जैन कान्फ्रेस ने दीक्षा लेने वाले साधु-साध्वियों के सांसारिक माता का किया सम्मान
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर किया साध्वी सम्मानित

नीमच । श्री ऑल इण्डिया ष्वेताम्बर स्थानकवासी जैन कान्फ्र ेस महिला शाखा के द्वारा दलौदा में सभी साध्वीवृन्द व पूज्य प्रर्वतक गुरूदेव रमेषमुनी मा.सा. के सानिध्य में मनाया गया। राष्ट्रीय अध्यक्षा विमल बाफना द्वारा महिला दिवस के लिए गए, संकल्प को मा.सा. व उनके परिवारजन जिन्होंने अपने पुत्र-पुत्री को जिनशासन को समर्पित किया। उनकी पुत्री, बहु, सास व बेटे को जिनषासन की प्रेरणा देकर प्रेरित किया। ऐसी 10 माताओं का सम्मान जैन कान्फ्रेस नीमच द्वारा किया गया व जैन दिवाकर श्री चौथमल मा.सा. की 124 दीक्षा जयन्ती के उपलक्ष्य में गुणानुवाद किया गया । पूज्य प्रवर्तक गुरूदेव रमेश मुनी के विजयकुंवर गुरणी का परिधान, साड़ी से आदर की चादर ओढ़ाकर सम्मानित किया गया तथा वहां पर दलौदा में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में जैन कान्फ्रेंस महिला शाखा द्वारा मूकप्राणियों को तीन बोरी अनाज दान दिया गया ।
नीमच जैन कान्फ्रेंस महिला शाखा कि रा्रष्ट्रीय उपाध्यक्ष आषा सांभर ने कहा कि महिला दिवस हर वर्ष मनाते है लेकिन जो अपने घर से संयम के पथ पर प्रेरित करने व उनकी माताओं का सम्मान करना हमारे समाज के लिये गौरव का विषय है तथा उन माताओं को वीर माता पुरूस्कार से नवाजा गया । वो एक अनुठी पहल है । इस अवसर पर जैन दिवाकर चौथमल मा.सा. की दिक्षा जंयती पर श्री पूज्य प्रवर्तक गुरूदेव श्री रमेषमुनीजी मा.सा., नरेन्द्र मुनि म.सा., उपप्रर्वतक विजयमुनि म.सा., चन्द्रेशमुनि म.सा., सिद्धार्थमुनि म.सा., व विजय कुंवर गुरूणीजी ने भी अपने प्रवचन में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस व दीक्षा जयन्ती पर वर्तमान परिप्रेक्ष्य पर प्रकाश डाला । और कहा कि जहां महिला का सम्मान होता है वहॉं सुख-समृधि आती है और देवता का वास होता है महिला समाज और राश्ट्र विकास की महत्वपूर्ण धूरी होती है महिला दो परिवारों में अपना कर्तव्य निर्वहन करती है । महिला सहनशील होती है वह दु:ख सुख में सदैव धैर्यवान रहती है ।
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