सरकार के खिलाफ नारेबाजीकर आशा ऊषा सहयोगिनी ने किया धरना प्रदर्शन
नीमचPublished: Oct 05, 2018 11:01:15 pm
सरकार के खिलाफ नारेबाजीकर आशा ऊषा सहयोगिनी ने किया धरना प्रदर्शन
सरकार के खिलाफ नारेबाजीकर आशा ऊषा सहयोगिनी ने किया धरना प्रदर्शन
नीमच. भोपाल में आशाओं पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में शुक्रवार को जिलेभर की आशा ऊषा सहयोगिनी फोरजीरो चौराहे पर एकत्रित हुई। जहां पर जमकर नारेबाजी करते हुए उक्त घटना की निंदा करते हुए धरना प्रदर्शन किया। इसके बाद रैली के रूप में कलेक्टर कार्यालय पहुंची। जहां पर राज्यपाल के नाम ज्ञापन नायब तहसीलदार जाबिर हुसैन को सौंपकर दोषी अधिकारियों कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग की गई।
शुक्रवार दोपहर करीब १२ बजे करीब २०० से अधिक आशा ऊषा सहयोगिनी फोरजीरो चौराहे पर एकत्रित हुई। यहां पर करीब डेढ़ घंटे तक धरना प्रदर्शन कर नारेबाजी की गई। सभी ने जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इसके बाद रैली के रूप में कमल चौक, गायत्री मंदिर रोड, होते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंची। जहां पर नारेबाजी करते हुए ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन में बताया गया कि कर्मचारी का दर्जा देने, जीने लायक वेतन और असहनीय शोषण से राहत दिलाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री से चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्री आवास के पास एकत्रित आशा ऊषा सहयोगियों पर मुख्यमंत्री के इशारे पर किए गए निर्मम लाठीचार्ज बेहद शर्मनाक एवं निंदनीय है। हमारी मांग जायज है। लेकिन प्रदेश सरकार आशाओं के साथ न्याय करने को तैयार नहीं है। जबकि प्रदेश में मातृ मृत्यु दर शिशु दर में कमी लाने के महत्वपूर्ण कार्य के साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं के साथ आम जनता को जोड़े रखने के साथ उन्हें योजनाओं का लाभ दिलाने में सक्रिय भूमिका निभाने के बावजूद सरकार नाम मात्र की प्रोत्साहन राशि देकर अधिक काम ले रही है। अपने बजट से आंगनवाड़ी कर्मियों को ७ हजार रुपए का मानदेय/वेतन देने वाली सरकार आशाओं को अपनी ओर से कुछ भी देने को तैयार नहीं है। राजधानी भोपाल में आशाओं पर लाठीचार्ज की घटना सरकार द्वारा उपेक्षा का ही परिणाम है। इसलिए लाठीचार्ज के लिए प्रदेश सरकार प्रत्यक्ष रूप से दोषी है। यह लाठीचार्ज सरकार द्वारा चलाए जा रहे महिला सशक्तिकरण के ठीक विपरित है। ज्ञापन के माध्यम से लाठीचार्ज के दोषी पुलिस, प्रशासकीय अधिकारियों एवं सरकार पर कार्यवाही करने, कर्मचारी का दर्जा व अन्य राज्यों की तरह आंगनवाड़ी कर्मियों के बराबर आशाओं को वेतन दिलाने की मांग राज्यपाल से की गई।
इस अवसर पर सीटू के प्रदेश सचिव शैलेंद्रसिंह ठाकुर, आशा ऊषा सहयोगिनी एकता यूनियन की कार्यवाहक अध्यक्ष शर्मिला जैन, अध्यक्ष कृष्णा कांठेड़, महासचिव रेखा व्यास, कांता अहीर, उषा तिवारी के साथ करीब २०० से अधिक आशा ऊषा सहयोगिनी उपस्थित रही। इस अवसर पर पुलिस के साथ ही महिला पुलिस भी सुरक्षा के मद्देनजर उपस्थित रही।
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