के अनुपात में पृथक से बजट का आबंटन किया जाए। अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति को निजी क्षेत्रों में भी आरक्षण लागू किया जाए। आउटसोर्सिंग में भी आरक्षण लागू किया जाए। अन्य पिछड़ा वर्ग अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति को उनकी संख्या के अनुपात में उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्याायालय में आरक्षण दिया जाए। भारतीय संसद द्वारा पारित कानून अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 198 9 को यथावत रखा जाए। समान शिक्षा एवं अनिवार्य शिक्षा प्रणाली लागू की जाए, अनुसूचित जाति जनजाति को पदोन्नति में आरक्षण पूर्व की भांति यथावत रखा जाए। संघ लोक सेवा आयोग, राज्य लोकसेवा आयोग में भी जनसंख्या के अनुपात में अन्य पिछड़ा वर्ग अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के सदस्य नियुक्त किए जाएं। संविधान की पांचवी एवं छठी अनुसूची को लागू किया जाए। 2 अप्रैल 2018 को एससी, एसटी वर्ग के लोगों पर लगाए गए झूठे प्रकरण वापस लिए जाएं। वार्ता में पदाधिकारियों ने बताया की मध्यप्रदेश में 200 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों में आरक्षित वर्ग के सर्वाधिक मतदाता हैं। अब पिछड़ा वर्ग अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति वर्ग के समक्ष यह विविशता उत्पन्न हो गई है कि विधानसभा लोकसभा में प्रर्याप्त प्रतिनिधित्व के लिए अपने ही वर्ग के प्रत्याशी को वोट दें। आरक्षण, एट्रोसिटी एक्ट एवं संविधान का विरोध करने वाले किसी भी पार्टी के स्वर्ण वर्ग के प्रत्याशी को हम वोट नहीं देंगे।
राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
सोलंकी ओर नरेला ने बताया कि ओबीसी, एससी एसटी के सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं की रविवार को बैठक आहूत की गई। बैठक में विभिन्न मांगों को लेकर विचार विमर्श किया गया। बैठक में बताया गया कि 23 सितम्बर को भोपाल में आयोजित रैली में लाखों की संख्या में उपस्थित होकर अपनी मांगों के समर्थन में एकता का परिचय दिया जाएगा। बैठक के बाद एक संयुक्त ज्ञापन राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम सौंपा गया। नायब तहसीलदार मुकेश बामनिया को ज्ञापन सौंपते समय जीनगर समाज जिलाध्यक्ष मनोहर सोनगरा, मोतीलाल सांखला, थानमल चौहान, बंगाली समाज जिलाध्यक्ष गोपाल विश्वास, तेली समाज से रामचंद्र राठौर, महाराष्ट्रीयन समाज से संजीव वाकोडे, वाघ यादव समाज से लक्ष्मीनारायण यादव, कोरी बनोधा समाज से बालकृष्ण बनोधा, सालवी समाज से गोवर्धन सालवी, भील समाज से नारायण दयाण, अखिल भारतीय वाल्मीकि महासभा से रामूराम डागर, बलाई समाज से आर एल मालवीय, जाटव समाज से राम प्रसाद जाटव, रैगर महासभा से सूरजमल आर्य, नाजी संगठन से विक्रम परिहार, प्रहलाद डांगी उपस्थित रहे। ज्ञापन का वाचन डा. पहलाद डांगी के द्वारा किया गया।