script

एक फोन और एक मेसेज पर पहुंच जाते हैं जीवन बचाने रक्तदाता

locationनीमचPublished: Jun 14, 2018 06:01:30 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

-छह माह में डेढ़ दर्जन से अधिक ग्रुप ने बढ़ाया रक्तदान के लिए हाथ-नेगेटिव ब्लड ग्रुप की नीमच से होती है निंबाहेड़ा, इंदौर तक आपूर्ति

patrika

एक फोन और एक मेसेज पर पहुंच जाते हैं जीवन बचाने रक्तदाता

नीमच. यूं तो रक्तदान करने के लिए आमजन से लेकर सामाजिक संस्थाएं तक आगे आने लगी है। ताकि किसी को रक्त के अभाव में अपने जीवन से हाथ न धोना पड़े। लेकिन कई बार ऐसे ब्लड ग्रुप की आवश्यकता पड़ जाती है जो बहुत की कम लोगों में पाया जाता है। ऐसे में रक्त की व्यवस्था करना न सिर्फ मुश्किल हो जाता है, बल्कि जिम्मेदारों के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं होता है। ऐसी स्थिति में भी जिला मुख्यालय पर एक फोन और एक मेसेज में रक्तदाता जीवन बचाने पहुंच जाते हैं।
बतादें की जिले में कभी किसी मरीज, घायल, थेलेसिमिया के मरीज, डिलेवरी वाली महिलाओं सहित अन्य को रक्त के कारण किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़े। इसलिए ४ जुलाई २०१४ को सोश्यल मीडिया पर एक ब्लड रक्तदाता क्लब बनाया गया, जिसमें वर्तमान में करीब २७५ से अधिक ऐसे लोग जुड़े हैं जो किसी भी परिस्थति में जरूरत पडऩे पर एक मेसेज मिलते ही रक्तदान करने पहुंच जाते हैं। ताकि जिंदगी से जंग लड़ रहे व्यक्ति का जीवन बचाया जा सके। इस गु्रप में समाजसेवी राकेश खींची व सत्येंद्र सिंह राठौड़ की अहम भूमिका है। इसी ग्रुप के साथ जिले के तीनों विकासखंड में भी अलग अलग तीन गु्रप बना रखें हैं ताकि जरूरत पडऩे पर उन ग्रुपों में भी मेसेज कर रक्त मुहैया कराया जा सके।
नेगेटिव ब्लड ग्रुप की होती है एक फोन पर व्यवस्था
भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी के माध्यम से जिला चिकित्सालय में चल रहे रेडक्रॉस ब्लड बैंक प्रबंधक सत्येंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि कई बार नेगेटिव ब्लड ग्रुप जैसे ए नेगेटिव, बी नेगेटिव, एबी नेगेटिव की जरूरत पड़ जाती है। चूकि यह ब्लड ग्रुप मात्र ०५ से १५ प्रतिशत लोगों में ही पाया जाता है। इस कारण इसकी व्यवस्था करने के लिए करीब ५० रक्तदाताओं की लिस्ट तैयार कर रखी है। जिन्हें मात्र एक फोन करने पर वे रक्तदान करने पहुंच जाते हैं। उन्होंने बताया कि जरूरत पडऩे पर नीमच से चित्तोडग़ढ़, भीलवाड़ा, उदयपुर, मंदसौर, इंदौर तक नेगेटिव ब्लड ग्रुप का ब्लड पहुंचाया जाता है। ताकि व्यक्ति का जीवन बचाया जा सके।
हर माह समाजसेवी संस्थाएं आ रही आगे
व्यक्ति के शरीर में जब तक रक्त दौड़ता है, तब तक व्यक्ति का जीवन हंसता खिलखिलाता रहता है। लेकिन कई बार एक यूनिट रक्त व्यक्ति के लिए इतना महत्वपूर्ण हो जाता है कि उसका जीवन एक यूनिट रक्त के बिना बचाना संभव नहीं होता है। इस कारण जिले में किसी को रक्त के अभाव में परेशान न होना पड़े, इसलिए हर माह दो से अधिक समाजसेवी संस्थाएं आगे आकर शिविर के माध्यम से रक्तदान करती है। ताकि जिले में होने वाली रक्त की खपत की पूर्ति की जा सके। इस साल जनवरी से लेकर अब तक करीब डेढ़ दर्जन से अधिक सामाजसेवी संस्थाओं ने आगे आकर रक्तदान किया है।
समाजसेवी संस्था रक्तदान की संख्या यूनिट में
अहीर समाज जीवन रक्षक ग्रुप ५५
विश्वकर्मा जांगिड़ ब्राह्मण समाज ०९
आदर्श क्रेडिट सोसायटी १०
बघाना संघर्ष समिति ०६
सकल विप्र ब्राह्मण समाज ३०
युवा खंडेलवाल सेवा समिति ५१
महात्मागांधी महाविद्यालय जावद ३७
अल्कोलायड फैक्ट्री २४
वन जीवन रक्षक, छोटी सादड़ी ५३
सीटू नीमच ३६
अपना नीमच ९७
जैन सोश्यल गु्रप, निंबाहेड़ा ३९
रूप सेना संगठन, मनासा ३०
अंबेडकर जनक्रांति मंच, छोटी सादड़ी २४
भाजपा युवा मोर्चा धामनिया लासुर ४५
वन कर्मचारी संगठन १७
जणवा युवा शक्ति १२१
इस प्रकार इस वर्ष जनवरी से लेकर अब तक में करीब १७ समाजसेवी संस्थाएं रक्तदान के लिए आगे आई है। इसी के साथ आमजन ने भी सीधे ब्लड बैंक पहुंचकर रक्तदान किया है।
२४ घंटे में हो जाता है दान किया रक्त कवर
एक व्यक्ति द्वारा रक्तदान करने पर दान किया हुआ रक्त करीब २४ से ४८ घंटे में फिर कवर हो जाता है। चूकि रक्तदान करने से निश्चित ही किसी का जीवन बचाया जा सकता है। इस कारण एक व्यक्ति हर तीन माह में रक्तदान कर सकता है। जिला मुख्यालय पर स्थित बल्ड बैंक में अप्रैल माह में ३८१ लोगों ने रक्तदान किया, वहीं मई में ५६६ लोगों ने रक्तदान किया, इस माह जून में भी अभी तक करीब ३१० लोगों ने रक्तदान किया है।
वर्जन.
नीमच में लगातार रक्तदाताओं की संख्या बड़ी है। यहां के सभी क्लब और समाजों में रक्तदान के प्रति जागरूकता आई है। इस कारण हमें मरीजों को रक्त उपलब्ध कराने में आसानी होती है। यही कारण है कि नेगेटिव ब्लड हम जिले से बाहर भी उपलब्ध कराते हैं।
-सत्येंद्रसिंह राठौड़, प्रबंधक, रेडक्रॉस ब्लड बैंक

ट्रेंडिंग वीडियो