scriptआतंकवाद से ज्यादा खतरा ग्लोबल वार्मिंग से इसलिए एक पौधा जरूर लगाएं- | neemach news | Patrika News

आतंकवाद से ज्यादा खतरा ग्लोबल वार्मिंग से इसलिए एक पौधा जरूर लगाएं-

locationनीमचPublished: Mar 08, 2019 06:49:54 pm

Submitted by:

Mahendra Upadhyay

– यज्ञ मे आहूति के साथ श्रीमद् भागवत कथा का विश्राम –

patrika

आतंकवाद से ज्यादा खतरा ग्लोबल वार्मिंग से इसलिए एक पौधा जरूर लगाएं-

नीमच । आज मित्रता समानता वाले लोगों से ही की जाती है अमीर-अमीर से दोस्ती करता है, गरीब-गरीब से करता है, बुरे व्यसन वाले अपने अनुरूप दोस्ती करते है आज दोस्ती का आधार आचार-विचार, व्यवहार तथा संपति तक सिमट गया है। भागवत कथा में कृष्ण-सुदामा की मित्रता का वर्णन करते हुए कहा कि भक्ति के मार्ग पर चलने वाले पर लोग आपत्तिया करते है, किसी भी संत, साधु तथा भक्तों का भक्ति मार्ग पर चलने का इतिहास देखे तो लोग उन पर कीचड़ उछालने से नहीं चूकते है । यह बात आचार्य गोस्वामी गोपाल भैया ने कही।
वे माहेश्वरी समाज नीमच के तत्वाधान में माहेश्वरी महिला मण्डल नीमच द्वारा 7 मार्च गुरूवार दोपहर को माहेश्वरी भवन में आयोजित श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा उत्सव के अंतिम दिवस बोल रहे थे उन्होने कहा कि धन संग्रह करे तो चिन्ता बढ़ती है, भगवान नाम स्मरण का पुण्य संग्रह करे तो वह जीवनपर्यन्त साथ रहता है । बिना संकल्प के भगवान नहीं मिलते है। महाराज श्री ने सूर्य के बढ़ते तापमान पर चिंता जताते हुए कहा कि जीतना आतंकवाद से खतरा नहीं है उतना ग्लोबल वार्मिग से खतरा है उन्होने इसके लिए सभी से एक पौधा जरूर लगाने का आव्हान किया । उन्होने कहां कि बच्चों के प्रथम गुरू माता-पिता होते है लोगों की जिन्दगी में खुशी तो है परन्तु स्वस्थ जीवन के लिये उनके पास समय नही है दीक्षा गुरू एक होता है शिक्षा गुरू अनेक होते है गुरू हमेशा शिव समान होना चाहिए । गुरू बिना आत्मा में परमात्मा नहीं मिल सकती । जीवन मे ंसच्चे मित्र का होना आवश्यक हे । अच्छे मित्र हमेषा सुख दुख में साथ रहते हे मित्रता में अमीर गरीब का कोई भेद नहीं रहता है हर व्यक्ति को भगवान कृश्ण एवं सुदामा की मित्रता से सीख लेनी चाहिए । जिससे जीवन जीने की कला सीख ली, समझो उसके जीवन का बेडा पार हो गया । नारी यदि दिशा से भटक जाये या कहीं फिर जाएं तो समाज उसे पुन: समाज की मुख्यधारा में लाने का कार्य करे तभी नारी षक्ति का सच्चा सम्मान होगा । श्रीकृष्ण ने भौमासुर द्वारा 16 108 राजकुमारियों को जेल में बंद किया था तब श्रीकृश्ण ने उन्हें मुक्त कराकर पति का नाम देकर उन्हें वापस समाज की मुख्यधारा में लोने की अनुठी पहल की थी । मनुष्य सही समय पर प्रभु भक्ति को धारण करे तभी जीवन का कल्याण हो सकता हे शिशुपाल ने श्रीकृष्ण को 100 गालिया दी तो श्रीकृश्ण ने सुदर्शन चक्र से उसका वधकर मोक्ष प्रदान कर दिया था चन्द्र या सूर्य ग्रहण के समय भजन, जप, यज्ञ करना चाहिए । सुदामा गरीब थे दरिद्र नहीं । सुदामा भजन करते थे संतुष्ट थे सुदामा के जीवन में द्वारिका के भजन के सिवाय सके कोई बात नहीं, लेकिन हमने बुरा किया तो मानव जन्म का अधिकार खो देगें । जीवन में थोड़ा हो, परन्तु संतोश ईमानदारी से पाया हो तो जीवन में कष्ट नहीं आयेगा । हमारे अच्छे बुरे कर्म का आत्मा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता मन बुद्धि अंहकार चित्त ये हमारे जन्म के लिए साक्षी है। आत्म स्वरूप का जानना ही मोक्ष का मार्ग है। ज्ञानियों की कर्म मृत्यु नहीं होती है, अज्ञानी सदा मरते रहते है। आयोजन समिति साधुवाद एवं सम्मान योग्य कदम हे कथा कोई भी सुनाएं हम तो कथा श्रवण कर अपने जीवन को धन्य करें । मनासा विधायक माधव मारू ने कहा कि समाज और राष्ट्र के विकास बिना जीवन सार्थक नहीं होता है । कलियुग में संगठन में ही श्क्ति है महाराज श्री ने हमें भागवत उपदेष के माध्यम से जीवन जीने की कला सिखाई है जो आदर्श कदम है ।

कथा में मीठेे रस से भरिपोडि़ राधा रानी लागे…. भजेजा राधे राधे…., राधा नाम बड़ा अनमोल है…सांवली सूरत पे मोहन का दिवाना हो गया….बांके बिहारी इतना ना कियो श्रृंगार नजर तोहे लग जायेगी….. आदि भजनों पर श्रद्धालु झुम कथा में महाराज श्री ने यदुवंश, शेषनाग, सूर्य ग्रहण, मित्रवृन्दा, भ्रदा, लक्ष्ना, श्रीकृश्ण के 16 00 विवाह भौमासुर, जामनंती, जरासंद, श्रीकृष्ण सुदामा, युधिश्टर, अर्जुन, भीम, मगध, द्वारिका, रणछौड, शिशुपाल, केवट आदि धार्मिक प्रसंगों का वर्तमान परिप्रेक्ष्य में महत्व प्रतिपादित किया । कथा में अंतिम प्रंसग का कथा वाचक ने सुन्दर वर्णन श्रोताओं को सुनाया तो भक्ति पांडाल भगवान के जयकारे से गुंज उठा सात दिवसीय श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा महोत्सव का श्रीकृष्ण सुदामा मिलन प्रंसग के साथ मार्मिक अंदाज में विश्राम हुआ । भागवत कथा श्रवण करने के लिए सैकड़ों भक्तों का जन सैलाब उमड़ा । भागवत कथा में मौजूद भक्त सुखदेव मुनि, सुभ्रदा अर्जुन विवाह, गुरू दत्तात्रेय, 24 गुरू कथा, यदुवंश विनाश, मॉं महान, कृष्ण सुदामा प्रंसग सूनकर भाव विहल हो झुमने को मजबूर हो गए अरे द्वार पालों कन्हैया से कह दो, दर पर सुदामा गरीब आ गया है ऐसे ही कई भजनों पर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे । कृष्ण-सुदामा की झांकी में श्रीकृष्ण जतिन लाठी, राधा सजना लाठी, सुदामा निरंजन शर्मा ने आकर्षक अभिनय प्रस्तुत किया ।

शोभायात्रा में उमड़ा जनसैलाब
कथा विश्राम के बाद भागवत पौथीजी की शोभायात्रा बैण्डबाजों एवं भजन कीर्तन के साथ माहेष्वरी भवन वीर पार्क रोड़ से प्रारम्भ हुई जो नगर के प्रमुख मार्गो से होती हुई। राम मंदिर पहूंची । शोभायात्रा महाराज श्री सहित श्रद्धालु भक्त उपस्थित थे । इससे पूर्व यज्ञ में श्रद्धालुओं ने मंत्रोच्चार के साथ आहूतिया दी । कथा आरती के बाद प्रसादी के रूप में श्रद्धालुओं को वितरित किया गया ।
——————–
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो