प्रथम चल पर चोरी छिपे चल रहा था गोरखधंधा
खाद एवं औषधि प्रशासन विभाग ने शुक्रवार को पक्की सूचना के आधार पर दोपहर करीब 3 बजे बघाना श्मशान के समीप स्थित रमेशचंद्र पियूषकुमार गर्ग फर्म पर दबिश दी। मौके पर फर्म के प्रोपराइटर रमेशचंद्र गर्ग भी मौजूद थे। यहां संचालित कारखाने का संचालन पियूष कुमार गर्ग करता है। कलेक्टर अजयसिंह गंगवार के निर्देश पर दबिश देने मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजीवकुमार मिश्रा दो पुलिस जवानों के साथ कारखाने पहुंचे थे। प्रारंभिक जांच में फर्म संचालक के पास प्रोसेसिंग लाइसेंस मिला। फर्म संचालक ने अधिकारी को गुमराह करने का प्रयास भी किया। जिस स्थान पर मिश्रा ने दबिश दी थी वहां सल्फर का उपयोग नहीं हो रहा था। प्रथम तल का दरवाजा बंद होने पर उन्होंने वहां किसी प्रकार की गतिविधि संचालित नहीं होने की बात कही। मिश्रा ने पुलिस जवानों को समीप के गोदाम की छत पर भेजा। वहां से देखने पर पता चला कि प्रथम तल मंजिल का दरवाजा तो बाहर से बंद है, लेकिन अंदर मजदूर काम कर रहे हैं।
कार्रवाई के डर से 8 किलो सल्फर धनिया में छुपाई
मिश्रा ने बताया कि पुलिस जवानों ने जब बंद कमरे में मजदूरों को काम करते देखा तो प्रथम मंजिल का दरवाजा खुलवाया गया। कमरे में 6 मजदूर काम कर रहे थे। 15 बाय 8 और 15 बाय 10 के तीन कमरों में चोरी छिपे काला धंधा चल रहा था। कार्रवाई की भनक लगते ही मजदूरों ने सल्फर की बोरी को धनिया के बीच में छुपा दिया। लेकिन कमरे में फैली गंध की वजह से तलाशी ली गई तो धनिया के ढेर में से 8 किलो सल्फर बरामद हुआ। मौके से एक हजार 680 किलोग्राम धनिया, 59 कट्टों में भरकर रखा 2 हजार 950 किलोग्राम अजवाइन जब्त किया गया। धनिया, अजवाइन और सल्फर में से जांच के लिए दो-दो किलोग्राम के नमूने लिए गए। एक हजार 678 किलो धनिया, दो हजार 948 किलोग्राम अजवाइन और 6 किलोग्राम सल्फर जब्त कर कारखाने के प्रथम मंजिल पर एक कमरे में रखवाकर सील किया गया। साथ थी प्रथम मंजिल पर जाने वाले मेनगेट पर ताला लगाकर उसे भी सील किया गया। विभाग ने कुल 4 लाख 4 हजार 350 रुपए का माल जब्त कर सील किया। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की कार्रवाई की जानकारी मिलने पर तहसीलदार अजय हिंगे और नायब तहसीलदार प्रशस्तिसिंह भी मौके पर पहुंचे थे।
पूर्व में भी हो चुकी है कार्रवाई
इस फर्म पर तत्कालीन खाद्य सुरक्षा अधिकारी सचिन लोगारिया ने भी कार्रवाई की थी। तब यहां से सल्फर बरामद नहीं हुआ था। दूसरी कार्रवाई के बड़ी मात्रा में स्वास्थ्य के लिए हानीकारण सल्फर बरामद हुआ है। सल्फर का उपयोग करने से पेट और गले से संबंधित कई रोग होने की आशंका रहती है। नमूने शनिवार को जांच के लिए राज्य प्रयोगशाला भोपाल भेजे जाएंगे।
– संजीवकुमार मिश्रा, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी
खाद एवं औषधि प्रशासन विभाग ने शुक्रवार को पक्की सूचना के आधार पर दोपहर करीब 3 बजे बघाना श्मशान के समीप स्थित रमेशचंद्र पियूषकुमार गर्ग फर्म पर दबिश दी। मौके पर फर्म के प्रोपराइटर रमेशचंद्र गर्ग भी मौजूद थे। यहां संचालित कारखाने का संचालन पियूष कुमार गर्ग करता है। कलेक्टर अजयसिंह गंगवार के निर्देश पर दबिश देने मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजीवकुमार मिश्रा दो पुलिस जवानों के साथ कारखाने पहुंचे थे। प्रारंभिक जांच में फर्म संचालक के पास प्रोसेसिंग लाइसेंस मिला। फर्म संचालक ने अधिकारी को गुमराह करने का प्रयास भी किया। जिस स्थान पर मिश्रा ने दबिश दी थी वहां सल्फर का उपयोग नहीं हो रहा था। प्रथम तल का दरवाजा बंद होने पर उन्होंने वहां किसी प्रकार की गतिविधि संचालित नहीं होने की बात कही। मिश्रा ने पुलिस जवानों को समीप के गोदाम की छत पर भेजा। वहां से देखने पर पता चला कि प्रथम तल मंजिल का दरवाजा तो बाहर से बंद है, लेकिन अंदर मजदूर काम कर रहे हैं।
कार्रवाई के डर से 8 किलो सल्फर धनिया में छुपाई
मिश्रा ने बताया कि पुलिस जवानों ने जब बंद कमरे में मजदूरों को काम करते देखा तो प्रथम मंजिल का दरवाजा खुलवाया गया। कमरे में 6 मजदूर काम कर रहे थे। 15 बाय 8 और 15 बाय 10 के तीन कमरों में चोरी छिपे काला धंधा चल रहा था। कार्रवाई की भनक लगते ही मजदूरों ने सल्फर की बोरी को धनिया के बीच में छुपा दिया। लेकिन कमरे में फैली गंध की वजह से तलाशी ली गई तो धनिया के ढेर में से 8 किलो सल्फर बरामद हुआ। मौके से एक हजार 680 किलोग्राम धनिया, 59 कट्टों में भरकर रखा 2 हजार 950 किलोग्राम अजवाइन जब्त किया गया। धनिया, अजवाइन और सल्फर में से जांच के लिए दो-दो किलोग्राम के नमूने लिए गए। एक हजार 678 किलो धनिया, दो हजार 948 किलोग्राम अजवाइन और 6 किलोग्राम सल्फर जब्त कर कारखाने के प्रथम मंजिल पर एक कमरे में रखवाकर सील किया गया। साथ थी प्रथम मंजिल पर जाने वाले मेनगेट पर ताला लगाकर उसे भी सील किया गया। विभाग ने कुल 4 लाख 4 हजार 350 रुपए का माल जब्त कर सील किया। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की कार्रवाई की जानकारी मिलने पर तहसीलदार अजय हिंगे और नायब तहसीलदार प्रशस्तिसिंह भी मौके पर पहुंचे थे।
पूर्व में भी हो चुकी है कार्रवाई
इस फर्म पर तत्कालीन खाद्य सुरक्षा अधिकारी सचिन लोगारिया ने भी कार्रवाई की थी। तब यहां से सल्फर बरामद नहीं हुआ था। दूसरी कार्रवाई के बड़ी मात्रा में स्वास्थ्य के लिए हानीकारण सल्फर बरामद हुआ है। सल्फर का उपयोग करने से पेट और गले से संबंधित कई रोग होने की आशंका रहती है। नमूने शनिवार को जांच के लिए राज्य प्रयोगशाला भोपाल भेजे जाएंगे।
– संजीवकुमार मिश्रा, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी