नीमच

बारिश के बाद अब जलभराव बनेगा किसानों के लिए सिरदर्द

अतिवृष्टि से खेतों में खड़ी फसल बर्बाद होने की आशंका बढ़ी

नीमचAug 18, 2019 / 10:37 pm

Mukesh Sharaiya

इस तरह अठाना-तारापुर मार्ग पर खेतों में भरा हुआ है पानी।

नीमच. जिले में लगातार हुई झमाझम बारिश के बाद जहां नदी नाले उफान पर आ गए। इस कारण खेतों में भी काफी अधिक मात्रा में पानी भर गया। जिले में अब तक औसत से अधिक बारिश हो चुकी है। अब किसानों के सामने खेतों में जलभराव की वजह से नया सिरदर्द खड़ा हो गया है। मक्का, मूंगफली, सोयाबीन फसल को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है। यह बात कृषि विभाग के अधिकारी भी स्वीकार कर रहे हैं।

बाढ़ की वजह से बने बुरे हालात
जिले में सबसे बुरे हाल जावद विकासखंड में हैं। जावद तहसील में गंभीरी और ब्राह्मणी नदी किसानों के लिए यूं तो वरदान के समान है, लेकिन पिछले दो-चार दिनों में हुई लगातार बारिश के बाद यह आफत बन गई हैं। जावद के पठारी क्षेत्र को छोड़कर शेष भाग में दोनों नदियां अन्नदाता पर कहर बनकर टूटी हैं। खेतों में तीन से चार फीट तक पानी भर गया है। उचित निकासी की व्यवस्था जिन स्थानों पर नहीं है वहां किसान अधिक चिंतित हैं। नदी का पानी यह खेत में से बहकर निकल जाता है तो फसलों को अधिक नुकसान नहीं होगा। पानी 4 से 5 दिन लगातार भरा रहता है तो फसलों को नुकसान होने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे ही हालात इस समय गंभीरी और ब्राह्मणी नदी से लगे गांवों के किसानों के साथ निर्मित हो रहे हैं। करीब 15-20 दिन पहले किसान और ग्रामीण इंद्रदेव को मनाने के लिए गांव के बाहर उज्जैयनी मना रहे थे। जब इंद्रदेव काफी प्रसन्न हो गए तो बारिश का पानी आफत बन गया है।
खेत में 4-5 दिन पानी भरा रहने पर नुकसान
यदि खेत में से होकर पानी बह रहा है तो फसलों को कोई नुकसान नहीं होगा। हां, खेत में 4 से 5 दिन तक पानी लगातार भरा रहता है तो अवश्य नुकसान हो सकता है। जिले के ग्राम सेवकों का इस बारे में सूचित कर दिया गया है। वे फसलों पर नजर रख रहे हैं। फसल लगातार पानी में डूबी रहने से पौधों को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती इससे जड़े को नुकसान हो सकता है।
– ओएस बर्मन, सहायक संचालक कृषि
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