एसपी मनोज कुमार राय ने शनिवार को पूरे मामले का खुलासा करते बताया कि घटना के बाद से ही पुलिस सरगर्मी के साथ जांच में जुटी थी। संदेह के घेरे में जितने भी स्कार्पियों कार वाले तस्कर थे सभी से पूछताछ की गई। इस दौरान पता चला कि चला कि विष्णु मीणा द्वारा अपने वाट्स ग्रुप में विकास उर्फ बंटी आंजना निवासी केसुन्दा के खिलाफ एक खबर लगाई गई थी। वहीं घटना में प्रयुक्त वाहन सफेद स्कार्पियों जिसमें आगे बम्पर लगे वो भी बंटी के पास है। केसुंदा बंटी के घर दबिश देने पर वह फरार मिला। जिसके बाद पुलिस का शक और मजबूत हो गया। वहीं पुलिस ने बंटी को घेराबंदी कर केसुन्दा कलाली के पास से गिरफ्तार किया। पूछताछ में विकास ने बताया कि विष्णु मीणा घटना के तीन दिन पहले केसुन्दा आया तथा उसे धमका कर बोला कि तेरे खिलाफ न्यूज ग्रुप में लिखूंगा और दिनांक 05 अगस्त 2020 को विष्णु मीणा द्वारा न्यूज ग्रुप में मेरे विरूद्ध लिखा । जिसे मेरे ससुर ने देखा तथा मेरी शादी टूटने की नौबत आ गई थी। जिससे गुस्सा होकर मैंने अपने साथियों के साथ उक्त वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने अब तक विकास उर्फ बंटी आंजना पिता बापूलाल आंजना 26 वर्ष निवासी केसुन्दा छोटी सादड़ी व मनीष पिता कैलाश चन्द्र 26 वर्ष निवासी उदयपुर को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं अन्य दो आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी है। आरोपी विकास आंजना द्वारा अपहरण की वारदात को अंजाम देते समय जिस स्कारपियो का इस्तेमाल किया था वह कर्नाटक से चोरी की गई थी।
यह है मामला
गत 6 अगस्त की दरमियानी रात पत्रकार विष्णु मीणा को रिसाला मस्जिद के समीप से बिना नम्बर वाली स्कारनियो चालक ने टक्कर मारी थी। उसके बाद कार में सवार 3-4 लोगो ने पत्रकार का अपहरण कर उसके साथ ग्रीन होटल के समीप हाईवे पर लेजाकर डंडो से मारपीट की। मारपीट के दौरान आरोपियो ने पत्रकार से 1600 रूपये की नगदी और विवो कम्पनी का मोबाईल छीन लिया था और पत्रकार को घायल अवस्था में हाईवे के बीच छोड़ दिया था।
उक्त कार्यवाही जिला पुलिस कप्तान मनोज राय व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसएस कनेश के दिशा निर्देशन व नगर पुलिस अधीक्षक राकेश मोहन शुक्ल के मार्गदर्शन में केंट थाना प्रभारी अजय सारवान, सिटी थाना प्रभारी नरेन्द्र सिंह ठाकुर, उनि गजेन्द्र सिंह चौहान, सउनि कैलाश सौलंकी, बापू सिंह चौहान, प्रआ नीरज प्रधान, भैरूसिंह, आरक्षक लक्की शुक्ला, अजित सिंह पंवार एवं सायबर सेल टीम आरक्षक प्रदीप शिन्दे, प्रशांत जयंत, लखन प्रताप सिंह का सराहनीय योगदान रहा है।