scriptvideo अस्पताल निरीक्षण में २ चिकित्सक मिले अनुपस्थित, 13 कर्मचारी भी थे नदारद डिप्टी कलेक्टर ने किया अस्पताल का औचक निरीक्षण | neemach news | Patrika News
नीमच

video अस्पताल निरीक्षण में २ चिकित्सक मिले अनुपस्थित, 13 कर्मचारी भी थे नदारद डिप्टी कलेक्टर ने किया अस्पताल का औचक निरीक्षण

अवैधानिक रूप से रखी गुमटियों से तीन गैस सिलेंडर भी किए जब्त

नीमचMar 31, 2019 / 05:38 pm

Mahendra Upadhyay

patrika

video अस्पताल निरीक्षण में २ चिकित्सक मिले अनुपस्थित, 13 कर्मचारी भी थे नदारद डिप्टी कलेक्टर ने किया अस्पताल का औचक निरीक्षण

नीमच. शनिवार सुबह करीब १०.३० बजे डिप्टी कलेक्टर और नायब तहसीलदार ने जिला चिकित्सालय व ट्रामा सेंटर का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान २ चिकित्सक और १३ कर्मचारी ड्यूटी पर अनुपस्थित पाए गए। अनुपस्थित चिकित्सकों और कर्मचारियों पर आगे की कार्रवाई के लिए प्रकरण तैयार कर कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। अस्पताल परिसर के सामने अवैधानिक रूप से रखे ठेलों से तीन घरेलु गैस सिलेंडर जब्त किए गए।
डिप्टी कलेक्टर की मौजूदगी से मचा हड़कम्प
सुबह करीब ९.३० बजे से ही मरीज अस्पताल पहुंच गए थे। अस्पताल में चिकित्सकों के मौजूद नहीं रहने से मरीज परेशान हो रहे थे। इस संबंध में कलेक्टर राजीव रंजन मीना को शिकायत की गई थी। कलेक्टर ने शिकायत को गंभीरता से लिया और डिप्टी कलेक्टर अभिषेक चौरसिया को अस्पताल भेजा। उनके साथ नायब तहसीलदार जाबिर हुसैन भी अस्पताल पहुंचे। डिप्टी कलेक्टर ने पहले जिला चिकित्सालय को औचक निरीक्षण किया। इसके बाद ट्रामा सेंटर पहुंचे। वहां उपस्थिति रजिस्टर की जांच की। ड्यूटी रजिस्टर में २ चिकित्सक और १३ कर्मचारियों के हस्ताक्षर नहीं पाए जाने पर उनकी अनुपस्थिति लगाई गई। जांच में पता चला कि कुद कर्मचारी तो दो-तीन दिन से अनुपस्थित थे। साथ ही वहां मौजूद चिकित्सक और कर्मचारियों को सख्त चेतावनी दी कि आगे से जिसकी ड्यूटी ले वे निर्धारित समय पर अनिवार्य रूप से उपस्थित हों।
५०० रुपए लिए जाते हैं एक मरीज के
डिप्टी कलेक्टर ने ट्रामा सेंटर के सामने अवैधानिक रूप से लगाई गईगुमटियों को हटाने के निर्देश भी दिए गए। उन्हें बताया गया कि पूर्व में जब कलेक्टर ने अस्पताल का औचक निरीक्षण किया गया था, तब भी गुमटी व ठेेले हटाने के सख्त निर्देश दिए थे। इसके बाद भी उन्हें नहीं हटाया गया था। इस पर डिप्टी कलेक्टर ने सख्त निर्देश देकर मौके से ठेले हटवाए। इस दौरान एक ठेेले पर ताजा बनाकर रखे गए पोहे को नायब तहसीलदार ने कचरे में डाला। साथ ही चेतावनी दी कि यदि आगे से यहां ठेले दिखाई दिए तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। ट्र्रामा सेंटर के सामने खड़े एम्बुलेंस संचालकों ने डिप्टी कलेक्टर को शिकायत की कि निजी एम्बुलेंस से मरीज को अन्यत्र ले जाने से पहले वार्डबॉय को ५०० रुपए देना पड़ते हैं। वार्डबॉय को ५०० रुपए नहीं देने पर वे मरीज नहीं ले जाने देते। डिप्टी कलेक्टर ने इसे गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिए कि सभी निजी एम्बुलेंस संचालक अपने वाहन और मोबाइल नंबर दे दें। इसकी सूचना अस्पताल परिसर में लगा दी जाएगी। मरीज के परिजनों को निजी एम्बुलेंस की आवश्कता पड़ेगी तो वे फोन पर सम्पर्ककर लेंगे। किसी को भी राशि देने की आवश्यकता नहीं है।
३ घरेलु गैस सिलेंडर किए जब्त
डिप्टी कलेक्टर के औचक निरीक्षण की भनक लगने पर अस्पताल परिसर के बाहर जिन लोगों ने अवैधानिक रूप से ठेेले लगा रखे थे उन्होंने चार घरेलु गैस सिलेंडर पाल से ढककर छुपाने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी कि डिप्टी कलेक्टर की नजर पहले ही पड़ चुकी थी। जब जांच में डिप्टी कलेक्टर को सिलेंडर दिखाई नहीं दिए तो उन्होंने तलाश कराई। एक ठेले पर पाल के नीचे चार सिलेंडर छुपाकर रखे मिले। एक सिलेंडर खाली था। उसे छोड़कर तीन सिलेंडर जब्ती में लिया गया। मुकेश पिता मोतीलाल की एक और बलराम पिता चम्पालाल यादव की दो घरेलु गैस सलेंडर जब्त किए गए।
डिप्टी कलेक्टर ने निकाली बाइक की हवा
जिला चिकित्सालय परिसर में वाहनों के पार्किंग के लिए स्टैंड बनाया गया है। इसके बाद भी अस्पताल परिसर और ट्रामा सेंटर के सामने बेतरतीब तरीके से वाहन पार्क किए जाते हैं। डिप्टी कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान इसे महसूस भी किया। इसके बाद साइकिल स्टैंड संचालक को सख्त हिदायत दी कि अस्पताल परिसर में इधर उधर कहीं भी वाहन दिखाई नहीं देना चाहिए। वाहन केवल स्टैंड में ही खड़े होना चाहिए। फिर वाहन चिकित्सक का हो या कर्मचारी का। ट्रामा सेंटर के मुख्य गेट के सामने अस्पताल कर्मचारी की बाइक खड़ी थी। डिप्टी कलेक्टर ने स्वयं उसकी हवा निकाली। साथ ही कर्मचारियों को भी चेतावनी दी कि मेन गेट के सामने आपतकाल में एम्बुलेंस खड़ी करने के सिवाय अन्य कोई वाहन खड़ा नहीं होना चाहिए।
२ चिकित्सक और १३ कर्मचारी मिले अनुपस्थित
कलेक्टर के निर्देशन में शनिवार को ट्रामा सेंटर का निरीक्षण किया। पहले उपस्थिति रजिस्टर की जांच की। दो चिकित्सक और १३ कर्मचारी अनुपस्थित थे। उनपर कार्रवाईका प्रस्ताव बनाकर कलेक्टर के समक्ष रखेंगे। कई चिकित्सक नियत स्थान पर नहीं बैठते हैं। ओपीडी में नहीं बैठते हैं। इस बारे में शिकायत मिली थी। ९.३० बजे से मरीज डाक्टरों की तलाश कर रहे थे। उन्हें डाक्टर उपलब्ध कराए गए हैं। बाहर के इंफ्रास्ट्र्रक्चर का निरीक्षण भी किया। वहां अवैधानिक रूप से तीन गैस सिलेंडर मिले उन्हें जब्त किया गया है। साथ ही अवैधानिक रूप से रखी गई गुमटियों को हटवाया गया है। भविष्य में फिर से गुमटी रखी जाती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। जहां तक स्टाफ द्वारा मुख्य गेट के सामने वाहन खड़े करने का प्रश्न है तो पार्किंग ठेकेदार को सख्त हिदायत दे दी गई है कि अस्पताल परिसर और ट्रामा सेंटर के बाहर किसी का भी वाहन खड़ा दिखाई नहीं देना चाहिए। अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी। निजी एम्बुलेंस संचालकों ने वार्डबॉय द्वारा ५०० रुपए प्रति मरीज के मांगने की शिकायत की जांच की जाएगी। जांच में शिकायत सही पाई जाती है तो नियमानुसार कार्रवाईकी जाएगी।
– अभिषेक चौरसिया, डिप्टी कलेक्टर

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो