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आयकर विभाग ने 200 व्यापारियों को स्क्रूटनी के लिए भेजा नोटिस

locationनीमचPublished: Apr 04, 2019 11:37:21 am

Submitted by:

Mahendra Upadhyay

– 31 मार्च के बाद जिन्होंने नहीं भरा रिटर्न, उन पर कार्रवाई – करीब नो करोड़ के टैक्स की वसूली

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आयकर विभाग ने 200 व्यापारियों को स्क्रूटनी के लिए भेजा नोटिस

नीमच। आयकर विभाग की लगातार कार्यवाहियों का नतीजा है कि नीमच टीम ने ८५ प्रतिशत अपना टारगेट पूरा कर लिया है। इस वर्ष नीमच से ८.५३ करोड़ टैक्स के रूप में राजस्व प्राप्त किया है। वहीं विभाग ने ऐसे करीब २०० व्यापारियों को धारा १४८ के तहत नोटिस जारी किए हैं। जिसके बाद व्यापारियों में हड़बड़ी मची हुईहैं।

जिले में आयकर रिटर्न भरने वाले करीब २८ हजार आयकरदाता है, इनमें से करीब ८५ प्रतिशत ने इस बार रिटर्न भरा है, जो कि गत वर्षों की तुलना में अच्छा रिकॉर्ड बना है। वहीं १५ प्रतिशत करीब २३०० आयकर दाताओं द्वारा समय पर रिटर्न फाइल नहीं करने के चलते विभाग ने उनकों नोटिस देने की तैयारी भी शुरू कर दी है। आयकर विभाग ने लेट फ ीस के साथ जुर्माना वसूलेगा। आयकर विभाग ने लेट फ ीस का प्रावधान पहली बार किया है।
यह है नियम और बचाव
स्क्रूटनी असेसमेंट के लिए सेक्शन 143 (3) के तहत नोटिस रिटर्न भरने के फाइनैंशल इयर के समाप्त होने के 6 महीने के अंदर देना होता है। अगर इसके बाद नोटिस दिया जाता है तो इसे गलत माना जाता है। अगर नोटिस साधारण डाक से आया है तो इसका लिफ ाफ ा संभाल कर रखें। यह इस बात का प्रमाण होता है कि इसे कब भेजा गया और यह कब प्राप्त हुआ। हालांकि सेक्शन 148 के तहत भेजे गए नोटिस की समयसीमा ज्यादा हो सकती है। चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रतीक अग्रवाल ने बताया कि इसके तहत असेसिंग अधिकारी आमदनी छिपाने का संदेह होने पर संबंधित असेसमेंट इयर के खत्म होने के 6 साल बाद तक मामला दोबारा खोल सकता है। अगर ऐसे मामलों में संदेह की रकम 1 लाख रुपए से कम होती है तो केवल 4 साल तक की रिटर्न दोबारा खोली जा सकती हैं।
नोटिस का मतलब यह होता है
नोटिस मिलने पर क्या आपको किसी एक्सपर्ट की मदद लेनी चाहिए, अगर नोटिस केवल किसी तथ्य के मामले में है तो यह कैलकुलेशन की गलती, टीडीएस न मेल खाने या डिडक्शन की रकम की वजह से हो सकता है। ऐसी स्थिति में करदाता को खुद इसका जवाब देना चाहिए। अगर यह कोई गंभीर मुद्दा है, जैसे स्क्रूटनी या सेक्शन 148 के तहत रीअसेसमेंट, तो किसी प्रफेशनल की मदद से इसका जवाब देना चाहिए। स्क्रूटनी नोटिस में बहुत से दस्तावेज की जांच होती है। इनमें बैंक स्टेटमेंट, पे-स्लिप, किराए की रसीद और ब्रोकरेज स्टेटमेंट शामिल हो सकता हैं। अगर इन्हें तय समय में जुटाना मुश्किल है तो इसकी जानकारी टैक्स डिपार्टमेंट को देनी चाहिए।

लेट रिटर्न भरने वालों पर इस बार जुर्माना कार्रवाई
आयकर नियमों में बदलाव के साथ ही लेट फ ीस का प्रावधान किया है। जिन लोगों ने समय पर आयकर विवरणी जमा नहीं की है, उन्हें नोटिस भेजे जा रहे हैं। अभी तक करीबन 15 प्रतिशत लोगों ने रिटर्न नहीं भरा है। इस बार टारगेट ११.९४ करोड़ का था, जो कि अभी तक ८.५३ करोड़ प्राप्त कर लिया है। अभी तक एंट्री चल रही है। इस बार पिछले वर्षों की अपेक्षा अच्छा रिटर्न हुआ है। वहीं करीब २०० व्यापारियों को धारा १४८ के तहत नोटिस भेजा गया है। जिनकी स्क्रूटनी होगी।
– रघुवीर प्रसाद, आयकर अधिकारी जिला नीमच।
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