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किराये के भवनों में चल रही आंगनबाड़ी

locationनीमचPublished: Feb 12, 2019 07:53:11 pm

Submitted by:

Mahendra Upadhyay

– तीन-चार माह से नहीं मिल रहा किराया- मकान मालिक बना रहे खाली करने का दबाव

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किराये के भवनों में चल रही आंगनबाड़ी

नीमच। किराये के भवनों में चल रही आंगनवाड़ी में दर्ज संख्या के आधे बच्चे भी नहीं आ रहे बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने वाले आंगनवाड़ी केंद्र ही अव्यवस्थाओं से घिरे हैं। शहर में 90 फ ीसदी आगनबाड़ी अधिकतर किराये के मकान में संचालित है। इनमें मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं। कहीं बिजली नहीं है, कहीं कहीं पंखे और पेयजल के इंतजाम नहीं हैं। इस कारण इन केंद्रों पर बच्चों की संख्या लगातार कम होती जा रही है। कई आंगनवाड़ी केंद्र 10 बाय 10 के छोटे कमरे में संचालित है।

जिले में 10१2 आंगनवाड़ी केंद्रों में से ३१२ किराये के भवन में चल रही है। किराये के भवन में आंगनवाड़ी संचालित करने के लिए शासन द्वारा 1500 से 3 हजार रुपए निर्धारित हैं। शहर के कई पॉश इलाके ऐसे हैं जहां भवन 4 हजार से 5 हजार रुपए किराये में नहीं मिल रहे हैं। इन हालातों में कई आंगवाडिय़ों को सर्वसुविधायुक्त मकान नहीं मिल रहे हैं। इससे महिलाओं-किशोरियों व बच्चों को शासन की योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। कई ग्रामीण इलाकों में एक कमरे में आंगनवाड़ी के साथ ही प्राथमिक स्कूल भी संचालित हो रही है।
किराये के भवन में नहीं सुविधा
जवाहरनगर स्थित आंगनवाड़ी केंद्र 50 में ज्यादा बच्चे का पंजीयन है। यहां २५ बच्चे आ रहे हैं। न तो बिजली की व्यवस्था है और न खाद्य सामग्री रखने के इंतजाम हैं। कक्ष के बाहर बोर्ड तक नहीं लगा है। छोटे से कमरे में व्यवस्था तक नहीं है। आंगनवाड़ी खुलने और बंद होने का कोई समय निर्धारित नहीं है।
किराया समय पर नहीं मिलने खाली करने दबाव
जवाहर नगर विस्तार स्थित आंगनबाड़ी संचालिका सरोज का कहना है कि किराये के भवन में यहां पर आंगनबाड़ी चलती है। मानदेय भी निर्धारित है, २५०० रुपए में दो कमरे और अन्य सुविधा नहीं मिल पाती है। वहीं किराया भी समय पर नहीं आता है। पांच माह से किराया अभी नहीं आया है। जिससे मकान मालिक भी खाली करने का दबाव बनाते है। अभी यहां पर दो साल से चल रही है। इससे पूर्व अन्य स्थान पर थी।
अव्यवस्थाओं को लेकर सुधारने के प्रयास रहता है
जिले में ३१२ आंगनबाड़ी किराये के भवन में चल रही है। यह बात सही है अभी पांच माह से किराये का भुगतान नहीं हुआ है। जिससे काफी दिक्कत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आती है। मकान मालिक भी दबाव बनाता है। इन सारी समस्याओं से विभाग के उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है। लेकिन कुछ अव्यवस्था के कारण देरी हो जाती है।
– रेलम बघेल, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास नीमच।
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