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समर्थन मूल्य से 400 रुपए कम बिक रही मक्का, अन्नदाता मायूस

locationनीमचPublished: Nov 01, 2018 11:51:22 am

Submitted by:

harinath dwivedi

-एक साल सभांली फिर भी नहीं मिले लहसुन अच्छे दाम-मजबूरी में अंतिम दौर में बेच रहे लहसुन

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समर्थन मूल्य से 400 रुपए कम बिक रही मक्का, अन्नदाता मायूस

नीमच. जहां एक ओर भावांतर भुगतान योजना के तहत बिक रही सोयाबीन में अन्नदाताओं को पिछले दो दिनों से बेहतर दाम मिल रहे हैं। वहीं मक्का में किसानों को समर्थन मूल्य से करीब 400-500 रुपए प्रति क्ंिवटल कम मिल रहे हैं। ऐसे में अन्नदाता मजबूरी में मक्का बेच तो रहे हैं। लेकिन उन्हें कोई लाभ नहीं मिल रहा है।
यह बात बुधवार को कृषि उपज मंडी में मक्का बेचने आए किसानों ने कही, उन्होंने बताया कि वैसे तो मक्का का समर्थन मूल्य 1700 रुपए प्रति क्ंिवटल सरकार द्वारा निर्धारित किया गया है। लेकिन वास्तविकता में मक्का 800-900 रुपए प्रति ङ्क्षक्वटल से लेकर 1970 रुपए प्रति क्ंिवटल बिक रही है। जिससे किसान को सीधे तौर पर 400-500 रुपए प्रति क्ंिवटल का सीधा नुकसान हो रहा है। लेकिन त्यौहारी समय होने के कारण अधिकतर किसान मजबूरी में जो दाम मिल रहे हैं उसमें बेचने को तैयार हैं।
मैं नहीं बेचूंगा कम दाम मैं
मेरी मक्का 962 रुपए प्रति क्ंिवटल के दाम पर नीलाम हुई। चूकि काफी कम दाम पर नीलाम हुई। इस कारण मैंने तुरंत कैंसिल करवा दी, क्योंकि इतने कम दाम पर में नहीं बेचूंंगा। जरूरत पड़ी तो दोबारा मंडी में नीलामी में लगाऊंगा। हालांकि 500 रुपए प्रति क्ंिवटल बोनस मिलेगा। लेकिन बोनस के चक्कर में अच्छे दाम नहीं मिल रहे हैं।
-किशनलाल भील, किसान किरपुरा,
मैं मक्का लेकर मंगलवार रात को ही आ गया था। ताकि बुधवार को समय पर नीलामी हो जाए। लेकिन करीब डेढ़ बजे नीलामी हुई। मेरी मक्का बेहतर होने के बाद भी 1344 रुपए प्रति क्ंिवटल बिकी। ऐसे में भले ही बोनस मिले, लेकिन काफी कम दाम मिल रहे हैं। कम से कम मक्का 1500 रुपए क्ंिवटल से अधिक बिकनी चाहिए। वैसे तो अधिकतर मक्का 900 से 1100 रुपए क्ंिवटल ही बिकी है।
-जगदीश कछावा, किसान मोरवन,
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अच्छे दाम नहीं मिलने के कारण अंतिम दौर में लहसुन बेचने को मजबूर अन्नदाता
लहसुन मंडी में बुधवार को लहसुन की करीब 14 से 15 हजार बोरी की आवक रही। चूकि इस समय लहसुन की बोवनी का समय चल रहा है। ऐसे में लहसुन मंडी खचाखच भरी है। क्योंकि जिन किसानों ने सालभर तक अच्छे दाम के चक्कर में लहसुन रोक रखी थी। उन्होंने अब मजबूरी में लहसुन लाकर बेचना शुरू कर दी है। इसी के चलते लहसुन मंडी में अंतिम दौर में लहसुन की बंपर आवक हो रही है।
सामान्य रहे मंडी के हालात
जहां कृषि उपज मंडी में बंपर आवक के चलते मंगलवार को मंडी के सभी मुख्य द्वारों पर वाहनों की कतार लग गई थी। वहीं बुधवार को हालात सामान्य नजर आए, लहसुन सहित अन्य उपज मंडी के गेट के बाहर दोपहर में एक भी वाहन नहीं खड़ा था। हालांकि लहसुन मंडी के बाहर सुबह के समय जरूर कुछ वाहन आकर खड़े हुए थे। लेकिन जैसे ही मंडी प्रांगण में कुछ जगह खाली हुई। उन्हें प्रवेश दे दिया गया।
इस बार लहसुन के दाम काफी कम मिल रहे हैं। पहले यह सोचा था कि बाद में दाम बढ़ेंगे, लेकिन अब नई लहसुन बोवनी का समय आने के बाद भी दाम नहीं बढ़े, इस कारण मजबूरी में लहसुन बेच रहे हैं। अब चाहे जो भी दाम मिले बेचना ही है, क्योंकि अब लहसुन खराब भी होने लगी है।
-विष्णु लाल, किसान कराडिय़ा महाराज,
अच्छे दाम के चक्कर में पूरे साल लहसुन रोककर रखी थी। लेकिन पूरा साल बीत जाने के बाद भी जब अच्छे दाम नहीं मिले तो अब लहसुन बेच रहे हैं। क्योंकि अब लहसुन खराब भी होने का भय है। बुधवार को भी लहसुन 500 से 2000 रुपए प्रति क्ंिवटल के दाम पर नीलाम हुई है।
-कैलाश सिंह, किसान मंगलोर,
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