scriptपोषण आहार से बने व्यंजनों से महका महाविद्यालय परिसर | neemach news | Patrika News

पोषण आहार से बने व्यंजनों से महका महाविद्यालय परिसर

locationनीमचPublished: Sep 20, 2019 10:30:14 am

Submitted by:

Mahendra Upadhyay

-पहले निकाली रैली, फिर पोषण थालियों की हुई प्रतियोगिता-आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने सजाई एक से बढ़कर एक थालियां

पोषण आहार से बने व्यंजनों से महका महाविद्यालय परिसर

पोषण आहार से बने व्यंजनों से महका महाविद्यालय परिसर

नीमच. आमजन में पोषण आहार के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से गुरुवार को पोषक व्यंजन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और छात्र-छात्राओं द्वारा एक से बढ़कर एक व्यंजन बनाकर प्रस्तुत किए गए। प्रतियोगिता में कतारबद्ध तरीके से सजी पोषक थालियां आकर्षण का केंद्र रही। जिसमें कई सामग्रियां पोषण आहार से तैयार की हुई थी, तो कुछ सामग्रियां घर में उपयोग होने वाले खाद्य प्रदार्थों से तैयार थी। जिससे पूरा महाविद्यालय परिसर महक उठा था। इस अवसर पर सभी को पोषण आहार का महत्व भी बताया गया।
बतादें की आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से पोषण आहार वितरित किया जाता है। उस पोषण आहार से कुछ लोग सामान्य खाद्य सामग्री बनाकर रह जाते हैं। चूकि उसी पोषण आहार से विभिन्न प्रकार के व्यंजन भी बनाए जा सकते हैं। जिससे बच्चे, गर्भवती महिलाएं आदि उपयोग कर कुपोषण भी दूर कर सकते हैं। इसी जागरूकता के लिए पोषक व्यंजन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, ताकि लोगों को यह पता चला कि पोषण आहार से वे ऐसी सामग्रियां भी बना सकते हैं जो स्वादिष्ट भी लगे और उससे पोषण भी मिले। इस प्रतियोगिता से पूर्व एक जागरूकता रैली का आयोजन किया गया, जो फव्वारा चौक से प्रारंभ होकर ज्ञान मंदिर विधि महाविद्यालय पहुंचकर सम्पन्न हुई।
संतुलित एवं उचित आहार भोजन में शामिल कर हम मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ्य रह सकते है। स्वस्थ्य व्यक्ति ही भारत निर्माण में अपना अमूल्य सहयोग दे सकता है। यह बात जिला पंचायत अध्यक्ष अवन्तिका मेहरसिंह जाट द्वारा पोषण माह अंतर्गत ज्ञान मंदिर विधि महाविद्यालय में आयोजित वृहद पोषण सभा में कही, इस अवसर पर विधायक जावद ओमप्रकाश सकलेचा ने कहा कि सात्विक भोजन का अपनी थाली में समावेश करना चाहिए। सात्चिक भोजन उचित आहर, खान पान से ही मनुष्य का व्यवहार प्रदर्शित होता हैं। बच्चे का प्रथम भोजन मां का दूध है। जन्म के तुरन्त बाद नवजात शिशु को मां का पहला दूध अवश्य ही देना चाहिए। जिला कार्यक्रम अधिकारी संजयकुमार भारद्वाज ने पोषण सभा को संबोधित करते हुए पोषण माह में आयोजित गतिविधियों की जानकारी दी तथा बच्चों, किशोरियों, गभवती, धात्री माताओं एवं आम नागरिकों को आवश्यक भोजन आहार के महत्व पर प्रकाश डालते हुए एनीमिया एवं खून की कमी के लक्षण एवं उनसे होने वाले परिणामों की जानकारी देते हुये एनीमिया से बचाव के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई।
वृहद पोषण सभा में पोषण जागरूकता पर पौष्टिक थाली प्रतियोगिता एवं स्थानीय भोज्य प्रदार्थो से निर्मित पोषक व्यंजन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें सुषमा गुप्ता प्रथम, छाया शुक्ला द्वितीय एवं अस्मिता लुकड़ा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया एवं शाहजहां शेख, रेखा तिवारी एवं पिंकी गुरंग को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया। स्थानीय भोज्य प्रदार्थो से निर्मित पोषक व्यंजन प्रतियोगिता में अर्चना पंवार प्रथम, संजय छाकड द्वितीय, राजकुवर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया तथा रेखा सुत्रकार, पिंकी कुंवर एवं ललिता मेहता ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया। जिन्हें मुख्य अतिथियों द्वारा पुरस्कृत किया गया एवं प्रमाण पत्र वितरित किए गए। वृहद पोषण सभा जिले में परियोजना अधिकारी, पर्यवेक्षक, ज्ञान मंदिर, ज्ञानोदय नर्सिग कॉलेज, बालकवि बैरागी महाविद्यालय, जाजु कन्या महाविद्यालय, स्वामी विवेकानन्द के छात्र एवं छात्राओं ने भाग लिया। कार्यक्रम के अन्त में विधायक ओमप्रकाश सखलेचा द्वारा पोषण शपथ का वाचन किया गया। पोषण सभा का संचालन प्रोफेसर डॉ संजय जोशी द्वारा किया गया एवं आभार सुभाष गवई द्वारा व्यक्त किया गया।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो