भागवत कथा को श्रवण करने का होना चाहिए लालच यह बात माहेष्वरी समाज नीमच के तत्वाधान में माहेष्वरी महिला मण्डल नीमच द्वारा 1 मार्च शुक्रवार दोपहर को माहेष्वरी मार्ग स्थित माहेष्वरी समाज भवन में आयोजित श्रीमद् भागवत ज्ञान के प्रथम दिवस बोल रहे थे। उन्होने कहा कि कहते है लोभ करना अच्छा नहीं है लेकिन भागवत कथा को जीवन में बार-बार श्रवण करने का लालच होना चाहिए । काम, कोम, क्रोध, मद् मोह के विकार पवित्र औषधी श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा है भागवत कथा का रसाअमृत देवताओं को भी नहीं मिला था वे भी इसके लिए तरशते रहे । श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ संसार का सर्वोच्च सद्कर्म है । भागवत श्रवण करने से भगवान श्रीकृष्ण स्वंय भक्त के हद्रय के आासन पर बिराजते है कथा श्रवण कर भाव शुद्ध हो बुर्जगों का आदर करे कथा श्रवण कर जीवन में आत्मयात करे तभी भागवत करना सार्थक होगा । माता-पिता का आदर सेवा करे तभी तीर्थ दर्शन सार्थक सिद्ध होगा माता-पिता घर में देवता है हमें तीर्थ यात्रा पर जाने की आवष्यकता नहीं है । मानव शरीर के प्रति मोह नहीं रखे यह नाष्वान है । अपने दोषों का दिखाओं अपने गुणों को छिपाओं दुसरे के दोशों को छुपाओं गुणों को दिखाओं तो जीवन सार्थक हो जायेगा । दुर्जन के साथ रहने पर सज्जन को भी कंलक लग जाता है । भागवत पौथी पूजन आरती में सत्यनारायण गगरानी, जगदीष माहेष्वरी, रूकमणदेवी बाहेती, संजय बाहेती, राजेष बाहेती, सूरजदेवी गटृानी, महिला मण्डल अध्यक्ष वंदना मंत्री, दिनेष लढा, ओ.पी. मंत्री सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे । महाआरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया ।