पेड़ के नीचे छांव में बैठने को मजबूर दूरस्थ क्षेत्रों से आए यात्रीझुलसती गर्मी में बस यात्रियों की हो रही फजीहत
नीमच•Apr 11, 2019 / 11:40 am•
Mahendra Upadhyay
तपती दोपहरी में मंदिर बनता बेबस यात्रियों की शरणगाह
नीमच. भीषण गर्मी में दूरस्थ क्षेत्रों से आने वाले यात्रियों के लिए किसी प्रकार की सुविधा नहीं है। वर्षों पहले यहां एक प्रतीक्षालय था, लेकिन अब वहां अन्नपूर्णा भोजनालय संचालित हो रहा है। ऐसे में यात्रियों को प्रायवेट बस स्टैंड क्षेत्र में बने मंदिर का ही सहारा बचा है। दिन में झुलसा देने वाली गर्मी में बड़ी संख्या में यात्री मंदिर में लेट या बैठकर बस आने का इंतजार करते देखे जा सकते हैं।
बेतरतीब खड़ी रहती हैं बसें
रोडवेज बसें बंद होने के बाद से प्रायवेट बस स्टैंड पर लोगों की सबसे अधिक भीड़ लगती है। यहां यात्रियों के लिए पर्याप्त सुविधाएं तक नहीं हैं। यात्रियों को मंदिर और पेड़ की छांव में बैठकर बस आने का इंतजार करना पड़ता है। तपती दोपहरी में सिर छुपाने तक की जगह यात्रियों को नहीं मिल रही है। रही सही कसर प्रायवेट बस स्टैंड पर बेतरतीब तरीके से खड़ी बसें पूरी कर देती हैं। स्थिति इतनी विकट बन जाती है कि यात्रियों को गंतव्य तक कौन से बस जाएगी यह तलाश करने तक पसीने छूट जाते हैं। बस चालक जहां जगह मिलती है वहीं बस खड़ी कर देते हैं। प्रायवेट बस स्टैंड परिसर में यात्रियों के लिए पेयजल तक की उचित व्यवस्था नहीं है। सामाजिक संगठन की ओर से पेयजल की व्यवस्था की जा रही है।
आंचल कक्ष में भी जड़े हुए ताले
महिलाओं के लिए प्रायवेट बस स्टैंड पर आंचल कक्ष भी बनाया गया था। इस कक्ष में बैठकर महिलाएं अपने बच्चों को दूध पिला सकती थी। लचर व्यवस्था के चलते लम्बे समय से इस कक्ष में ताला डला हुआ है। इस बारे में जिम्मेदारों का अब तक ध्यान नहीं गया है। इतना ही नहीं आंचल कक्ष के समीप ही भोजनशाला का राशन रखा रहता है। यात्रियों को बसों के बारे में जानकारी देने के लिए भी पहले एक कक्ष उपलब्ध कराया गया था। इस कक्ष में ही महिलाओं की सुविधा के लिए आंचल कक्ष प्रारंभ किया गया था। आंचल कक्ष में ताले डले हैं और यात्रियों को बसों की जानकारी देने के लिए कर्मचारी तपती धूप में टीनशेड के नीचे बैठने को मजबूर हैं। प्रायवेट बस स्टैंड से ही प्रतिदिन औसत ढ़ाई से ३ हजार यात्री अन्यत्र यात्रा करते हैं। ऐसे में यात्रियों के लिए बस स्टैंड पर उचित व्यवस्था नहीं होने से उनकी काफी फजिहत हो रही है। विशेष कर महिला यात्रियों को सबसे अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
पेयजल तक की व्यवस्था नहीं
प्रायवेट बस स्टैंड पर यात्रियों के लिए पेयजल तक की व्यवस्था तक नहीं है। मैं स्वयं यात्रियों के लिए पेयजल की व्यवस्था करता हूं। नगरपालिका प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
– लियाकत अली, नीमच
दूरस्थ क्षेत्रों के यात्री होते हैं परेशान
प्रायवेट बस स्टैंड पर यात्रियों को बस का इंतजार धूम में खड़े रहकर करना पड़ता है। पहले यहां प्रतीक्षालय था, लेकिन वहां अब भोजनालय संचालित होता है। ऐसे में दूरस्थ क्षेत्रों से आने वाले यात्रियों को काफी परेशानी होती है।
– रामेश सोलंकी, ग्राम धनेरियाकलां
मंदिर और पेड़ बने हैं सहारा
तपती दोपहरी में यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रायवेट बस स्टैंड परिसर में मंदिर इक्का-दुक्का पेड़ की छांव धूप से बचने का माध्यम है। नगरपालिका नीमच को यात्रियों की परेशानी को देखते हुए जल्द सुविधा उपलब्ध कराना चाहिए।
– भागीरथ नायर, ग्राम मोरवन
जल्द किए जाएंगे प्रयास
प्रायवेट बस स्टैंड पर यात्रियों के बैठने की उचित व्यवस्था नहीं है तो इस बारे में जल्द प्रयास किए जाएंगे।
– रियाजुद्दीन कुरैशी, सीएमओ