-कौशल विकास प्रशिक्षण की भी चल रहा कछुआ चाल से-पहले चरण में ८५६ में से मात्र ३०० युवा हुए ऑनबोर्ड
नीमच•Mar 30, 2019 / 11:59 am•
Mahendra Upadhyay
आचार संहिता लगते ही थम गए युवा स्वाभिमान योजना के पहिए
नीमच. नई सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना आचार संहिता लगते ही थम गई है। ऐसे में जहां नए युवाओं के पंजीयन नहीं हो रहे हैं। वहीं जिन्होंने समय रहते सत्यापन नहीं कराया है। वे भी हाथ पर हाथ रखे बैठे हैं। आश्चर्य की बात तो यह है कि जिन युवाओं को इस योजना के तहत प्रशिक्षण दिया जाना है। वे भी तकनीकि समस्याओं के कारण परेशानियों का सामना कर रहे हैं।
आचार संहिता लगते ही बंद हुए ऑनलाइन पंजीयन
शहरी युवाओं को मनरेगा की तरह वर्ष भर में १०० दिन का रोजगार प्रदान करने के लिए २१ फरवरी को प्रदेशभर में मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना प्रारंभ की गई थी। इस योजना को समझकर युवाओं ने आवेदन करना शुरू ही किए थे, कि चंद दिनों में ही आचार संहिता लग जाने के कारण नए पंजीयन होना बंद हो गए। ऐसे में युवाओं में भी असमंजस की स्थिति है। क्योंकि उन्हें अगर इस योजना के तहत प्रशिक्षण और रोजगार लेना है तो फिलहाल वे किसी काम को नहीं कर सकते हैं। क्योंकि इसमें कम से कम प्रतिदिन ८ घंटे का समय देना होगा। वहीं अगर इसी योजना के भरोसे रहे और चुनाव बाद कुछ फेरबदल हो गया तो क्या करेेंगे।
जिलेभर के ३०० युवाओं को मिला १०० दिन का रोजगार
युवा स्वाभिमान योजना का मुख्य उद्देश्य २१ से ३० वर्ष के युवाओं को १०० दिन का रोजगार और प्रशिक्षण देना है। यह योजना मनरेगा की तरह ही काम करेगी। जिसमें युवाओं को १०० दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसी दौरान उन्हें प्रतिमाह ४००० रुपए मानदेय दिया जाएगा। जिले में कुल ८५६ युवाओं द्वारा ऑनलाइन पंजीयन कराया गया था। जिसमें से ४५४ युवाओं को सत्यापन के लिए बुलाया गया, जिसमें से पात्र ३०० युवा पाए गए। जिन्हें योजना के तहत ऑनबोर्ड बायोमेट्रिक आधार पर वेरिफिकेशन कर किया गया है। वहीं करीब १५४ युवा रिजेक्ट हो गए।
इस प्रकार दिया जाना है प्रशिक्षण, कछुआ चाल से चल रहा काम
इस योजना के तहत एक से लेकर १० दिन तक युवाओं को ८ घंटे का प्रशिक्षण नगरपालिका में दिया जाना है। इसके बाद ११ से लेकर ९० दिन तक चार घंटे कौशल विकास प्रशिक्षण व ४ घंटे का प्रशिक्षण नपा में दिया जाना है। चूकि नपा में दिए जाने वाले प्रशिक्षण में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं है। लेकिन कौशल विकास प्रशिक्षण में तकनीकि समस्याओं के कारण युवाओं को ऑनबोर्ड प्रतिक्षा सूची में रखा है। क्योंकि पोर्टल पर थंब वेरिफिकेशन बैच एलाट नहीं हो रही है। यह समस्या प्रदेशभर में आ रही है। कौशल विकास प्रशिक्षण के तहत भी तीन श्रेणियों में प्रशिक्षण दिया जाता है। जिसमें से एक में ३० युवाओं का पूर्ण हो चुका है, एक में प्रक्रिया चल रही है वहीं एक में शुरू नहीं हुआ है।
४००० नहीं, जितने दिन लगेगा थंब, उतने दिन मिलेगा वेतन
सरकार द्वारा युवाओं को ४ हजार रुपए प्रतिमाह दी जाने वाली घोषणा की सच्चाई अब सामने आ रही है। क्योंकि यह ४ हजार रुपए भी मात्र साल में तीन माह तक मिलेंगे। उसमें से भी जितने दिन युवा प्रशिक्षण पर आएंगे, उतने दिन का ही मानदेय मिलेगा। हालांकि इस योजना के तहत हर साल युवाओं को १०० दिन का रोजगार मनरेगा की तरह मिलेगा। लेकिन आश्चर्य की बात है कि जिस जिले में हजारों की संख्या में युवा है। वहां मात्र ३०० को ही इस योजना का लाभ मिला है।
ग्रामीण युवा भी ले सकेंगे अब शपथ पत्र देकर लाभ
अभी तक इस योजना के तहत मात्र शहरी युवाओं को ही लाभ मिला है। लेकिन हालही में आए निर्देशों के अनुसार अब ग्रामीण युवा भी इस योजना के तहत १०० दिन का रोजगार व प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन उन्हें शपथ पत्र स्वयं सत्यापित करके देना होगा कि वे १०० दिन तक नगरपालिका क्षेत्र में निवास करेंगे। लेकिन इसका लाभ भी युवाओं को आचार संहिता समाप्त होने के बाद ही मिल पाएगा।
वर्जन.
आचार संहिता के चलते नए आवेदन नहीं हो पा रहे हैं। अब युवा आचार संहिता पूर्ण होने के बाद ही आवेदन कर सकेंगे। वहीं कौशल विकास प्रशिक्षण के तहत कैलेंस में ३० का प्रशिक्षण चल रहा है, मोजेक में प्रक्रिया चल रही है। वहीं इम्पीरियल में अभी शुरू नहीं हुआ है। इसकी नोडल संस्था आईटीआई है। वहीं मानदेय की प्रक्रिया का काम मैप आईटी द्वारा किया जा रहा है। जो अटेंडेंस के आधार पर युवाओं के बैंक खाते में सीधे मानदेय देगा।
-प्रवीणकुमार आरे, सिटी मिशन मैनेजर, एनयुएलएम
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