नीमचPublished: Sep 17, 2019 10:40:42 am
Mahendra Upadhyay
-प्रदेश सरकार के खिलाफ की नारेबाजी, सौंपा ज्ञापन-वाहन रैली बनाकर कलेक्टोरेट कार्यालय पहुंचे किसान
बीमा और मुआवजे की मांग को लेकर भाकिस ने किया धरना प्रदर्शन
नीमच. कमलनाथ सरकार होश में आओ, वचन दिया है वचन निभाओ। अतिवृष्टि से हुआ नुकसान करो बीमा और मुआवजे का भुगतान। किसान एकता जिंदाबाद। कौन हमारे सुखदाता, धरती गंगा गौमाता। किसान शक्ति जागेगी, सारी समस्या भागेगी। आदि नारेबाजी करते हुए सोमवार को भारतीय किसान संघ द्वारा अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पहले धरना प्रदर्शन किया गया। इसके बाद वाहन रैली निकालकर ज्ञापन सौंपा।
भारतीय किसान संघ सोमवार को शिवाजी सर्कल के समीप किसान अधिकार सभा का आयोजन किया गया। जो सुबह ११.३० बजे से शुरू होकर दोपहर करीब सवा बजे तक चली। इस दौरान क्षेत्रीय संगठन मंत्री महेश चौधरी, प्रदेश मंत्री दिनेश पाटीदार, जिला मंत्री गोपाल जाट, जिलाध्यक्ष मांगीलाल पाटीदार सहित सैंकड़ों की संख्या में किसान उपस्थित हुए। भारतीय किसान संघ जिला मीडिया प्रभारी मोहन सिंह राणावत ने बताया कि करीब पौने दो घंटे तक प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर किसानों ने अपनी मांगों से जिम्मेदारों को अवगत कराया। इस अवसर पर सभी पदाधिकारियों ने संबोधित करते हुए किसानों की मुख्य समस्याओं से जोरशोर से उठाया। जिसके बाद सभी किसान दो पहिया वाहनों पर सवार होकर रैली के रूप में निकले, रैली शिवाजी सर्कल से प्रारंभ होकर फव्वारा चौक, कमल चौक, फोरजीरो चौराहा, विजय टॉकिज चौराहा होते हुए कलेक्टोरेट कार्यालय पहुंचे। जहां पर मुख्यमंत्री कमलनाथ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व कलेक्टर के नाम ज्ञापन नायब तहसीलदार प्रशिस्त सिंह को ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें अतिवृष्टि से हुए नुकसान का सर्वे करवाकर सही आंकलन कर मुआवजे और बीमा का लाभ दिलाने, कृषि उपज मंडी में लाल गुलाब गैंग की चोरियों पर नियंत्रण करने, व्यापारियों द्वारा स्वयं के हम्माल और टेंपों से काम करवाने व अधिकृत तुलावटी और तोल कांटों का उपयोग करने, चंगेरा मंडी का शीघ्र निर्माण करने, फसल बीमा प्रिमियम की रसीद प्रदान करने, २ लाख तक का ऋण तुरंत माफ करने आदि मांगे की गई।
ज्ञापन में पूर्व में घोषित सोयाबीन व मक्का की फसल का 500 रुपए प्रति क्विंटल बोनस शीघ्र देने, गेहूं के 160 रुपए प्रति क्विंटल बोनस किसानों के खाते में देने, जिन किसानों का प्याज का भुगतान नहीं हुआ वह बैंक खाते में डालने, आगामी रबी सीजन में दिन में 12 घंटे अनवरत बिजली उपलब्ध करवाने, लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य देने, समर्थन मूल्य पर वर्षभर खरीदी सुनिश्चित करने, सभी तरह की अनुपयोगी सब्सिडिओं को समाप्त कर प्रति हेक्टर 25000 वर्ष में एक बार सीधे किसानों के खातों में डाले जाने, कृषि उपज मंडियों में फसल की खरीदी व्यवस्था में सरलीकरण, सभी किसानों को २ लाख तक नकद भुगतान करने, देशभर में फसलों के उत्पादन व आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए आयात निर्यात नीति बनाने, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की विसंगतियों को दूर करने, कृषि बजट अलग से पेश करने, मनरेगा को खेती से जोडऩे, फसलों में वन्य प्राणियों द्वारा जो नुकसान किया जाता है उसकी क्षति पूर्ति करने, नर रोजड़ों की नसबंदी आदि मांग की गई।