आपको बता दे कि गत गुरुवार को रामपुरा तहसील के मोखमपुरा गांव में पांच स्थानों पर अवैध अफीम की २८.३९ आरी में खेती होना पाई गई थी। वहीं दूसरे दिन शुक्रवार को कुकडेश्वर तहसील के बघाना ग्राम पंचायत में नो स्थानों पर जंगल में अवैध रूप से अफीम खेती होना पाई गई है। इतना नहीं एक खेत में गांजा मिला है। सबसे बड़ी बात यह है कि इन खेतों के मालिकों के बारे में भी नारकोटिक्स विभाग टीम अभी तक कुछ पता नहीं लगा पाई है। इस प्रकार शुक्रवार को भी २८.९० आरी अवैध अफीम खेती नष्ट कराई गई है और दो आरी गांजो की फसल को नष्ट कराया गया था। इतना सबकुछ लंबे समय से हो रहा है। लेकिन नारकोटिक्स विभाग को कोई खबर नहीं है। जबकि इतनी बड़ी टीम यहां काम करती है।
डोडे पर लगा लिए थे चीरे
टीम की कार्रवाई के दौरान मौके पर स्टील के बर्तन से भी अफीम मिली है। जिसमें कुल वजन २४० ग्राम करीब है। १० कट्टो में कुल २०५ किलोग्राम डोडा चीरा लगा हुआ मिला है। इससे साफतौर पर स्पष्ट है कि बदमाशों ने डोडे से अफीम भी निकाल ली है। इसके अलावा एक बाइक, लूने व चीरने के औजार व अन्य दस्तावेज भी मौके से बरामद हुए है, उसके बाद भी टीम बदमाशों का नाम उजागर नहीं कर पा रही है। नारकोटिक्स टीम ने मुखिया और पटवारी से भी गहनता से पूछताछ की, लेकिन उन्हें यह भी पता नहीं है खेत किसका है और खेत में बोई गई अफीम की देखरेख कौन करता है। आखिरकार इन पटवारी और मुखियाओं को अभी तक क्यूं निलंबित नहीं किया गया। जिससे साफतौर पर जिला प्रशासन के अधिकारियों की भी ढीलपोल रवैया कार्रवाई नजर आ रही है।
इनका यह कहना है
रामपुरा तहसील के मोखमपुरा में बंजारा समाज के कुछ लोगों द्वारा अवैध अफीम की खेती की गई है। पूरा गांव बंजारा समाज का होने के कारण कोई भी नाम नहीं बता रह है। वहीं पटवारी और मुखिया को भी कोई जानकारी नहीं है। जिससे टीम जांच में जुटी है।
– मुरलीकृष्णन, जिला अफीम अधिकारी
रामपुरा और कुकडेश्वर क्षेत्र के जंगल में अवैध अफीम की खेती टीम ने उजागर कर नष्ट कराई है, लेकिन अभी तक उनके मालिकों का पता नहीं चला है। पटवारी और मुखिया मौन है। उनकी भूमिका की भी जांच की जा रही है। वहीं तहसीलदार और एसडीएम को पत्र लिखकर भूमि के मालिक की जानकारी मांगी गई है।
– प्रमोद सिंह, उपायुक्त केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरों नीमच।