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जिम्मेदारों के संरक्षण में हुआ लाखों की जमीन पर अवैध दुकान का निर्माण

locationनीमचPublished: Apr 07, 2019 06:57:12 pm

Submitted by:

Mahendra Upadhyay

-एसडीएम को शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई

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जिम्मेदारों के संरक्षण में हुआ लाखों की जमीन पर अवैध दुकान का निर्माण

नीमच.मनासा बस स्टैंड क्षेत्र में शासकीय जमीन पर अवैध तरीके से एक दुकानदार द्वारा दुकान का निर्माण किया गया। अवैध ढंग से हो रहे निर्माण को लेकर शिकायतकर्ता ने नगर परिषद सहित एसडीएम को आवेदन देकर शिकायत की। बावजूद इसके निर्माणकर्ता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। अवैध दुकान निर्माण को लेकर पत्रिका ने पूर्व में भी मामला उठाया था। बावजूद इसके अधिकारियों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। जबकि दुकान निर्माण का सारा खेल परिषद के जिम्मेदारों के सरक्षंण में पूर्ण हो गया।
अवैध तरीके से किए गए निर्माण को लेकर नगर परिषद मनासा ने निर्माणकर्ता को कई बार नोटिस देकर जवाब मांगा। बावजूद इसके निर्माणकर्ता ने नोटिस का जवाब नहीं देते हुए निर्माण कार्य चालु रखा एवं शासकीय भूमि पर निर्माण किया। नपा ने निर्माणकर्ता बंशीलाल पिता केशुराम गुजराती (विनोद) को अवैध निर्माण को लेकर नगरपालिका विद्यान 196 1 कि धारा 18 7 का उल्लंघन पाकर 26 नवंबर 2018 को प्रथम बार 3972 क्रमांक का नोटिस थमाया। जिसमें नपा ने निर्माणकर्ता को सूचना प्राप्ति के तुरंत बाद अवैध निर्माण बंद करने, साथ ही निर्माण कार्य बंद नहीं करने की स्थिति में नपा द्वारा बीना किसी सूचना के अवैध निर्माण हटा देने का उल्लेख किया गया। संबंधित व्यक्ति द्वारा नेताओं की संरक्षण में निर्माण कार्य चालु रखा। जिस पर नपा ने निर्माणकर्ता को दिनांक 03 दिसंबर 2018 को अंतिमबार नोटिस थमाया। जिसमें परिषद ने पत्र क्रमांक 3972 की अवहेलना को लेकर दोबारा नोटिस दिया। जिसमें परिषद ने निर्माणकर्ता बंशीलाल गुजराती को 24 घंटों के भीतर भूमि स्वामित्व अभिलेख प्रस्तुत करने, अभिलेख प्रस्तुत नहीं करने की स्थिति में बिना सूचना के निर्माण कार्य हटा दिया जाने का उल्लेख किया गया। बावजूद इसके निर्माणकर्ता ने विधानसभा चुनाव आचार सहिता के दौरान नेताओं के संरक्षण में निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया। जिसकी जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता नरेन्द्र कुशवाह ने नगर परिषद में आरटीआई द्वारा प्राप्त की। साथ ही जागरूक नागरिक घनश्याम रावत ने अवैध निर्माण को लेकर एसडीएम मनासा को आवेदन देकर शिकायत की। आश्चर्य की बात तो यह है कि आरटीआई कार्यकर्ता एवं शिकायतकर्ता की सजगता से परिषद के जिम्मेदारों द्वारा किए गए अवैध कार्यों का पर्दाफाश हुआ। साथ ही शिकायतकर्ता की शिकायत पर पत्रिका ने 21 मार्च के अंक में मामले को लेकर समाचार प्रकाशित किया। बावजूद इसके अधिकारियों ने संबंधित दुकानदार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
-नपा ने मजिस्ट्रेड नियुक्ति को लेकर तहसीलदार को लिखा पत्र
आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा प्राप्त जानकारी के मुताबिक अवैध तरीके से हुए निर्माण कार्य को लेकर नपा ने 14 दिसंबर 2018 को तत्कालीन तहसीलदार अजय हिंगे को कार्यपालिक मजिस्ट्रेड नियुक्त करने को लेकर पत्र क्रमांक 4070 भेजा। पत्र में नपा द्वारा उल्लेख किया गया कि नगर के शासकिय अस्पताल रोड स्थित खादी मंदिर से लगत भूमि पर बंशीलाल पिता केशुराम गुजराती द्वारा विधानसभा चुनाव के समय सूचना पत्र दिए जाने के बावजूद भी शासकीय भूमि पर अवैध तरिके ताबड़ तोड़ निर्माण कार्य कर लिया गया। निर्माणकर्ता भूमि संबंधि कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा पाया। मौखिक रूप से बताया कि उक्त भूमि मुझे तहसील मनासा से आंवटित हैं। जबकि नपा द्वारा संबंधित स्थल पर पूर्व में शासकीय काम्पलेक्स का निर्माण कर बीच में 8 बाय 10 का खुला स्थल छोडा गया था। जिस पर संबंधित व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निर्माण किया गया। निर्माण कार्य हटवाने एवं संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई को लेकर कार्यपालक मजिस्ट्रेट नियुक्त के बाबत चार माह बीत जाने के बाद भी प्रशासन ने आज दिन तक कोई कार्रवाई नहीं की।
35 से 40 लाख के लगभग है मार्केट रेट
मनासा के प्रॉपर्टी बाजार के अनुसार बस स्टैंड से चिकित्सालय रोड पर दुकान की अनुमानित कीमत करीब 35 से 40 लाख के आसपास है और इतने में भी दुकान मिलाना मुश्किल हैं। अब ऐसे दुकानदार द्वारा अवैध तरीके से दुकान निर्माण कही न कही परिषद के जिम्मेदारों पर ऊंगली उठाता है।
नोटिस एवं सूचना पत्र बने लेनदेन का माध्यम
शिकायकर्ता के शिकायत के करीब एक माह बाद भी दुकानदार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। नोटिस एवं सूचना पत्र जनता को गुमराह करने के साथ ही लेनदेन का माध्यम बनते प्रतीत हो रहे हैं। जबकि अवैध दुकानदार ने दुकान का निर्माण कर अन्य व्यक्ति को बाजार मूल्य 7 से 8 लाख रुपए में गिरवी दे दी।
वर्जन
मेरे पास 100 से 200 आवेदन रोज आते हैं इतना याद नहीं रहता की किस आवेदन पर क्या कार्रवाई हुई है। हो सकता इस मामले को लेकर सीएमओं को पत्र भेज दिया हो।
-केके मालवीय, एसडीएम मनासा
बिना नगर परिषद की निर्माण अनुमति के नगर में कोई भी निर्माण कार्य नहीं हो सकता। अवैध दुकान निर्माण का मामला मेरी जानकारी में नहीं हैं। मैं दिखवाता हूं क्या मामला है।
-पंकज पोरवाल, लोकनिर्माण सभापति नगर परिषद मनासा
संबंधित दुकानदार के पास दुकान की रजिस्ट्री है कोई अवैध निर्माण नहीं हैं। ऐसे कोई निर्माण कार्य थोड़े होता है परिषद के पास दुकान को लेकर दस्तावेज रखे हुए हैं।
-यशवंत सोनी, अध्यक्ष नगर परिषद मनासा
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