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video मालवा की माटी में नीमच की बेटी छोड़ेगी सांसारिक सुख

locationनीमचPublished: Feb 04, 2019 09:40:24 pm

Submitted by:

Mahendra Upadhyay

-नीमच में 33 साल बाद हो रहा दीक्षा समारोह -एमबीए फस्र्ट क्लास जयति छाजेड़ लेंगी 10 फरवरी को दीक्षा

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video मालवा की माटी में नीमच की बेटी छोड़ेगी सांसारिक सुख

नीमच. शिक्षा के क्षेत्र में एमबीए फस्र्ट क्लास कर चुकी नीमच की बेटी जयति छाजेड़ चंद दिनों बाद सांसारिक सुख छोड़कर दीक्षा ग्रहण करेगी। वैसे तो नीमच निवासी जैन समाज के कई लोगों द्वारा इससे पहले भी दीक्षाएं लेकर मोक्ष का मार्ग अपनाया है, लेकिन ऐसा अवसर 33 साल बाद आ रहा है, जब नीमच की माटी में ही एक युवति सांसारिक मोह छोड़कर भगवान महावीर का संदेश जन-जन तक पहुंचाने के लिए कदम बढ़ाएगी।
तीन साल पहले ही ठान लिया था मोक्ष का मार्ग
नीमच जैन कॉलोनी निवासी जयति छाजेड़ पिता विजयकुमार छाजेड़ का जन्म १० दिसंबर 1992 को इंदौर में हुआ था। उन्होंने नीमच के ज्ञानोदय महाविद्यालय से एमबीए 78 प्रतिशत से फस्र्ट क्लास पास किया, इसके बाद उन्होंने कर सलाहकार के यहां काम भी किया, उनकी एकाउंट्स में रूचि होने के कारण टेली और एकाउंट्स का काम बखूबी आता है। इसी बीच करीब तीन साल पहले वे कुलपाक हैदराबाद में वर्षीतप के पारणे में शामिल होने गई तो वहीं से उनका मन बदल गया और उन्होंने भी सांसरिक सुख छोडऩे की ठानी, तभी से वे अमीपूर्णा श्रीजी मसा व अमीदर्शा मसा के साथ विहार करने लगी। जिसके चलते उन्होंने हैदराबाद, कन्याकुमारी, नागपुर, चेन्नई आदि कई स्थानों व तीर्थों का भ्रमण महाराज साहब के साथ किया।
33 साल बाद नीमच की माटी में होगा दीक्षा समारोह
उक्त जानकारी देते हुए जयति छाजेड़ के पिता विजय कुमार छाजेड़ ने बताया कि नीमच में 33 वर्ष पहले 21 जनवरी 1988 को चित्राजी सुपुत्री चंद्रकांता प्रकाश मानव की दीक्षा नीमच के दशहरा मैदान में हुई थी। इसके बाद नीमच निवासी जैन समाज से कई लोगों ने दीक्षाएं ली है। लेकिन नीमच में ही दीक्षा होने का यह अवसर ३३ साल बाद आया है। जब जयति छाजेड़ दीक्षा ले रही है। उन्होंने बताया कि यह दीक्षा आचार्य प्रवर हेमचंद्र सागर सूरिश्वर महाराज साहब द्वारा दी जाएगी। जिन्होंने रतलाम से विहार कर नीमच में मंगल प्रवेश किया है। दीक्षा लेने के बाद जयति छाजेड़ अमीपूर्णा श्रीजी मसा, अमीदर्शा श्रीजी मसा की शिष्या लब्धिपूर्णा श्रीजी मसा की शिष्या बनेगी। दीक्षा के साथ ही जयति छाजेड़ को दूसरा नाम मिलेगा।
हाथी की अंबाड़ी पर बैठकर निकलेगा वर्षीदान का वरघोड़ा
मुमुक्षु जयति छाजेड़ की भव्य वर्षीदान रथयात्रा ९ फरवरी को जैन कॉलोनी मीडिल स्कूल के समीप से निकलेगी। इस दौरान जयति हाथी के ऊपर सवार होंगी। वर्षीदान का वरघोड़ा प्रात: ९ बजे शंखेश्वर पाश्र्वनाथ मंदिर से प्रारंभ होगा, जो कमल चौक, फव्वारा चौक, घंटाघर, पुस्तक बाजार, जैन भवन होते हुए मीडिल स्कूल प्रांगण में पहुंचकर सम्पन्न होगा। इसके बाद 10 फरवरी को दीक्षार्थी का वरघोड़ा प्रात: 7 बजे निवास स्थान से निकलेगा। जिसके बाद मीडिल स्कूल ग्राउंड में प्रात: ९ बजे से दीक्षा विधी कार्यक्रम प्रारंभ होगा।
संसार में सार नहीं मानते हुए असार मानकर, सयंमित जीवन की ओर अग्रसर जयति छाजेड़, इस मार्ग को पाकर प्रभु महावीर का संदेश जनजन तक पहुंचाने का प्रयास करेंगी। वे अपनी आत्मा का कल्याण कर मोक्ष को प्राप्त करें, यह परिजनों की इच्छा है।
-विजय छाजेड़, जयति छाजेड़ के पिता

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