विद्यालयों की मान्यता को लेकर सीबएसई की ओर से जारी नियमों के अनुसार मान्यता के मामलों में सीबीएसई केवल शिक्षा और कोर्स से जुड़ेे मुद्दों पर नजर रखेगी, जबकि स्कूलों की सुविधाओं का निरीक्षण राज्य के अधिकारी करेंगे। स्कूलों में भवन, खेल मैदान, पेयजल आदि कि व्यवस्थाओं की जांच जिला शिक्षा अधिकारी अध्यक्षता में बनी कमेटी करेगी। अभी तक स्कूलों को मान्यता संबंधी सभी जांच सीबीएसई की ओर से की जाती थी, जबकि संचालको को राज्य सरकार से एक अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होता था। लेकिन अब जिला स्तर के अधिकारियों के दल के निरीक्षण के बाद एनओसी जारी की जाएगी।
नए नियम को लेकर हडकंप नए नियमों को लेकर सीबीएसई स्कूल संचालकों में हडकंप मची हुई है। शहर के सीबीएसई स्प्रिंगवुड स्कूल के एकेडमी संचालक राहुल पॉल का कहना है कि नई व्यवस्था से मान्यता नवीनीकरण प्रक्रिया और जटिल हो जाएगी। सीबीएसई स्कूल पूर्व में नियमों का पालन करते आए है। अभी भी करेंगे। बस अर्नल ऑबजेक्ट नहीं होने चाहिए। सीबीएसई प्राइवेट संस्था है। इनकी जांच गर्वमेंट बॉडी को देना सही भी है और गलत भी है।
अभी आदेश विभाग को नहीं मिले है पहले पूरे प्रदेश के स्कूलों की एनओसी सीधे डायरेक्ट्रेट से होती थी। जिसमें सकूल संचालक घालमोल कर ले जाते थे। लेकिन अब अधिकार विकेन्द्रित हो जाएंगे। अभी मान्यता के अधिकार को लेकर कोई पत्र या आदेश नहीं आया है। लेकिन इस पर प्रक्रिया चल रही है। इस स्कूल सत्र में नियम लागू होने की संभावना है।
– केसी शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी नीमच।