नीमच

पर्यावरण असंतुलन से आती है आपदा-

कार्यशाला को संबोधित करते अधिकारी

नीमचMar 23, 2019 / 05:47 pm

Mahendra Upadhyay

पर्यावरण असंतुलन से आती है आपदा-

नीमच। ग्रुप केन्द्र केरिपुबल, नीमच एवं कम्पोजिट अस्पताल केरिपुबल, नीमच के पारस्परिक सहयोग से मेन्स क्लब में शुक्रवार को विश्व जल दिवस का आयोजन किया गया। इस आयोजन में नीमच कैम्प स्थित अन्य अधिकारियों, जवानों तथा उनके परिवार के सदस्यों ने भाग लिया।
इस अवसर पर क्षेत्रीय कावा अध्यक्ष मोनालिका कुमार बताया कि परिवेश असन्तुलन की वजह से भारत में कहीं पर बाढ़ की स्थिति है तो कहीं पर सुखा प्रभावित क्षेत्र है। जल की कमी को पुरा करने के लिए सरकारी स्तर पर नदियों को जोडऩे की कार्रवाई चल रही है। जिससे जल का सदुपयोग किया जा सके। पानी को व्यर्थ न बहायें, जितना हो सके कम से कम पानी का व्यवहार करें और खाने पीने के लिए साफ-सुथरे जल का इस्तेमाल करने की सलाह दी । इसी कड़ी में मनोज कुमार, कमाण्डेंट, ग्रुप केन्द्र नीमच ने भविश्य में होने वाले जल संकट के बारे में अवगत कराया तथा यह भी बताया कि ग्लोबल वार्मिंग की बजह से ग्लेसियर पिघल रहे है। जो आने वाले समय में जल संकट पैदा कर सकते है। अधिक से अधिक पौधे लगायें जिससे पर्यावरण संतुलन हो सके और सभी जगह बारिष हो सके। साथ ही जल संरक्षण के उपायों के बारे में अवगत कराया। इसके साथ डॉ संसृति शर्मा, संयुक्त अस्पताल नीमच, ने बताया कि पूरे विश्व में 3/4 हिस्सा पानी है परन्तु पीने योग्य पानी सिर्फ 1 प्रतिशत ही है। पानी के उचित उपयोग के नियम बनायें। प्लास्टिक का उपयोग न करें, जो कि ड्रेनेज व्यवस्था को खराब करता है तथा जलाशयों नदियों को दूषित करता है। वर्तमान में जल की कमी तथा जलाशयों/नदियों का जल दूषित होना सम्पूर्ण विष्व के लिये गंभीर चिन्ता का विषय बना हुआ है । सभी कार्मिकों को जल संरक्षण करने तथा प्रदूषित जल से होने वाली बीमारियों एवं उनके बचाव के प्रति जागरूक किया।

Home / Neemuch / पर्यावरण असंतुलन से आती है आपदा-

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.