असली हेलमेट पर आइएसआई मार्कां सबसे बड़ी पहचान है। यह हेलमेट बनाते समय ही डी प्लस 50 डिग्री और माइन्स 20 डिग्री तापमान से चेक करके देखा जा सकता है। सुरक्षा के लिए इसमें 500 से 520 मिलीमीटर का लेयर होती है। गिरने या इस पर लोहे के सरिया मारने से भी इसे नुकसान होने की संभावना कम रहती है।शहर के मुख्य मार्ग पर सड़क किनारे काफी ठेले पर नकली हेलमेट बेच रहें हैऔर कई तो दुकान पर भी नकली हेलमेट बिक रहें हैं। जिनकी कीमत करीब 70 से 150 रुपए डिजायन के अनुसार है।
मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 129 के तहत आइएसआई मार्कां वाला हेलमेट पहनना जरूरी है। इसके बावजूद वापुलिसवाहन चालकों के सिर पर केवल हेलमेट देखती है। हेलमेट लागू करने के साथ उसकी गुणवत्ता का ध्यान रखना भी जरूरी है। तब ही उसकी सार्थकता है।
हेलमेट नहीं लगाना यातायात नियमों का उल्लघंन है। जो लोग इसे नहीं लगाते हम उन पर कार्रवाई करते है। जहां तक नकली हेलमेट का सवाल है तो आमजन को इसके लिए स्वयं ही जागरूक होना होगा। जिसके लिए कई बार समझाइश दी जाती है।
– मोहन भर्रावत, प्रभारी यातायात थाना नीमच।