दो साल में 6.50 लाख एलईडी बल्ब बांटे
उजाला योजनाक के तहत बिजली कंपनी ने जिले में करीब 85 रुपए प्रति नग के हिसाब से एलईडी बल्ब का दाम तय किया था। जिले में करीब तीन लाख घरेलू बिजली कनेक्शन है। इन कनेक्शनों को दो साल में करीब छह लाख पचास हजार एलईडी बल्ब दिए गए थे।
सौभाग्य योजना में बांटे 30 हजार एलईडी बल्ब
शासन द्वारा लाई गई सौभाग्य योजना में भी बिजली कंपनी का फोकस ऊर्जा संरक्षणके लिए एलईडी बल्ब बेचने पर रहा है। बिजली कंपनी केक रिकॉर्ड में करीब 30 हजार उपभोक्ता योजना में पंजीकृत है, जिन्हें बिजली कंपनी ने एक-एक एलईडी बल्ब दिया है। दोनों ही योजनाओं के तहत बांटे गए एलईडी बल्बों से कंपनी की बिजली बड़ी मात्रा में बची है और उपभोक्ताओं को बिजली के बिल भी कम आए हैं।
लाखो यूनिट बची बिजली
बिजली कंपनी के मुताबिक एक एलईडी बल्ब से 0.3 यूनिट बिजली की बचत हुई। इस तरह करीब साढ़े छह लाख एलईडी बल्बों से 2.30 से तीन लाख यूनिट प्रतिशत बिजली की बचत हुई है। एक साल में यह आंकड़ा 20 लाख से लेकर 25 लाख यूनिट हुआ है। इस तरह दो साल में 40 लाख से लेकर 60 लाख यूनिट तक की बिजली बची है। विभाग के मुताबिक इन आकंड़ो के मान से प्रति वर्ष १ करौड ४० लाख के हिसा से करीब 3 करोड़ रुपए की बिजली बचाई है।
दो साल में एलईडी बल्ब से करीब 40 लाख यूनिट बची
बिजली कंपनी ने उजाला योजना और सौभाग्य योजना में एलईडी बल्बों का वितरण किया था। दो साल में विभाग ने करीब 40 लाख यूनिट से ज्यादा की बिजली बचाई है। विभाग उपभोक्ताओं को सौर ऊर्जा करने के लिए भी प्रेरित कर रहा है। इसमें ऊर्जा संरक्षण की दिशा में बड़ी मदद मिलेगी।
– महिंद्र मेड़ा, अधीक्षण यंत्री, बिजली विभाग नीमच।