नीमचPublished: Apr 26, 2019 07:12:26 pm
Mahendra Upadhyay
अनफिट बसों पर नहीं हो रही वैधानिक कार्रवाईपिछले एक माह में चालानी कार्रवाई कर वसूले साढ़े 12 लाख रुपए
कंजाडऱ्ा में हुए हादसे के बाद भी सरपट दौड़ रही खटरा बसें
नीमच. हादसे दर हादसे होते रहते हैं, लेकिन अनफिट बसों की ओर आरटीओ और न ही जिला प्रशासन की सती दिखाई देती है। पत्रिका ने गुरुवार को जिला मुयालय पर बसों की स्थिति का जायजा लिया। कई जर्जर बसें आज भी सड़कों पर दौड़ती दिखाईदी। आरटीओ कहते हैं सभी फिटबसें चल रही हैं। ऐसे में उन बसों को कैसे फिट कहा जा सकता है जिनका ढांचा की पूरी तरह से सड़ चुका हो। इस तरह की ७ बसें गुरुवार को जिला मुयालय के प्रायवेट बस स्टैंड से यात्रियों को ढोती दिखाईदी।
खटारा बसों में सफर करने को मजबूर यात्री
पिछले दिनों डिकेन-कजार्डा रूट पर हुए बस हादसे के बाद पत्रिका ने जिला मुयालय से चलने वाली बसों का जायजा लिया। दोपहर १२.४५ से १.३५ बजे के बीच प्रायवेट बस स्टैंड पर ७ ऐसी बसें मौजूद थी जिनकी बॉडी ही उनकी फिटनेस पर सवाल खड़े कर रही थी। चाहे बस का अगला हिस्सा हो या पीछे का। दोनों ओर से बस की बॉडी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त दिखाई दे रही थी। जगह जगह से जंग भी लगा हुआ था। चौकाने वाली बात तो यह कि इन बसों में भी क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठाया जा रहा था। निर्धारित रूट पर बसों की संया सीमित होने से भी बड़ी संया में यात्री मजबूरी में ही सही इन खटारा बसों में सफर करने को विवश दिखे। झुलसा देने वाली गर्मी में न बसों में पंखे चल रहे थे ओर न ही खिड़कियों के कांच ही पूरी तरह से ाुल रहे थे। परिवहन नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही थी। जिन खटारा बसों के पास फिटनेस प्रमाण पत्र ही नहीं उनमें स्पीड गवर्नर की उमीद करना ही बेमानी है। बस संचालन में जितनी भी खामिया होती हैं इन ७ बसों में से अधिकांश में मौजूद थी।
तीन दिन से बसें बंद, यात्री हो रहे परेशान
कंजार्डा प्रतिनिधि ने बताया कि मनासा कंजार्डा रूट पर चलने वाली राठौड़ बस सर्विस की घटना के बाद से बसें बंद होने से ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले तीन दिन से इस रूट पर बसें बंद हैं। डीकेन में कमल किशोर नागर के प्रवचन चल रहे हैं। इस कारण डीकेन जाने के लिए लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सुबह 11 बजे के बाद कंजार्डा से मनासा जाने के लिए साधन नहीं हैं। इसके चलते लोगों को मनासा और नीमच जाने के लिए निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है। डीकेन जाने के लिए सुबह से शाम तक कोई बस सुविधा नहीं हैं। इस मार्ग पर राठौड़ बस सर्विस की सुबह 8 बजे, 10 बजे, 11 बजे और दोपहर 2 बजे मनासा से रतनगढ़ के लिए बसें उपलब्ध थीं। हादसे के बाद से इस रूट पर बस बंद होने से कंजार्डा, खेडली, चौकड़ी, बरखेड़ा, धाकडख़ेड़ी आदि गांवों के सैकड़ों लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आरटीओ की लापरवाही और प्रशासन की उदासीनता के चलते अनफिट बसों में सफर करने को लोग मजबूर हैं। परिवहन विभाग की लापरवाही के कारण बस हादसा हुआ था। समय रहते अधिकारी ध्यान देते तो यह हादसा नहीं होता। इस रूट पर 3 दिन से बसें बन्द हैं। इसके बाद भी परिवहन अधिकारी और क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों का ध्यान नहीं है।
राठौड़ बस का परमिट किया जाए निरस्त
कंजार्डा के समाजसेवी बंशीलाल धाकड़ ग्रामीणों ने कलेक्टर से मांग की है कि राठौड़ बस सर्विस की बसों के परमिट निरस्त कर अन्य बस मालिक को परमिट जारी किए जाएं। इस रूट पर चौकड़ी से मन्दसौर और चौकड़ी से नीमच, कंजार्डा से मन्दसौर रूट पर बस चल रही है। दिन में मनासा ओर डीकेन के लिए बस सुविधा नहीं होने से सैकड़ों लोगों को भीषण गर्मी में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
चालान के रूप में वसूल साढ़े १२ लाख
जिला मुयालय पर अनफिट बसें नहीं चल रही हैं। विभाग की ओर से समय समय पर बसों की जांच की जाती है। जांच के दौरान परिवहन नियमों की अनदेखी पाई जाती है तो वैधानिक कार्रवाई की जाती है। पिछले एक महीने में बसों और लोडिंग वाहनों पर कार्रवाई करते हुए करीब साढ़े १२ लाख रुपए से अधिक का चालान वसूला गया है। इसमें फिटनेस, रजिस्ट्रेशन, स्पीड गवर्नर, ओवरलोडिंग आदि के चलते चालान बनाए गए हैं।
– विक्रमसिंह राठौर, आरटीओ