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दो संस्थाओं के बीच उलझी गर्भवती

locationनीमचPublished: Oct 17, 2018 12:35:38 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

एनडीपीएस प्रकरण में पति बीकानेर जेल में है बंदसीडब्ल्यूसी और चाइल्ड लाइन के बीच में उलझा हुआ है मामला

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दो संस्थाओं के बीच उलझी गर्भवती

नीमच. दो घंटे तक गर्भवती को घर के बाहर खड़ा रहना पड़ा। इस दौरान चाइल्ड लाइन की टीम की महिला सदस्य उसके साथ थीं। तनाव में उसने काकरोच मारने की दवा खा ली है। इसके बाद शिशु ग्रह की संचालिका ने उसे घर से बाहर निकाल दिया। बाद में चाइल्ड लाइन की सदस्य ने गर्भवती को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से प्रकरण की जांच की जा रही है।
चित्तौडग़ढ़ में थी गर्भवती
सीडब्ल्यूसी चित्तौडग़ढ़ से गर्भवती को नीमच सीडब्ल्यूसी को 14 अक्टूबर को सौंपा गया था। चूंकि नीमच में बालिका सुधारग्रह नहीं है। ऐसे में एक गर्भवती को दो दिन के लिए शिशुग्रह इंदिरा नगर में रखा गया था। वहां 15 अक्टूबर की रात उसने काचरोच मारने की दवा खा ली थी। इसके बाद उसे संचालिका ने घर से बाहर निकाल दिया था। सूचना मिलने पर चाइल्ड लाइन की चंदा साल्वी मौके पर पहुंची थीं। उन्होंने पूरे मामले की जानकारी पुलिस को दी और गर्भवती को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। साल्वी ने बताया कि मैंने गर्भवती से चर्चा की तो उसने बताया कि घर से भाग कर उसने शादी की थी। उसका पति एक महीने पहले 6 हजार रुपए देकर गया था। एक महीने निम्बाहेड़ा में रही। रुपए खत्म होने पर पति की तलाश में निकली तो सीडब्ल्यूसी चित्तौडग़ढ़ के सम्पर्क में आई थी। साल्वी ने बताया कि लड़की जिला मुख्यालय के नजदीक के एक गांव की रहने वाली है। उसका पति डोडाचूरा तस्करी के मामले में बीकानेर जेल में बंद है। माता-पिता ने लड़की को रखने से मना कर दिया। ससुराल पक्ष भी उसे रखने को तैयार नहीं है। सीडब्ल्यूसी नीमच के संचालक प्रवीण शर्मा ने बताया कि गर्भवती होने की वजह से उसे सुरक्षा की दृष्टि से इंदिरा नगर स्थित शिशुग्रह में दो दिन के लिए रखवाया था। वहां उसने आत्महत्या करने की कोशिश की थी। उसे घर से बाहर निकाला गया इसकी जांच करने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। फिलहाल लड़की की तबीयत ठीक है।
मामला बिगडऩे पर हमारे पास आया
कलेक्टर के निर्देश पर दत्तक ग्रह, चाइल्ड लाइन और बाल कल्याण समिति को नोटिस जारी किए है। जिम्मेदारी सीडब्ल्यूसी की बनती है। रात को दत्तक ग्रह भेजने की बजाय महिला सशक्तिकरण को सूचना देना थी या गर्भवती थी तो अस्पताल में भर्ती कराना था। जब मामला बिगड़ गया तब हमें जानकारी दी गई। यदि बच्ची को कुछ हो जाता तो इसकी जिम्मेदार किसकी रहती। बच्ची ने आत्महत्या करने की कोशिश की इस बारे में मुझे जानकारी नहीं है। फिलहाल बच्ची का जिला अस्पताल में उपचार चल रहा है। उसके परिजनों और ससुराल पक्ष से चर्चा की जा रही है।
– रेलम बघेल, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी
जिस लड़की को अस्पताल में भर्तीकराया गया है वो नाबालिग है या नहीं इस संबंध में अब तक वैध दस्तावेज सामने नहीं आए है। लड़की गर्भवती है। उसे जिला चिकित्सालय में भर्ती करा दिया गया है। उसकी शादी हो चुकी है। पति जेल में बंद है। पूरे मामले की जांच के लिए एक टीम गठित की है जो पूरे प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।
– राकेशकुमार श्रीवास्तव, कलेक्टर
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