नीमच

VIDEO: चार माह मेहनत करने के बाद ही नतिजा निकला जीरो

VIDEO: चार माह मेहनत करने के बाद ही नतिजा निकला जीरो

नीमचJan 23, 2019 / 10:38 pm

Subodh Tripathi

VIDEO: चार माह मेहनत करने के बाद ही नतिजा निकला जीरो

नीमच. मेरा प्याज 166 रुपए क्ंिवटल बिका है। जिसे मंडी तक लाने का खर्च 70 रुपए क्ंिवटल बैठा है। वहीं मंडी में 20 रुपए क्ंिवटल का खर्चा बारदान, भराई आदि का लगता है। ऐसे में खाद्, बीज, मजदूरी आदि जोड़े कुछ हाथ नहीं लगा, वहीं प्याज उगाने में लगे चार माह का समय भी व्यर्थ ही गया ऐसा लगता है। अब किसान रोए या हंसे यह खुद नहीं समझ आता है।
यह बात बुधवार को प्याज मंडी में उन किसानों ने कही, जिनका प्याज सवा रुपए से 585 रुपए क्ंिवटल तक बिका है। किसानों ने बताया कि अभी तक प्याज के दाम में तेजी नहीं आई है। ऐसे में जो दाम मिल रहे हैं उसे किस्मत समझ कर अन्नदाता लेने को मजबूर हैं।
भावांतर खत्म होने के साथ ही कृषि उपज मंडी में सोयाबीन की आवक कमजोर हो गई है। सप्ताह के तीसरे दिन भी आवक 3 हजार का आंकड़ा पार नहीं कर पाई है। ऐसे में आवक कम होने से दाम जरूर तेज हुए हैं। क्योंकि बुधवार को ऊपर में सोयाबीन 4000 रुपए क्ंिवटल बिकी है। वहीं अधिकतर ढेर 3800 से 3900 रुपए क्ंिवटल बिके हैं।
बुधवार दोपहर में ही कृषि उपज मंडी में कामकाज सिमटता नजर आया। क्योंकि वर्तमान में सभी आवकें सामान्य दौर से गुजर रही है। ऐसे में जहां अनाज मंडी में दोपहर बाद सन्नाटा नजर आने लगा था, वहीं लहसुन और प्याज मंडी में भी चंद ढेर ही नजर आ रहे थे। ऐसे में साफ पता चल रहा था कि अब मंडी की रफ्तार रबी सीजन की फसलें आने पर ही बढेंगी।
प्याज बिका 120 से585 रुपए क्ंिवटल
कृषि उपज मंडी में जहां बुधवार को सोयाबीन की आवक 2800 बोरी तक थी। वहीं लहसुन की आवक 12 हजार बोरी हुई थी। जिसके दाम300 रुपए क्ंिवटल से लेकर 1790 रुपए तक रहे। वहीं प्याज की आवक 4000 कट्टे रही, जो 120 रुपए क्ंिवटल से लेकर 585 रुपए क्ंिवटल तक बिका।
मेरी लहसुन 1790रुपए क्ंिवटल बिकी है। चूकि हमने इसे साल भर अच्छे दाम के चक्कर में रखा था, लेकिन अब बेचना भी मजबूरी हो गया है। इसलिए कम दाम में भी बेच रहे हैं।
-दिनेश पाटीदार, जावी
आज हमारा प्याज मात्र 166 रुपए क्ंिवटल बिका है। जिसे गांव से यहां तक लाने में ही 70 रुपए क्ंिवटल का खर्चा बैठा है। वहीं यहां का खर्चा भी 20 रुपए क्ंिवटल है। ऐेसे में 90 रुपए क्ंिवटल तो खर्च कर दिया है। अब मात्र 76 रुपए क्ंिवटल के मान से पैसे बचे हैं। जो मजदूरी, खाद बीज आदि जोड़े तो सब बराबर हो जाएगा।
-बलराम मीणा, अरनिया मामादेव

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