मादक पदार्थ की तस्करी के लिए नीमच-मंदसौर जिले देश में कुख्यात है। यहां की जेलों में जितने एनडीपीएस के कैदी बंद है इतनी संख्या में देश के किसी एक जेल में शायद ही बंद होंगे। वर्तमान में कनावटी जेल में कुल 464 कैदी बंद है। इनमें से अधिकांश मादक पदार्थ की तस्करी में लिप्त रहे हैं। एनडीपीएस के बंदियों में बड़ी संख्या में विचाराधीन है। इनके प्रकरण वर्षों से न्यायालय में चल रहे हैं। आर्थिक रूप से कमजोर होने की वजह से जमानत तक नहीं छूट पाते हैं। हालात यह बन गए हैं कि एनडीपीएस प्रकरणों में अधिकतम सजा 10 साल तक होती है और कई बंदी तो ऐसे हैं जिन्हें प्रकरण न्यायालय में चलते हुए ही 8 से 10 साल तक का समय हो चुके हैं। इन विचाराधीन बंदियों की स्थिति देखकर ही एनडीपीएस के आरोपी जेल से फरार होने की जुगाड़ में लगे रहते हैं। ऐसे कई उदाहरण सामने आ चुके हैं जिनमें एनडीपीएस के बंदियों से बड़ी राशि लेकर उन्हें जेल में सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हों। वर्ष 2009 में जो 5 कैदी फरार हुए थे उनमें भी अधिकांश एनडीपीएस के ही आरोपी थे। पूरी योजना बनाकर जेल से फरार हुए थे। दस साल बाद २२ जून की अलसुबह 3.30 से 4 बजे के बीच एक बार फिर 4 कैदी कनावटी जेल से फरार होने मेें सफल रहे हैं। पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार सगर बताया कि कैदियों की धरपकड़ के लिए राजस्थान सीमा की नाकाबंदी कर आरोपियों के गृहक्षेत्र में भी तलाशी की जा रही है।