कनावटी जेल ब्रेक के मामले में अभी तक पुलिस प्रहरियों से रिश्वत की राशि को बरामद करने और अन्य फरार कैदियों की गिरफ्तारी में नाकाम रही है। पुलिस अब साढे पांच की बड़ी राशि प्रहरी ईश्वरचंद्र के खाते से मिलने पर कनावटी जेल में बंद हत्या के आरोपी अजीत सेंगर से पूछताछ करेगी। जिसके लिए कोर्ट से अनुमति मांगी है। कल उससे जेल में पुलिस पूछताछ करेगी। आरोपी प्रहरी विजेंद्र धाकड़ और अन्य लेखराम और मि_ूलाल की रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उन्हें १४ दिन के लिए जेल भेजने के कोर्ट ने आदेश दिए हैं।
एसआई कमलेश गौड ने बताया कि जेल बे्रक के मामले में सहयोगी बदमाश आरोपी विनोद डांगी, पवन धाकड़, फरार कैदी लेखराम बावरी ने पूछताछ के दौरान इन तीनों प्रहरियों को ही एक-एक लाख रुपए रिश्वत देने और जेल ब्रेक की साजिश में शामिल होने बयान दिए है। जिसके बाद जांच के बाद पुलिस ने उनकी भूमिका संदिग्ध लगने पर प्रहरी ईश्वरचंद्र रामपुरी, विजेंद्र धाकड़ और पंकित शर्मा को आरोपी बनाया है और रिमांड के दौरान उन्होंने कबूल भी किया है। लेकिन उन्होंने प्रहरी बालमुकुंद को उनके साथ शामिल होने की जानकारी या बयान नहीं दिए है। किसी से भी बालमुकुंद लबाना के साजिश में शामिल होने के तथ्य नहीं मिलने की दशा में उसे अभी तक पुलिस ने आरोपी नहीं बनाया है। जेल पुलिस की अपनी जांच है, उन्होंने किस स्तर पर उसे आरोपी माना है और बर्खास्त किया है। वह उनका विषय है। प्रहरी बालमुकुंद की ड्यूटी जेल के मेन गेट पर लगी थी। जबकि प्रहरी ईश्वरचंद्र और विजेंद्र की जेल के अंदर बैरक पर ड्यूटी थी। उनकी चार बजे ड्यूटी खत्म होने के बाद पंकित शर्मा की ड्यूटी लगी थी। जिसने भी जाली का गेट नहीं लगाया था और भगाने में मदद की थी। वहींं एक लाख रुपए रिश्वत जेल ब्रेक में लेने के बयान लेखराम बावरी ने दिए थे। जो कि पंकज धाकड़ के मार्फत दिए गए थे।
प्रहरी की यह भूमिका सामने आई
– पुलिस जांच के दौरान आरोपी प्रहरी ईश्वरचंद्र और विजेंद्र धाकड़ की जेल ब्रेक के दौरान 22 की रात्रि को ड्यूटी थी। उन्होंने जाली वाला बाहर का गेट खुला छोड़ा था। वहीं ईश्वर के जरिए ही मुलाकात घर के सेक्शन पाइप के माध्यम से ब्लेड और चार्जर केबल अंदर पहुंचाई गई थी तथा चप्पल काटकर मोबाइल फंसाकर अंदर भेजने में भी ईश्वर की अहम भूमिका सामने आई है। उसके खाते से जांच में पुलिस को साढे पांच लाख रुपए भी मिले हैं।
– प्रहरी विजेंद्र की ईश्वरचंद के साथ जेल के अंदर जेल ब्रेक के दिन ड्यूटी थी, लेखराम बावरी ने बताया है कि विजेंद्र भी जेल बे्रक में शामिल था और पवन धाकड़ के मार्फत एक लाख रुपए रिश्वत जेल बे्रक सहयोग में ली है।
– प्रहरी पंकित शर्मा की जेल ब्रेक की घटना के दिन सुबह चार बजे से ड्यूटी थी। उसने भी बैरक चैक नहीं किया और जाली वाला गेट खुला ही रहने दिया। जिससे चारों कैदी फरार हुए है। वहीं लेखराम के बयानों से स्पष्ट है कि इन्होंने भागते देखा और उसके बाद भी सूचना आगे नहीं दी। वहीं मिलीभगत के एक लाख रुपए रिश्वत ली है। जो कि पुलिस रिमांड दौरान कबूल की है।
– बालमुकुंद लबाना को कैंट पुलिस ने अभी आरोपी नहीं बनाया है। लेकिन जेल पुलिस ने जांच के दौरान इसकी भी लापरवाही मानी है। जेल के मुख्य गेट पर इसकी ड्यूटी थी। उसने जेल से बदमाश भागने के दौरान विहसेल नहीं बजाई। ड्यूटी ईमानदारी से नहींं की।
फरार आरोपियों की तलाश में हाथ खाली
फरार तीनों कैदियों की तलाश में कोई अपडेट नहीं है। पुलिस की टीम उनकी धरपकड़ में जुटी है, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली है।
– राकेश मोहन शुक्ल, सीएसपी नीमच।
चार प्रहरी बर्खास्त
कनावटी जेल ब्रेक के मामले में जांच के दौरान मिलीभगत सामने चार प्रहरी ईश्वरचंद्र, विजेंद्र धाकड़, पंकित शर्मा और बालमुकुंद लबाना को जेल विभाग ने सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। प्रहरी ईश्वरचंद और विजेंद्र की जेल ब्रेक की रात को जेल के अंदर सुरक्षा में ड्यूटी थी। उनकी ड्यूटी खत्म होने के बाद पंकित शर्मा रात चार बजे ड्यूटी पर आया था। जाली का गेट जानबूझकर खुला छोड़ा गया। लापरवाहीं थी। वहीं पुलिस जांच में भी मिलीभगत के साक्ष्य मिले है। इन्होंने एक-एक लाख रुपए लिए है। वहीं प्रहरी ईश्वरचंद्र के खाते से बड़ी राशि पांच लाख मिली है। प्रहरी बालमुकुंद की भी इनके साथ उसी दिन मेन गेट पर सुरक्षा ड्यूटी थी। जेल की दिवार फांदकर भागने वाले बदमाशों के प्रति आलाधिकारी को सजग नहीं किया गया। उसके द्वारा विहसेल नहीं बजाई गई। उसने अपनी ड्यूटी में लापरवाही बरती है। इसीलिए उसे भी जेल विभाग ने जांच के दौरान बर्खास्त किया है। शहर पुलिस की अलग जांच चल रही है। वह उनके आधार व तथ्य के अनुसार आरोपी बना रही है। इसके बारे में वह कुछ नहीं बता सकते है।
– आरआर डांगी, सर्कल जेल अधीक्षक रतलाम।