कथा में मीठेे रस से भरिपोडि़ राधा रानी लागे…. भजेजा राधे राधे…., राधा नाम बड़ा अनमोल है…सांवली सूरत पे मोहन का दिवाना हो गया….बांके बिहारी इतना ना कियो श्रृंगार नजर तोहे लग जायेगी….. आदि भजनों पर श्रद्धालु झुम कथा में महाराज श्री ने यदुवंश, शेषनाग, सूर्य ग्रहण, मित्रवृन्दा, भ्रदा, लक्ष्ना, श्रीकृश्ण के 16 00 विवाह भौमासुर, जामनंती, जरासंद, श्रीकृष्ण सुदामा, युधिश्टर, अर्जुन, भीम, मगध, द्वारिका, रणछौड, शिशुपाल, केवट आदि धार्मिक प्रसंगों का वर्तमान परिप्रेक्ष्य में महत्व प्रतिपादित किया । कथा में अंतिम प्रंसग का कथा वाचक ने सुन्दर वर्णन श्रोताओं को सुनाया तो भक्ति पांडाल भगवान के जयकारे से गुंज उठा सात दिवसीय श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा महोत्सव का श्रीकृष्ण सुदामा मिलन प्रंसग के साथ मार्मिक अंदाज में विश्राम हुआ । भागवत कथा श्रवण करने के लिए सैकड़ों भक्तों का जन सैलाब उमड़ा । भागवत कथा में मौजूद भक्त सुखदेव मुनि, सुभ्रदा अर्जुन विवाह, गुरू दत्तात्रेय, 24 गुरू कथा, यदुवंश विनाश, मॉं महान, कृष्ण सुदामा प्रंसग सूनकर भाव विहल हो झुमने को मजबूर हो गए अरे द्वार पालों कन्हैया से कह दो, दर पर सुदामा गरीब आ गया है ऐसे ही कई भजनों पर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे । कृष्ण-सुदामा की झांकी में श्रीकृष्ण जतिन लाठी, राधा सजना लाठी, सुदामा निरंजन शर्मा ने आकर्षक अभिनय प्रस्तुत किया ।
शोभायात्रा में उमड़ा जनसैलाब
कथा विश्राम के बाद भागवत पौथीजी की शोभायात्रा बैण्डबाजों एवं भजन कीर्तन के साथ माहेष्वरी भवन वीर पार्क रोड़ से प्रारम्भ हुई जो नगर के प्रमुख मार्गो से होती हुई। राम मंदिर पहूंची । शोभायात्रा महाराज श्री सहित श्रद्धालु भक्त उपस्थित थे । इससे पूर्व यज्ञ में श्रद्धालुओं ने मंत्रोच्चार के साथ आहूतिया दी । कथा आरती के बाद प्रसादी के रूप में श्रद्धालुओं को वितरित किया गया ।
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