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अपने ही बने दुराचारी, फिर कौन करेगा सुरक्षा

locationनीमचPublished: Apr 29, 2019 01:05:54 pm

Submitted by:

Mahendra Upadhyay

– दुराचार पीडि़त महिलाओं के आसपास के ही होते है अपराधी

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अपने ही बने दुराचारी, फिर कौन करेगा सुरक्षा

नीमच।दरकते रिश्तों में आधी आबादी मानी जाने वाली महिला पर समाज में आसपास रहने वाले नाते-रिश्तेदारए पहचान वालों ने ही सितम ढहाए हैं। इसमें मासूम बालिकाओं की संया में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। आंकड़ों के हिसाब से जिले में बीते तीन माह में १3 नाबालिग लड़कियों को यौन उत्पीडऩ का शिकार होना पड़ा है। वहीं इतनी ही महिलाएं हैं जो किसी न किसी रूप में अपनों के शोषण का शिकार हुईं।

बीते कुछ वर्ष में लगातार बलात्कार की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई है। महिलाओं और नाबालिग लड़कियों से बलात्कार व बलात्कार के प्रयास के अधिकांश मामलों में ज्यादातर आरोपी पीडि़ताओं के इर्दगिर्द ही मौजूद रहता है। बालिकाओं से संबंधित जुड़े अपराध में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी सरकारए समाज और पुलिस के लिए चिंता का कारण है। पुलिस अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोडऩे का दावा रही है।
मासूमों पर बढ़ा सितम
लैंगिक उत्पीडऩ से बच्चों के संरक्षण अधिनियम 2012 (पोक्सो एक्ट) लागू होने के बाद अजमेर जिले में नाबालिग लड़कियों के साथ होने वाले अत्याचार में बढ़ोतरी हुई है। जहां साल 2012 में जिले में एक मुकदमा दर्ज हुआ। वहीं 2013 में यह बढकऱ ५4 पहुंच गए। इसी तरह साल-दर-साल इन प्रकरणों में बढ़ोतरी हो रही है। वर्ष 2017 में नाबालिग के अपहरणए छेड़छाड़ व बलात्कार के ४५ मामले सामने आए। इसी तरह 2018 में ३१ मासूम शिकार हुई। 2019 के शुरूआती 3 माह में यह आंकड़ा १५ तक पहुंच चुका है।
यह है वजह
जानकारों के मुताबिक वर्तमान में आमजन को इंटरनेट व अन्य माध्यम पर इतना सब कुछ पॉर्न साइट्स पर आसानी से उपलब्ध है। इससे अनवॉन्टेड एक्साइटमेंट होना स्वभाविक है। समाज में बड़ी संया में ऐसे लोग मौजूद है जो इस तरह की साइट नियमित देखते हैं जो कभी न कभी अपने आसपास ही अपराध कारित करते हैं। ऐसे लोग हमेशा अपने आसपास अबोध बच्चों को शिकार बनाते हैं।
वर्ष——–अपहरण——-दुष्कर्म
2016——- 28———-56
2017——–31———-45
2018——–23———-31

समाज का बदलते परिवेश और संस्कार की कमी के कारण ऐसे अपराध पनपते हैं। पुलिस ऐसे अपराध को होने से नहीं रोक सकती है। आसपास रहने वाले ही ऐसे अपराध कारित करते है। मासूमों के साथ होने वाला अपराध समाज को हिला देने वाला होता है। पुलिस मासूम के साथ होने वाले अपराध में आरोपी को जल्द से जल्द गिरतार कर सलाखों के पीछे पहुंचाती है। ताकि अपराधी को मिलने वाली सजा समाज के नजीर बन सके।
– राकेश कुमार सगर, एसपी नीमच।
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