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Nagar Palika अब सीधे नहीं कर सकेंगे नगरपालिका अध्यक्ष का चुनाव

locationनीमचPublished: Oct 09, 2019 12:59:00 pm

Submitted by:

Mukesh Sharaiya

पार्षदों की बढ़ेगी पूछ परख, वार्डों में भी होगा विकास

Nagar Palika अब सीधे नहीं कर सकेंगे नगरपालिका अध्यक्ष का चुनाव

नीमच नगरपालिका

नीमच. राज्यपाल द्वारा नगरीय निकाय चुनाव के अध्यादेश को मंगलवार को मंजूरी दे दी है। इससे होगा यह कि अब जनता सीधे अध्यक्ष का चुनाव नहीं कर पाएगी। वर्तमान अध्यक्ष इससे निर्णय से भ्रष्टाचार बढऩे और विकास अवरुद्ध होने की दलील दे रहे हैं, वहीं पार्षद इस निर्णय का हाथों हाथ लेकर स्वागत योग्य कमद बता रहे हैं।

20 साल से जनता चुनती आई है अध्यक्ष
नगरीय निकायों के पिछले चार कार्यकाल में जनता सीधे अध्यक्ष का चुनाव करती आई है। नीमच नगरपालिका का उदाहरण देख लिया जाए तो जनता ने लगातार दो बार कांग्रेस के राघुराजङ्क्षसह चौरडिय़ा, नीता दुआ और वर्तमान नपाध्यक्ष राकेश पप्पू जैन को अध्यक्ष चुनाव है। इन चार कार्यकाल में तीन बार लगातार कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बना। नीमच नपा में वर्तमान अध्यक्ष भाजपा के हैं। इससे पहले नीमच नगरपालिका में जब अप्रत्यक्ष रूप से चुनाव हुए थे तब तीन-तीन अध्यक्षों का कार्यकाल देखने को मिला था। पहले भाजपा की मधुबेन पाटीदार और इसके बाद कांग्रेस की मंजू जायसवाल व सीमा दीवान अध्यक्ष बनीं थी। पार्षदों ने जब जिसे चाहा कुर्सी पर बैठाया और जब चाहा कुर्सी से उतार दिया था।

पार्षद कर रहे प्रक्रिया का स्वागत
प्रदेश में इस बार नगरीय निकाय चुनाव अप्रत्यक्ष तरीके से होने का पार्षदों ने इसका स्वागत किया है। चाहे भाजपा हो या फिर कांग्रेस दोनों ने इसे शहर और जनहित में लिया गया निर्णय बताया गया है। पार्षदों का कहना है कि इससे पार्षदों की बात को अध्यक्ष गंभीरता से सुनेंगे। हर वार्ड में विकास होगा। अध्यक्ष की मनमानी और तानाशाही पर अंकुश लगेगा। राजनीति में जिन लोगों के पास प्रतिभा होगी उन्हें आगे आने का अवसर मिलेगा। जो व्यक्ति पार्षद का चुनाव लड़ेंगे उन्हें व्यक्तिगत छवि का लाभ भी मिलेगा। राजनीतिक गुटबाजी की वजह से प्रभावशाली लोगों को अवसर नहीं मिल पाते था। अब ऐसा नहीं हो पाएगा। प्रभावशाली लोगों को अवसर देना ही पड़ेगा। दूसरी ओर अध्यक्ष इस प्रक्रिया को विकास कार्य के लिए रुकावट बता रहे हैं। अध्यक्ष स्वविवेक से निर्णय नहीं ले पाएंगे। अध्यक्ष पर सदैव पार्षदों का दबाव बना रहेगा। भ्रष्टाचार बढ़ेगा। विकास कार्यों की गति धीमी हो जाएगी।

हर पार्षद के क्षेत्र में होंगे काम
नगरीय निकायों में अब पार्षद अध्यक्ष और महापौर का चुनाव करेंगे। इससे अब तक चली आ रही अध्यक्ष और महापौर की तानाशाही पर रोक लगेगी। अध्यक्ष के मनमाने और अवैध कार्यों पर भी रोक लगेगी। पार्षदों को अपने क्षेत्र का विकास कराने का पूरा अवसर मिलेगा।
– योगश प्रजापति, कांग्रेस पार्षद
प्रतिभाओं को आगे आने का मिलेगा अवसर
अब तक प्रत्यक्ष तरीके से नगरीय निकायों के अध्यक्ष का चुनाव होता था। इस बार से जनता सीधे अध्यक्ष और महापौर का चुनाव नहीं करेगी। इससे राजनीति की प्रतिभाओं को आगे आने का अवसर मिलेगा। पहले गुटबाजी की वजह से प्रतिभाएं का अवसर नहीं मिल पाते थे।
– राजेश अजमेरा, भाजपा पार्षद
भ्रष्टाचार बढ़ेगा
प्रदेश सरकार द्वारा अप्रत्यक्ष तरीके से नगरीय निकायों के चुनाव कराए जाने से भ्रष्टाचार बढ़ेगा। विकास कार्यों में बाधा आएगी। लगातार शिकायतों के चलते कार्यों की गति सुस्त रहेगी।
– राकेश पप्पू जैन, नपाध्यक्ष नीमच

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