नई सोयाबीन 3600 रुपए क्विंटल तक बिकी
कृषि उपज मंडी में लहुसन की अब तक अच्छी आवक हो रही है। दाम भी किसानों को उम्मीद से अधिक मिल रहे हैं। बुधवार को भी लहसुन की अन्य जिंसों की तुलना में सबसे अधिक आवक रही। करीब 4 हजार बोरी लहसुन की आवक हुई, जो 3800-17000 के भाव बिकी। इस साल लहसुन ने किसानों को उनके अब तक के सारे कर्जों से उबार दिया है। बुधवार को नई सोयाबीन की 2 हजार बोरी की आवक रही जो 2180 से 3600 रुपए क्विंटल बिका। पुरानी सोयाबीन की 2 हजार बोरी की आवक रही, जो 3300-3951 के दाम बिकी। नई उड़द की 25 बोरी की आवक रही जो 2000 से 4740 रुपए क्विंटल बिकी। गेहूं की 6 हजार बोरी की आवक रही।
त्योहारी सीजन में रही आवक कमजोर
कृषि उपज मंडी में इन दिनों जो भी उसमें से अधिकांश उपज किसानों के यहां रखा स्टॉक है। जिले में इस साल न के बराबर उत्पादन की उम्मीद है। अतिवृष्टि और मनासा तहसील में बाढ़ की वजह से फसलें लगभग पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। इस साल किसानों की दीपावली फीकी मनने की आशंका है। किसान बाजार में नहीं आएगा तो खरीदारी भी प्रभावित होगी। किसानों की पूरी उम्मीद प्रदेश शासन पर टिकी हुई है। शासन की ओर से 15 अक्टूबर तक किसानों के खातों में मुआवजा राशि डाले जाने की संभावना व्यक्त की गई।
17 हजार बोरी की रही आवक
बुधवार को कृषि मंडी में सभी जिंसों को मिलाकर कुल 17 हजार बोरी की आवक रही। जो भी आवक रही है वो किसानों के यहां रखा स्टॉक है। इस साल नई जिंसों की आवक भी काफी कम रहने की उम्मीद है।
– सतीश पटेल, सचिव कृषि उपज मंडी
कृषि उपज मंडी में लहुसन की अब तक अच्छी आवक हो रही है। दाम भी किसानों को उम्मीद से अधिक मिल रहे हैं। बुधवार को भी लहसुन की अन्य जिंसों की तुलना में सबसे अधिक आवक रही। करीब 4 हजार बोरी लहसुन की आवक हुई, जो 3800-17000 के भाव बिकी। इस साल लहसुन ने किसानों को उनके अब तक के सारे कर्जों से उबार दिया है। बुधवार को नई सोयाबीन की 2 हजार बोरी की आवक रही जो 2180 से 3600 रुपए क्विंटल बिका। पुरानी सोयाबीन की 2 हजार बोरी की आवक रही, जो 3300-3951 के दाम बिकी। नई उड़द की 25 बोरी की आवक रही जो 2000 से 4740 रुपए क्विंटल बिकी। गेहूं की 6 हजार बोरी की आवक रही।
त्योहारी सीजन में रही आवक कमजोर
कृषि उपज मंडी में इन दिनों जो भी उसमें से अधिकांश उपज किसानों के यहां रखा स्टॉक है। जिले में इस साल न के बराबर उत्पादन की उम्मीद है। अतिवृष्टि और मनासा तहसील में बाढ़ की वजह से फसलें लगभग पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। इस साल किसानों की दीपावली फीकी मनने की आशंका है। किसान बाजार में नहीं आएगा तो खरीदारी भी प्रभावित होगी। किसानों की पूरी उम्मीद प्रदेश शासन पर टिकी हुई है। शासन की ओर से 15 अक्टूबर तक किसानों के खातों में मुआवजा राशि डाले जाने की संभावना व्यक्त की गई।
17 हजार बोरी की रही आवक
बुधवार को कृषि मंडी में सभी जिंसों को मिलाकर कुल 17 हजार बोरी की आवक रही। जो भी आवक रही है वो किसानों के यहां रखा स्टॉक है। इस साल नई जिंसों की आवक भी काफी कम रहने की उम्मीद है।
– सतीश पटेल, सचिव कृषि उपज मंडी