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चिटफंड कंपनियों पर नहीं प्रशासन का अंकुश

locationनीमचPublished: Apr 07, 2019 12:16:25 pm

Submitted by:

Mahendra Upadhyay

-शहर में पैर पसारने के बाद करोड़ लूट कर हो जाते है फरार – ठगी के बाद चेतता है जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन

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चिटफंड कंपनियों पर नहीं प्रशासन का अंकुश

नीमच। शहर में इन दिनों में भोले भाले लोगों को ठगने वाली काफी चिटफंड कंपनी सक्रिय है, जो कि पहले अपने शहर में पैर पसारती है और लोगों को लालच देकर कंपनी से जोड़ती है, अंत में सैकड़ों लोगों से करोड़ों की ठगी कर गायब हो जाती है। हालांकि इन सभी कंपनियों पर अंकुश रखने लिए जिला प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को भी अधिकार है, लेकिन वह अपने अन्य कामों की व्यवस्था के चलते इन ठगों पर ध्यान नहीं देते है्र। जब कंपनी करोड़ों की ठगी कर लेती है। उसके बाद पता चलता है और पुलिस व प्रशासन हरकत में आता है। जिले में चिटफंड कपंनियों में करीब 7 हजार से अधिक लोगों के 200 करोड़ रुपए डूब हुए हैं।

जिले में चिटफंड कंपनी के ठगी के मामले
केस: 1-गत वर्षों में जिले में पीएसीएल, साईंप्रसाद ग्रुप कम्पनी पुणे, बीपीएन सनसाइन दिल्ली, मालवा अंचल इंदौर, साईं प्रकाश लिमिटेड दिल्ली, सहारा इंडिया, आदर्श क्रेडिट सोसायटी जयपुर, श्रीहलधन इंडिया बडोदरा, एचबीएन लिमिटेड दिल्ली, श्रीसाईं स्पेस लिमिटेड पुणे, जीएन गोल्ड इंडिया लिमिटेड, सनसाइन हाईटेक कंपनी लिमिटेड वड़ोदरा सहित 20 कंपनियों ने जनता को लूटा है। जिले में हजारों को किसानों के साथ २०० करोड़ से भी अधिक की ठगी की है।
केस: २-शहर में जामा मस्जिद के सामने स्थित जारोली ट्रेड सेंटर में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का फर्जी ऑफिस संचालित हो रहा था। शिकायत पर डिप्टी कलेक्टर अरविंद माहोर ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई की थी। ऑफिस सील कर एफआईआर संचालक के खिलाफ दर्ज की थी। लोन के नाम पर फॉर्म भरकर कर 250 से 300 रुपए की वसूली जा रही थी। इसके संचालक द्वारा जिले में कई एजेंट नियुक्त कर रखे हैं। जिसकी जांच की जा रही। संचालक नरेंद्र सैनी व कर्मचारियों द्वारा लोगों को 90 दिन में 50 हजार का लोन दिलाने के नाम फॉर्म भरकर वसूली की जा रही थी। लेकिन लोन एक भी व्यक्ति को नहीं दिलाया था। तीन माह से जिले में फ्राड कंपनी संचालित हो रही थी। करीब ५०० से अधिक लोगों के साथ ठगी की थी।
केस: ३- वर्ष २०१८ में मेंटोर होम लोन कंपनी से लोन दिलाने के नाम पर एक अधिकारी लोगों से 40 लाख रुपए व दस्तावेज लेकर भाग गया। इसकी जानकारी लोगों को तब मिली जब उन्हें निर्धारित तारीख तक लोन की राशि नहीं मिली। नीमच-मंदसौर जिले के 150 से अधिक लोग जिन्होंने दस्तावेज दिए थे वे अब कंपनी के चक्कर काट रहे हैं। शहर के मूलचंद मार्ग पर कंपनी का मुख्य कार्यालय तथा मंदसौर, रतलाम जिले में शाखाएं है। सेल्स अधिकारी ओमप्रकाश शर्मा खेरखेड़ा ने शामगढ़ में अगस्त 2017 में कंपनी का कार्यालय खोला था। गांवों में लोगों से संपर्क कर कम समय में लोन दिलाने का लालच दिया था। 100 अधिक लोगों से दस्तावेज जुटाए तथा लोन की फाइल तैयार करने के नाम पर रुपए भी लिए थे। फाइल तैयार कराकर नीमच कार्यालय से लोन दिलाने का कहकर ओमप्रकाश शर्मा चला गया था।
केस: ४-फ्यूचर मैकर लाईफ केयर प्रा. लि. और फ्यूचर मैकर ग्लोबल मार्केटिंग प्रा. लि. जिला हिसार हरियाणा के सीएमडी राधेश्याम सुथा निवासी सिसवाल हिसार हरियाणा, एमडी बंशीलाल सिहाग निवासी टिब्बी फतेहाबाद हरियाणा, नेशनल डिस्ट्रीब्यूटर सुंदर सैनी निवासी चिंदड़ हिसार हरियाणा एवं सुरेश सिंह सोनगरा निवासी देवास नाका इंदौर ने जिले में अपनी कंपनी की ब्रांच खोलकर करीब ६४ लोगों से लगभग ५ करोड़ ५० लाख रुपए की ठगी की है। सरपंच महेश धनोलिया निवासी चिकलाना, शिक्षक चिरंजीवी धनोलिया, इंदौर निवासी दिपक सोलंकी, सुरेश सिंह सोनगरा नीमच आए थे और ग्रामीणों को बताया कि कंपनी करीब तीन साल से पूरे देश में काम कर रही है। कंपनी के सीएमडी राधेश्याम सुथार व एमडी बंशीलाल सिहाग जो कि पिछले तीन साल से कंपनी को व्यवस्थित तरीके से चला रहें हैं। उनकी बातों में विश्वास कर कंपनी से जुड़ गए। लेकिन ७ सितंबर २०१८ को पता चला कि कंपनी के सीएमडी तेलंगाना पुलिस ने गिरफ्तार कर हिसार हैड ऑफिस को सील कर दिया है। मामला उजागर होने के बाद नीमच पुलिस ने भी धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर सीएमडी और नेशनल डिस्ट्रीब्यूटर को गिरफ्तार कर लिया है।
केस: ५- आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी से जुड़े लोगों को अपने धन की चिंता सताने लगी है। बुधवार को नीमच में वीरपार्क रोड स्थित आदर्श के्रडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी ऑफिस में ग्राहकों और एजेंट ने अपनी आरडी व एफडी के भुगतान को लेकर जमकर हंगामा कर दिया। जिसके बाद वहां पर पुलिस पहुंची और मामले को शांत कराया। गौरतलब है कि राजस्थान, मध्यप्रदेश और दिल्ली सहित अन्य राज्यों में सोसायटी ने पैर पसार रखे हैं। सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ को-ऑपरेटिव की ओर से वाइंडअप करने के निर्देश जारी चुके हैं, जिसके बाद निवेशकों के माथे पर चिंता की लकीरें पड़ गई हैं। कारण कि सोसायटी में निवेश करने वालों की करोड़ों रुपए की जमा पूंजी के डूबने का भय सता रहा है। निवेशक अपनी ही जमा पूंजी लेने के लिए चक्कर पे चक्कर लगा रहे हैं। कभी टालमटोल करके तो कभी कुल जमा पूंजी का एक अंश देकर निवेशकों को रवाना कर दिया जाता है, परंतु पूरी पूंजी नहीं दी जा रही है। भले ही अवधि पूरी हो चुकी हो। जिले में सैकड़ों लोगों का करीब ढाई करोड़ रुपए अटका हुआ है।
ठगों के जाल में न फंसे पुलिस को सूचित करें
काई भी कंपनी अगर चैन सिस्टम चलाकर लालच देती है तो वह पूर्णत: फ्राड कंपनी है। उसके झांसे में कभी भी लोग नहीं आए और पुलिस को शिकायत करें। इसके अलावा कभी भी किसी कंपनी से जुडऩे से पहले उसके रजिस्ट्रेशन जरूर चैक करें। इन सभी जागरूकता से ठगी से व्यक्ति बच सकता है। वही पुलिस अपने स्तर पर जांच करती और शिकायत मिलने पर फ्रॉड के खिलाफ भी कार्रवाई करती है।
-राकेश कुमार सगर, एसपी नीमच।

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