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सरपंच का अवैध निर्माण होगा ध्वस्त

locationनीमचPublished: Mar 22, 2019 11:46:15 am

Submitted by:

Mahendra Upadhyay

भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व सरंपच ने लाखों के भूखंड कौडिय़ों में किए थे परिवार के नाम आवंटितजिला पंचायत सीईओ ने 7 दिन में दुकानें हटाने के दिए आदेश

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सरपंच का अवैध निर्माण होगा ध्वस्त

नीमच. जावद तहसील की ग्राम पंचायत तारापुर के पूर्व सरंपच और भाजपा जिला महामंत्री सुखलाल सेन ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर अवैधानिक रूप से परिवार के सदस्यों के नाम भूखंड आवंटित करवा लिए थे। इस प्रकरण में जिला पंचायत की ओर से ७ दिन में अवैधानिक कब्जा हटाने के आदेश ग्राम पंचायत सचिव को दिए हैं। यदि ७ दिन में कार्रवाई नहीं होती है तो अपीलकर्ता द्वारा अपरण अनशन पर बैठने की चेतावनी दी गईहै।
एसडीएम और आयुक्त भी दे चुके हैं आदेश
ग्राम तारापुर के सुखलाल सेन ने सरपंच रहते हुए वर्ष २००९ में २२ दुकानें एवं १२ आवासीय भूखंड ग्राम में आवंटित किए थे। भूखंड आवंटन का प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी जावद के न्यायालय में अनुमति के लिए प्रचलित था। एसडीएम कोर्ट से अंतिम आदेश दिनांक २२ फरवरी २०१० को हुआ। इस आदेश में कुल ३४ में से ३३ व्यक्ति अपात्र पाए गए थे। इसके चलते भूखंड आवंटन की अनुमति निरस्त कर दी गईथी। इसके बाद जिला पंचायत की ओर से पूर्व सरपंच सुखलाल सेन के खिलाफ पंचायत अधिनियम की धारा ९२ के तहत कार्रवाई प्रस्तावित की गई थी। इस प्रकरण के खिलाफ पूर्व सरंपच सेन ने उज्जैन आयुक्त के समक्ष अपील प्रस्तुत की गईथी। वहां सुनाई के बाद आयुक्त ने भी अपील खारिज कर दी थी। इसके बाद एसडीएम जावद ने दिनांक ३ मई २०१७ को अपात्र व्यक्ति को भूखंडों का आवंटन करना प्रमाणित होने पर सभी आवंटन निरस्त कर दिए थे।
परिवार के ५ सदस्यों के नाम आवंटित किए थे भूखंड
ग्राम पंचायत तारापुर के पूर्व सरपंच सुखलाल सेन (भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री) ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते वर्ष २००९ में अपने परिवार के ५ सदस्यों को २ दुकानें और ३ आवासीय भूखंड आवंटित कर दिए थे। ग्राम पंचायत अधिनियम धारा १०५ में यह प्रावधान है कि पद पर रहते हुए कोई भी पंचायत जनप्रतिनिधि स्वयं कोई लाभ प्राप्त नहीं कर सकता है। न ही परिवार के किसी सदस्य को अपने अधिकार का उपयोग करते हुए लाभ पहुंचा सकता है। ग्राम पंचायत तारापुर के पूर्व सरंपच ने अपने अधिकार का दुरुपयोग करते हुए अवैधानिक रूप से लाखों रुपए मूल्य के भूखंड मात्र ५-५ हजार रुपए में परिवार के ही ५ सदस्यों के नाम आवंटित कर दिए थे। इस मामले को ग्राम के समाजसेवी जगदीश कुमावत ने पहले जिला पंचायत और फिर एसडीएम के समक्ष उठाया था। उज्जैन आयुक्त तक भी मामला पहुंचा था। इसके बाद भी आज दिनांक तक पूर्व और वर्तमान सरपंच (पूर्व सरंपच सुखलाल सेन के पुत्र) पर वैधानिक कार्रवाई नहीं हुई।
निर्मित ४ दुकानें हटाने के हुए आदेश
समाजसेवी जगदीश कुमावत ने बताया कि एसडीएम के दिनांक ३ मई २०१७ के आदेश पर कार्रवाई नहीं होने पर मैंने १८ दिसंबर २०१८ को फिर जिला पंचायत नीमच को आवेदन देकर पंचायत राज्य अधिनियम १९९३ की धारा ३६(ग-ग) के तहत वर्तमान सरपंच को पद से पृथक करने का आवेदन दिया था। इस आवेदन पर १५ मार्च २०१९ को जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने ३ मई २०१७ को जावद एसडीएम द्वारा आदेश का पालन करने का आदेश ग्राम पंचायत तारापुर के सरंपच और सचिव को दिए हैं। जिला पंचायत सीईओ ने ग्राम पंचायत सचिव व सरपंच को दिए आदेश में ७ दिन में कार्रवाई कर सूचित करने को कहा है।
किया जा सकता है पद से पृथक
मैंने पिछले ८ साल में इस प्रकरण को कई स्तर पर उठाया है। भाजपा के कद्दावर नेता के खिलाफ कार्रवाई कराने में काफी परेशानियों का भी सामना किया। यहां तक कि मुझपर प्राणघातक हमलाभी किया गया। हमले में मेरा एक हाथ भी टूट गया था। देर आए दुरस्त आए की तर्ज पर अब मेरे प्रयास सफल हुए हैं। यदि ७ दिन में जिला पंचायत सीईओ के आदेश पर ग्राम पंचायत सचिव ने कार्रवाई नहीं की तो मैं आमरण अनशन पर बैठूंगा। वैसे नियमानुसार होना यह चाहिए कि अवैधानिक रूप से परिवार के सदस्यों को लाभ पहुंचाने पर सरंपच को पद के अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए। ऐसे ही एक मामले में जिला पंचायत सीईओ ने जीरन तहसील की ग्राम पंचायत चीताखेड़ा की महिला सरपंच को पद से पृथक किया है।
– जगदीश कुमावत, समाजसेवी तारापुर
७ दिन में कार्रवाई के हुए हैं आदेश
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की ओर से १५ मार्च २०१९ को जारी एक पत्र प्राप्त हुआ है। आदेश पर ७ दिन में कार्रवाईकरना है। पंचायत की ओर से कार्रवाई चल रही है।
– घनश्याम जायसवाल, सचिव ग्राम पंचायत तारापुर
आदेश जारी किया है
तारापुर में अवैधानिक रूप से आवंटित भूखंड के संबंध में आदेश जारी किए गए हैं। इस आदेश में ७ दिन में कार्रवाई करने को कहा गया है।
– कमलेश भार्गव, जिला पंचायत सीईओ

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