नीमचPublished: Oct 20, 2018 12:08:18 pm
harinath dwivedi
पथ संचलन में कदमताल करते हुए निकले स्वयं सेवक-बोहरा और मुस्लिम समाज ने स्वागत कर दिया कौमी एकता का संदेश
-सैंकड़ों की संख्या में शामिल थे पथ संचलन में स्वयं सेवक
नीमच. विजयादशमी के उपलक्ष्य में शुक्रवार सुबह निकले पथ संचलन में सैंकड़ों की संख्या में स्वयं सेवक शामिल थे। कदमताल करते हुए स्वयं सेवक शहर के जिस मार्ग से निकले, उस मार्ग पर फूलों की वर्षा कर भव्य स्वागत किया गया। ऐसे में शहर के प्रमुख चौराहों पर मुस्लिम व बोहरा समाजजनों ने भी स्वागत कर कौमी एकता का संदेश दिया। वहीं शहर के प्रमुख मार्ग और चोराहों पर रांगोली भी सजाई गई थी।
शुक्रवार सुबह करीब 7.30 बजे से मीडिल स्कूल मैदान में कार्यक्रम की शुरूआत हुई। जहां भारतमाता एवं आरएसएस संस्थापक डॉ केशवराव बलिराम हेडगेवार, माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर के चित्र पर माल्यार्पण कर ध्वज वंदना के बाद बौद्धिक हुआ। जिसमें संघ के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांत बौद्धिक शिक्षण प्रमुख धीरसिंह ने बौद्धिक दिया। जिला कार्यवाह चन्द्रशेखर योगी, नगर संघ चालक कमल गट्टानी मंचासीन थे। मीडिल स्कूल मैदान से 9 बजे पथ संचलन प्रारम्भ हुआ। स्वयंसेवक हाथ में दंड लेकर कदम से कदम मिलाकर निकले। ऐसे में शहर के प्रमुख मार्गों पर महिलाओं ने पुष्पवर्षा रांगोली बनाकर स्वागत किया। वहीं कहीं-कहीं दीप आरती भी उतारी गई। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के घोष की धुन पर स्वयं सेवक कदमताल करते हुए निकले। पथ संचलन मीडिल स्कूल से प्रारंभ होकर भाग्येश्वर मंदिर होते हुए गायत्री मंदिर, टीवीएस शोरूम, सांई मंदिर, मैसी शोरूम, यादव मंडी नीमचसिटी, पिपली चौक, सरदार मोहल्ला, प्रताप चौक, सांवरियाजी मंदिर, बगीचा नं. 10 व 13, रोड़वेज बस स्टेण्ड, बारादरी चौराहा, नया बाजार, घंटाघर, जाजू बिल्ंिडग, पुस्तक बाजार, जैन भवन मार्ग होते हुए मीडिल स्कूल मैदान में संघ स्थानक शाखा पहुंचकर ध्वज वंदना के साथ सम्पन्न हुआ। पथ संचलन में सैंकड़ों की संख्या में पूर्ण गणवेशधारी स्वयंसेवक उपस्थित थे।
बौद्धिक में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांत बौद्धिक शिक्षण प्रमुख धीरसिंह ने कहा कि राष्ट्र निर्माण और राष्ट्र हित को सर्वोपरि मानते हुए प्रतिफल अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करना चाहिए। राष्ट्र प्रेम की भावना से ही शक्तिशाली और विकसित राष्ट्र का निर्माण होता है। उन्होंने जापान का उदाहरण देते हुए बताया कि 1945 में परमाणु बम की त्रासदी को झेलते हुए भी मदद में मिले जहाज से भरे संतरे इस लिए समुद्र में फेंक दिए कि जापान के संतरें उत्पादक का क्या होगा । उन्होंने इजराइल के उत्कृष्ट राष्ट्र का उदाहरण देते हुए बताया कि यह देश चारों और से दुश्मन राष्ट्रों से घिरा होने के बावजूद सुरक्षित है। क्योंकि वहां के नागरिक देश, सुरक्षा एवं विकास के लिए हर समय अपने जीवन की परवाह न करते हुए अपने कर्तव्य को निभाने के लिए तत्पर रहते हैं।1962 में चीन ने भारत की हजारों किलोमीटर जमीन दबा ली और मौका मिलते ही डोकलाम हथियाने के लिए विवाद खड़े करता रहता है हमारा शत्रु ताकतवर न बनें इसलिए चीनी पदार्थो का बहिष्कार करना चाहिए। स्वदेशी उत्पादनों का उपयोग कर भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में सहयोगी बनना चाहिए। सर संघ चालक डॉ. हेडगेवार ने 1925 में विजयादशमी पर्व के दिन मोहिते के बाड़े नागपुर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की स्थापना की थी। सम्पूर्ण हिन्दू समाज को संगठित कर राष्ट्र को परम वैभव पर पहुंचाने के लक्ष्य को लेकर दैनिक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की शाखा के माध्यम से करोड़ों सेवकों को साथ लेकर कर्तव्यों के लिए कटिबंध रहता है । संघ राष्ट्र हित को अपने प्राणों से भी ज्यादा प्यार करता है।
पथ संचलन के स्वागत में दिखी कौमी एकता
जिस मार्ग से पथ संचलन निकला। वहां विभिन्न संस्थाओं, सामाजिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों, आदि ने पुष्पवर्षा कर भव्य स्वागत किया। वहीं मुस्लिम समाजजनों ने स्वागत कर कौमी एकता का संदेश दिया। जहां बोहरा गली के समीप बोहरा समाजजनों ने स्वागत किया। वहीं पुस्तक बाजार, घंटाघर आदि स्थानों पर मुस्लिम समाज द्वारा पुष्पवर्शा कर स्वागत किया।
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