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Nagar Palika फिजूलखर्ची में कर रहे लाखों खर्च, स्वास्थ्य पर नहीं ध्यान

मच्छरों के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए नहीं हैं पुख्ता इंतजाम

नीमचAug 25, 2019 / 02:27 pm

Mukesh Sharaiya

नगरपालिका कॉलोनी में इस तरह लम्बे समय से जमा है दूषित पानी। जिसमें बड़ी संख्या में पनप रहे हैं मच्छर।

नीमच. यहां की आबादी करीब एक लाख 50 हजार है। इतनी बड़ी आबादी की मच्छरों से सुरक्षा मात्र दो फागिंग मशीन के भरोसे है। नगरपालिका प्रशासन की ओर से फिजूल खर्ची पर लाखों रुपए पानी की तरह बहा दिए जाते हैं। मात्र दो से ढाई लाख रुपए खर्च कर बड़ी फागिंग मशीन खरीदने के लिए रुपए नहीं हैं।

जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से बेने ऐसे हालात
नगरपालिका क्षेत्र में कुल 40 वार्ड हैं। बारिश के बाद से सभी दूर मच्छरों का प्रकोप काफी बढ़ा है। मलेरिया की शिकायत और वायरल फीवर में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हालात दिनोंदिन बिगड़ते जा रहे हैं। शाम 4 बजे बाद घरों के बाहर बैठना तक दुश्वार हो गया है। नगरपालिका की ओर से फागिंग मशीन से दवा का छिड़काव किया जाता है। 40 वार्डों में दवा छिड़काव करने के लिए नपा के पास मात्र दो पोर्टेबल फागिंग मशीन ही है। एक वार्ड में ही दवा छिड़काव में दो से तीन दिन लग जाते हैं। 40 वार्डों के रहवासियों को मच्छरों से राहत कब मिलेगी यह भगवान भरोसे हैं। नपा अधिकारियों का कहना है कि सुविधा मिले तो पूरे शहर में फागिंग मशीन से दवा छिड़कवा दें। पोर्टेबल मशीन से यह संभव नहीं है।
तलाशने पर भी नहीं मिला कर्मचारी
स्वास्थ्य अधिकारी विश्वास शर्मा ने बताया था कि शनिवार को स्कीम नंबर 9 में फागिंग मशीन से दवा का छिड़काव किया जाएगा। शाम 7 बजे नपा कर्मचारी द्वारा दवा का छिड़काव करने की बात कही गई थी। पत्रिका द्वारा पूरे क्षेत्र का भ्रमण करने के बाद भी कहीं पर दवा का छिड़काव होते नजर नहीं आया। स्वास्थ्य अधिकारी से भी पूछा कहां हो रहा है दवा का छिड़काव, तो वे भी स्पष्ट रूप से नहीं बता सके। पौन घंटे तक पूरे क्षेत्र में कर्मचारी को तालाश करने के बाद भी वो कहीं नहीं दिखा। अब अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह की व्यवस्था से शहर में मच्छरों के प्रकोप से लोगों की सुरक्षा की जा रही है।

दो बड़ी मशीनों की आवश्यकता
बारिश बाद मच्छरों का प्रकोप काफी बढ़ गया है। मच्छरों से बचाव के लिए फागिंग मशीन से दवा का छिड़काव किया जा रहा है। हमारे पास मात्र 2 पोर्टेबल फागिंग मशीन है। इनसे 40 वार्डों में दवा का छिड़काव करना परेशानी भरा है। दो बड़ी फाङ्क्षगग मशीन के लिए प्रस्ताव दिया था। बड़ी मशीन की मदद से एक बार में ही बड़े क्षेत्र में दवा का छिड़काव किया जा सकता है।
जब भी मशीनें आ जाएंगी उसका उपयोग किया जाएगा। तब तक पोर्टेबल मशीन से ही काम चलाएंगे।
– विश्वास शर्मा, स्वास्थ्य अधिकारी नपा

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