अंबेडकर कॉलोनी समीप बस्ती निवासी सुखराम चंद्रवंशी ने बताया कि बंगला नंबर 60 नगरपालिका से तीन साल पहले 250 परिवार को विस्थापित किया गया था। यहां पर लोगों को स्थान देकर विश्वास दिलाया गया था, उन्हें यहां पर मकान बनाने के लिए लोन दिया जाएगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। स्वच्छ भारत अभियान के तहत बस्ती में ऐसे परिवार जिनके घरों के पक्के शौचालय नहीं थे, उन्हें अभियान के तहत हुए सर्वे में शामिल किया गया था। इन परिवारों के नाम सूची में आने के बाद नगरपालिका ने करीब 1500 रुपए की रसीदे कटवाई थी। रसीदें कटवाने के बाद भी नपा प्रशासन उन हितग्राहियों के घरों में टॉयलेट निर्माण का काम चालू करना ही भूल गया है। रसीद कटने के बाद से ही लोगों को अपने घरों में शौचालय बनने का इंतेजार हैं।
जयसिंह रोड पर बस्ती निवासी मुकेश भील ने बताया कि बस्ती में कई परिवार ऐसे है, जहां पर हितग्राहियों को अब भी घर में शौचालय बनाने का इंतेजार है। इन परिवारों में रहने वाले लोग टॉयलेट के लिए अब भी बाहर खुले में जाने को मजबूर है। बस्ती में करीब 150 घर ऐसे है, जिनके घरों में टॉयलेट नहीं हैं। महिलाओं ने नहाने के लिए साड़ी व चादर से चार दीवारी कर बॉथरूम बना रखा है। एक साल से अधिक हो गया शौचालय बनाने के लिए रसीद काटे जाने का, लेकिन अभी तक शौचालय बनाने नहीं आए हैं।
शहर में अधिकांश हितग्राहियों के घर में शौचालय बनाए जा चुके हैं। कुछ लोगों ने हो सकता है कि बाद में रसीद कटाई होगी, जिससे उनके यहां पर काम नहीं हो पाया होगा। विधानसभा चुनाव के चलते आचार संहिता में भी कार्य बंद हो गए थे। जो हितग्राही रह गए हैं, उनके यहां भी जल्द से जल्द शौचालय का निर्माण शुरू होगा।
-संजेश गुप्ता, सीएमओ नीमच।