जीवन में सुकर्म करने वालों को नहीं होता मौत का भय
नीमच. जिसने जन्म लिया है उसे एक दिन मरना है जो जीवन में शुुभ कर्म करते हैं उन्हें मौत का भय नहीं होता । रावण समसता था कि दुनिया में मेरे जैसा कोई नहीं । मन में अंहकार था परन्तु अभिमान किसी का रहा नहीं व रहने वाला नहीं । केवल ज्ञानी से जाना कि एक दिन मरना है तो अमरता का नशा उतरने लगा । अगर हमारे मन में किसी के प्रति बुरे भाव या विचार आते है तो अगले के भावों में विचारों में भी वैसा ही परिवर्तन आता है । खुश रहने के लिए इच्छाओं पर काबु करना जरूरी है।
यह बात साध्वी उपेन्द्रयशा श्रीजी मसा ने कही वे रविवार को सुबह पुस्तक बाजार, आराधना भवन में आयोजित चार्तुमास धर्मसभा में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि संसार की वस्तुओं से जो सुख प्राप्त होता है वह क्षणिक तथा दुखरूपी ही है । क्योंकि जिस सुख के भीतर दुख छिपा हो वह सुख भी दुख ही है । यह सत्य है कि संसार का एक दुख यदि सुख में बदल भी जाए तो वह सुख अनेक प्रकार के दुखों की परम्परा को जन्म देता है । जब तक आत्मा संसार से मुक्त नहीं हो जाती तब तक दुख रहेंगे। श्रीसंघ सचिव मनीष कोठारी ने बताया कि 20 नवम्बर को जैन भवन से प्रात: 9 बजे नाकोड़ा तीर्थोद्वारक मेवाड़ केसरी आचार्य हिमाचलसूरीश्वर मसा की 32वीं पुण्यतिथि मनाई जाएगी । प्रवचन में 9 बजे गुणानुवाद होगा । 32 दीपक प्रज्जवलित किए जाएंगे। साथ ही 32 लक्की ड्रा खोले जाएंगे।
नीमच. जिसने जन्म लिया है उसे एक दिन मरना है जो जीवन में शुुभ कर्म करते हैं उन्हें मौत का भय नहीं होता । रावण समसता था कि दुनिया में मेरे जैसा कोई नहीं । मन में अंहकार था परन्तु अभिमान किसी का रहा नहीं व रहने वाला नहीं । केवल ज्ञानी से जाना कि एक दिन मरना है तो अमरता का नशा उतरने लगा । अगर हमारे मन में किसी के प्रति बुरे भाव या विचार आते है तो अगले के भावों में विचारों में भी वैसा ही परिवर्तन आता है । खुश रहने के लिए इच्छाओं पर काबु करना जरूरी है।
यह बात साध्वी उपेन्द्रयशा श्रीजी मसा ने कही वे रविवार को सुबह पुस्तक बाजार, आराधना भवन में आयोजित चार्तुमास धर्मसभा में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि संसार की वस्तुओं से जो सुख प्राप्त होता है वह क्षणिक तथा दुखरूपी ही है । क्योंकि जिस सुख के भीतर दुख छिपा हो वह सुख भी दुख ही है । यह सत्य है कि संसार का एक दुख यदि सुख में बदल भी जाए तो वह सुख अनेक प्रकार के दुखों की परम्परा को जन्म देता है । जब तक आत्मा संसार से मुक्त नहीं हो जाती तब तक दुख रहेंगे। श्रीसंघ सचिव मनीष कोठारी ने बताया कि 20 नवम्बर को जैन भवन से प्रात: 9 बजे नाकोड़ा तीर्थोद्वारक मेवाड़ केसरी आचार्य हिमाचलसूरीश्वर मसा की 32वीं पुण्यतिथि मनाई जाएगी । प्रवचन में 9 बजे गुणानुवाद होगा । 32 दीपक प्रज्जवलित किए जाएंगे। साथ ही 32 लक्की ड्रा खोले जाएंगे।