शिकायत के बाद नियुक्त किया अधिकारी
सब्जी मंडी के समीप पुराना हाट मैदान में नगरपालिका ने 35 दुकानों का निर्माण किया है। इन दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया में अनियमितताओं के आरोप लगाए गए हैं। दुकानों के निर्माण का एक ही ठेकेदार को ठेका दिया गया। दुकान निर्माण की विज्ञप्ति भी एक ही जारी की गई थी। नगरपालिका चल-अचल संपत्ति अधिनियम 2016 में 5 लाख की जनसंख्या से कम नगरपालिका में 2 करोड़ से अधिक के प्रकरणों शासन से अनुमति लेना अनिवार्य है। यहां 35 दुकानें करीब 12 करोड़ में नीलाम हुई हैं। ऐसे में नपा अधिनियम की धज्जियां उड़ाते हुए दुकानों की नीलामी की गई। इस संबंध में कांग्रेस पार्षद महेंद्र मोनू लोक्स ने कलेक्टर अजयसिंह गंगवार से शिकायत की थी। कलेक्टर ने इस मामले की जांच शहरी विकास अभिकरण (डूडा) एसकुमार को सौंपी है।
सब्जी मंडी के समीप पुराना हाट मैदान में नगरपालिका ने 35 दुकानों का निर्माण किया है। इन दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया में अनियमितताओं के आरोप लगाए गए हैं। दुकानों के निर्माण का एक ही ठेकेदार को ठेका दिया गया। दुकान निर्माण की विज्ञप्ति भी एक ही जारी की गई थी। नगरपालिका चल-अचल संपत्ति अधिनियम 2016 में 5 लाख की जनसंख्या से कम नगरपालिका में 2 करोड़ से अधिक के प्रकरणों शासन से अनुमति लेना अनिवार्य है। यहां 35 दुकानें करीब 12 करोड़ में नीलाम हुई हैं। ऐसे में नपा अधिनियम की धज्जियां उड़ाते हुए दुकानों की नीलामी की गई। इस संबंध में कांग्रेस पार्षद महेंद्र मोनू लोक्स ने कलेक्टर अजयसिंह गंगवार से शिकायत की थी। कलेक्टर ने इस मामले की जांच शहरी विकास अभिकरण (डूडा) एसकुमार को सौंपी है।
बिना शासन अनुमति हुई नीलामी
शिकायतकर्ता कांग्रेस पार्षद महेंद्र मोनू लोक्स ने बताया कि 5 जुलाई 19 को पुराने हाट मैदान में बनी 35 दुकानों की निलाम की विज्ञप्ति जारी की गई थी। दुकानों की नीलामी 22 जुलाई को हुई। 2 करोड़ से अधिक की दुकानें होने से निलामी से पहले या बाद में राज्य शासन से अनुमति लेना जरूरी था। बिना शासन अनुमति के 16 अगस्त 19 को नगरपालिका परिषद के विशेष सम्मेलन में प्रस्ताव रखकर स्वीकृति ले ली गई। लोक्स ने आरोप लगाया कि नपाध्यक्ष राकेश पप्पू जैन और अधिकारियों नें अपने परिचितों को फायदा पहुंचाने के लिए नियम विरुद्ध कार्य किया है। कलेक्टर ने शिकायत की गंभीरता को देखते हुए समय सीमा (टीएल) बैठक में शामिल किया है। लोक्से बताया कि यदि टीएल में कार्रवाई नहीं हुई तो धारा 323 में डीएम न्यायालय में याचिका लगाई जाएगी।
शिकायतकर्ता कांग्रेस पार्षद महेंद्र मोनू लोक्स ने बताया कि 5 जुलाई 19 को पुराने हाट मैदान में बनी 35 दुकानों की निलाम की विज्ञप्ति जारी की गई थी। दुकानों की नीलामी 22 जुलाई को हुई। 2 करोड़ से अधिक की दुकानें होने से निलामी से पहले या बाद में राज्य शासन से अनुमति लेना जरूरी था। बिना शासन अनुमति के 16 अगस्त 19 को नगरपालिका परिषद के विशेष सम्मेलन में प्रस्ताव रखकर स्वीकृति ले ली गई। लोक्स ने आरोप लगाया कि नपाध्यक्ष राकेश पप्पू जैन और अधिकारियों नें अपने परिचितों को फायदा पहुंचाने के लिए नियम विरुद्ध कार्य किया है। कलेक्टर ने शिकायत की गंभीरता को देखते हुए समय सीमा (टीएल) बैठक में शामिल किया है। लोक्से बताया कि यदि टीएल में कार्रवाई नहीं हुई तो धारा 323 में डीएम न्यायालय में याचिका लगाई जाएगी।
आरक्षण और ऑफर प्रक्रिया की भी होगी जांच
पुराना हाट मैदान में नगरपालिका द्वारा बनाई दुकानों को लेकर कांग्रेस पार्षद ने कलेक्टर को शिकायत की थी। एक व्यक्ति ने जनसुनवाई में भी शिकायत की है। कलेक्टर ने प्रकरण की जांच मुझे सौंपी है। मैंने सीएमओ से पूरा रिकार्ड मंगवाया है। नपा अधिनियम में स्पष्ट लिखा है कि 2 करोड़ से अधिक के निर्माण के संबंध में शासन से अनुमति लेना अनिवार्य है। यहां ऐसा नहीं किया गया है। जनसुनवाई में शिकायत हुई है कि दुकानों में से एक दुकान जो दृष्टिबाधित के लिए आरक्षित है। उसके दो ऑफर आए हैं। एक 15 लाख और दूसरा 33 लाख। नपा की ओर से कम ऑपर वाले को दुकान दी जा रही है, जो नहीं होना चाहिए। अधिक ऑफर वाले का हक पहला है। दुकानों की आरक्षण प्रक्रिया और ऑफर आमंत्रण की भी जांच की जाएगी। दुकान आंवटन को लेकर पेंच फंसता दिख रहा है।
– एस कुमार, परियोजना अधिकारी (डूडा)
पुराना हाट मैदान में नगरपालिका द्वारा बनाई दुकानों को लेकर कांग्रेस पार्षद ने कलेक्टर को शिकायत की थी। एक व्यक्ति ने जनसुनवाई में भी शिकायत की है। कलेक्टर ने प्रकरण की जांच मुझे सौंपी है। मैंने सीएमओ से पूरा रिकार्ड मंगवाया है। नपा अधिनियम में स्पष्ट लिखा है कि 2 करोड़ से अधिक के निर्माण के संबंध में शासन से अनुमति लेना अनिवार्य है। यहां ऐसा नहीं किया गया है। जनसुनवाई में शिकायत हुई है कि दुकानों में से एक दुकान जो दृष्टिबाधित के लिए आरक्षित है। उसके दो ऑफर आए हैं। एक 15 लाख और दूसरा 33 लाख। नपा की ओर से कम ऑपर वाले को दुकान दी जा रही है, जो नहीं होना चाहिए। अधिक ऑफर वाले का हक पहला है। दुकानों की आरक्षण प्रक्रिया और ऑफर आमंत्रण की भी जांच की जाएगी। दुकान आंवटन को लेकर पेंच फंसता दिख रहा है।
– एस कुमार, परियोजना अधिकारी (डूडा)