भारतमाता यज्ञ के लिए गुलाठी परिवार ने किया था प्रेरित
सत्यमित्रानंदन गिरि ने कहा कि मैंने कई यज्ञ किए, लेकिन हरिद्वार में भारतमाता यज्ञ के लिए मुझे अशोक गुलाठी ओर उनकी धर्मपत्नी ललीता ने प्रेरित किया। ओर यज्ञ के लिए प्रथम यजमान बनने का सौभाग्य प्राप्त किया। यजमानों की पूर्ति हो चुकी है अब कोई यजमान नहीं बन सकता।
गरोठ के उपाध्याय ने मुंह से बजाई ढोलक
प्रवचन के बाद उनके शिष्य शशीकांत उपाध्याय गरोठ ने मुंह से ढोलक की आवाज निकाली। जिससे पूरा पांडाल तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज उठा। इस दौरान भक्तों ने स्वामी के चरण वंदन कर आर्शीवाद लिया।
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