प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष २००६ में इसे मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के नाम से प्रारंभ भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा किया गया था। लेकिन उसके बाद वर्ष २०१५ में प्रदेश सरकार बदलने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसका नाम बदलकर मुख्यमंत्री कन्या विवाह एवं निकाह योजना कर दिया गया। जहां पूर्व में जरूरत का सामान और २८ हजार की एफडी दंपत्ती को सरकार देती थी। इस बार आई नई कांग्रेस सरकार ने रीति और नीति में बदलाव करते हुए विवाह अनुदान की राशि तो दोगुनी अर्थात ५१ हजार रुपए कर दी है, लेकिन राशि की एफडी नवदंपत्ती को हाथोहाथ नहीं सौंपी है। नतीजन उन्हें विभाग की लालफीताशाही में लंबी दूरी तय कर गुजरना पड़ रहा है। विवाह के समय ४८ हजार राशि के पत्र सौंपे गए थे। जिसकी राशि अब डेढ़ माह बाद खातों में आना शुरू हुई है। जबकि अधिकारियों ने तीन-चार दिन में पहले राशि खातों में आने की बात कही थी।
नहीं आई खाते में राशि
नीमच निवासी दिव्यांग मोहन ने बताया कि उसकी शादी एक फरवरी को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत हुई थी। उस वक्त उन्हें अनुदान ५१ हजार राशि का प्रमाण पत्र दिया गया था। वहीं दो दिन में राशि खाते में आने की बात कही गई थी। उसके बाद उन्हें बताया गया कि यहां सूची बनेगी और समाजकल्याण विभाग से खातों में राशि जारी होगी। काफी दिन तक कुछ पता नहीं चला और आजकल चलता रहा। अभी कुछ लोगों के खातों में राशि आ गई है, लेकिन उसके खाते में अभी भी रािश नहीं आई है। विभाग में मालूम किया तो बताया गया है कि खाता छोटा होने के चलते दूसरा खाता खुलवाना पड़ेगा।
यहां से सूची भेज दी गईहै
हमारे यहां से सभी की सूची बनाकर समाज न्याय अधिकारिता विभाग को भेज दी गई है, वहीं से राशि खातों में जारी हो रही है।
-मारीषा शिंदे , सीईओ जनपद नीमच।