60 से 80 हजार रुपए प्रति किसान
एसीबी के एएसपी चंद्रशील के मुताबिक, शशांक यादव के द्वारा अफीम फैक्ट्री नीमच से राजस्थान के लाइसेंसी काश्तकारों की अफीम जमा की जाती है। वर्तमान में फैक्ट्री को अफीम देने वाले मध्य प्रदेश व राजस्थान के काश्तकारों के सैंपल की जांच हो रही है। सेंटरों पर जांच के बाद प्रतिशत के हिसाब से काश्तकारों को भुगतान किया जाता है। शशांक यादव के पास नीमच अफीम फैक्ट्री का अतिरिक्त चार्ज है। आरोप है कि शशांक और नीमच में कार्यरत अन्य कर्मचारी अजीत सिंह, दीपक यादव और दलालों के माध्यम से 60 से 80 हजार रुपए प्रति किसान वसूले जा रहे हैं। रकम के एवज में अफीम की बढय़िा गाढ़ता व मारफीन प्रतिशत ज्यादा बताकर 10 आरी, 12 आरी का पट्टा दिलवाया जाता है। चित्तौडग़ढ़, प्रतापगढ़, कोटा, झालावाड़ के किसानों के साथ ऐसा किया जा रहा है। रकम नहीं देने पर अफीम को घटिया करार दिया जाता है।
30 से 36 करोड़ एडवांस वसूले
एएसपी के मुताबिक अफीम लैब के अजीत सिंह व कोडिंग टीम के दीपक कुमार यादव ने दलालों के जरिए 6 हजार से ज्यादा किसानों से 10/12 आरी के पट्टे दिलवाने के नाम पर 30 से 36 करोड़ रुपए एडवांस वसूल कर लिए हैं। अभी भी 40 हजार से अधिक किसानों की अफीम की जांच होनी बाकी है। एसीबी को सूचना मिली थी कि शशांक यादव नीमच आया है। अवैध रूप से वसूल किए गए लगभग 15 लाख रुपए लेकर पुलिस का लोगो लगी हुई स्कॉर्पियो गाड़ी से चित्तौडग़ढ़-कोटा होता हुआ गाजीपुर (उत्तर प्रदेश) जाएगा। इसके बाद एसीबी की टीम ने कोटा-उदयपुर हाइवे पर हैंगिंग ब्रिज टोल नाके पर आकस्मिक चेकिंग की। पुलिस का लोगो लगी हुई स्कॉर्पियो गाड़ी में शशांक यादव आया।