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चुनाव के चलते चुनौती बना नापतोल की कार्रवाई का लक्ष्य

-त्यौहारी बाजार शुरू, ठंडी पड़ी नापतौल विभाग की कार्रवाई-कार्रवाई के अभाव में मोटी कमाई कर रहे दुकानदार

नीमचOct 28, 2018 / 06:18 pm

harinath dwivedi

चुनाव के चलते चुनौती बना नापतोल की कार्रवाई का लक्ष्य

नीमच. त्यौहार के समय अधिकतर दुकानदारों द्वारा नाप तौल में गड़बड़ी कर मोटी कमाई के चक्कर में उपभोक्ताओं को चूना लगाया जाता है। चूकि इस समय उपभोक्ता भी काफी व्यस्त होता है इस कारण छोटी छोटी बातों पर ध्यान नहीं दे पाता है। इसी कारण हर बार त्यौहार आते ही जिम्मेदार जांच में जुट जाते हैं। ताकि उपभोक्ताओं को कोई दुकानदार लूट न सके। लेकिन इस बार चुनाव की भागदौड़ में विभागीय कार्रवाई धीमी हो चुकी है। जिसका खामियाजा भोले भाले उपभोक्ताओं को भुगताना पड़ रहा है।

बतादें की चंद दिनों बाद दीपावली का त्यौहार है। चूकि यह साल का सबसे बड़ा त्यौहार होते है। इस कारण इस पर्व के पहले ही लोग विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाने में जुट जाते हैं। जिसके चलते तेल, शक्कर से लेकर बादाम, पिस्ता तक कई प्रकार की सामग्रियों की खरीददारी जमकर होती है। चूकि बाजार में आजकल सभी सामग्रियां पैकेट में आने लगी है। ऐसे में उक्त सामग्री पर वजन तो 500 ग्राम या १ किलो लिखा होता है। लेकिन वास्तविकता में उस पैकेट में कितनी सामग्री है यह केवल दुकानदार ही जानता है। ऐसे में उपभोक्ताओं को काफी नुकसान होता है। क्योंकि घी, तेल, सूखे मेवे जैसी कई सामग्रियां 500 रुपए किलो से लेकर १ हजार रुपए किलो तक की होती है। उसमें से अगर दुकानदार हर पैकेट में से 50 से 100 ग्राम भी कम पैक करता है तो उससे उपभोक्ता को सीधे तौर पर 100 से 50 रुपए की चपत लगती है।
120 प्रकरण का है सालाना लक्ष्य
नापतौल विभाग को पूरे जिले में एक साल में करीब 120 प्रकरण बनने का लक्ष्य दिया गया है। जिसके तहत पिछले दो सालों से तो लक्ष्य ने १०० का आंकड़ा पार किया है। लेकिन इस बार सितंबर 2018 तक मात्र 95 ही प्रकरण बने हैं। चूकि त्यौहारी सीजन में ही सबसे अधिक कार्रवाई होती है। लेकिन इस दौरान इस बार चुनाव आने के कारण त्यौहार के दौरान जिम्मेदारों को कार्रवाई करना किसी चुनौती से कम नहीं रहेगा। क्योंकि चुनाव पूर्ण होने तक त्यौहार भी पूर्ण हो जाएंगे।
वित्तीय वर्ष प्रकरण राजस्व/ जुर्माना
2015-16 1639075
2016-17 105 1528635
2017-18 101 1642240
2018-19 95 48855
(आंकड़े वर्ष 2018-19 में सितंबर तक )
चूकि वर्ष 2015-16 की अपेक्षा अब कार्रवाई में बढ़ोतरी हुई है। पिछले दो सालों से प्रकरण 100 से ऊपर ही बन रहे हैं। हालांकि इस बार भी करीब 15 प्रकरण तो बन गए हैं। लेकिन राजस्व और जुर्माने की वूसली में अभी भी काफी अंतर नजर आ रहा है। उक्त प्रकरणों में अधिकतर केस मिठाई कम तोलना, फल फ्रूट कम तोलना, पैकेट पर लिखा वजन सही नहीं होना, गैस कम होना, पेट्रोल कम होना आदि के प्रकरण बने हैं।
पैकेट से ठगी में 5 हजार, वजन कम पर होता 15 हजार जुर्माना
उपभोक्ताओं को किसी भी प्रकार की सामग्री खरीदने से पूर्व पांच बातों पर ध्यान देना चाहिए। अगर उसमें किसी भी प्रकार की कमी पाई जाती है तो वह तुरंत शिकायत कर संबंधित पर कार्रवाई करवा सकते हैं। वर्तमान में अधिकतर सामग्री बाजार में पैकिंग में मिलती है। जिसमें किसी भी प्रकार की बात गलत लिखी होने पर संबंधित पर ५ हजार रुपए तक का जुर्माना होता है। वहीं अगर वजन में हेराफेरी होती है तो संबंधित पर 15 हजार रुपए के जुर्माने की कार्रवाई होती है।
-पैकेट पर उत्पादन तिथि लिखी हो।
-निर्माता का नाम पता लिखा हो।
-उपभोक्ता के लिए संबंधित कपंनी से शिकायत या सीधे बात करने के लिए नंबर हो।
-एमआरपी(मूल्य) लिखी हो।
-नेट वेट लिखा हो।
इस साल मात्र 1300 दुकानों का हुआ निरीक्षण
हर साल नाततोल विभाग द्वारा करीब 2000 से 2400 स्थानों पर जांच कर निरीक्षण किया जाता है। लेकिन इस बार मात्र सितंबर 2018 तक मात्र 1300 स्थानों पर ही निरीक्षण हो पाया है। इस मान से करीब 50 प्रतिशत स्थानों पर निरीक्षण होना बाकी है। लेकिन चुनाव के चलते त्यौहारी सीजन में भी निरीक्षण का कार्य प्रभावित हो रहा है। जिससे आंकड़ा बढऩे का नाम नहीं ले रहा है।
वर्जन.
उपभोक्ता खरीददारी करते समय जागरूक रहें। उन्हें पैंकिग वस्तु या अन्य किसी सामग्री में वजन की गड़बड़ी नजर आए तो शिकायत करें। ताकि तुरंत कार्रवाई की जा सके। हमारे पास शिकायत आने पर तुरंत कार्रवाई की जाती है। वैसे तो हमारे द्वारा समय समय पर निरीक्षण किया जाता है। जिसमें गड़बड़ी पाए जाने पर कार्रवाई की जाती है।
-पीएस बारापात्रे, निरीक्षक, नाततोल
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