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यहां पानी भरने के लिए भी कांपते हैं लोगों के हाथ, जाने क्यों

locationनीमचPublished: Dec 17, 2018 11:35:29 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

यहां पानी भरने के लिए भी कांपते हैं लोगों के हाथ, जाने क्यों

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नीमच. ठंड का कहर दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है। ऐसे में जहां सुबह 9 बजे के पहले लोगों की दिनचर्या शुरू नहीं होती है। वहीं अलसुबह से नल आने के कारण शहरवासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। चूकि जीने के लिए पानी भी जरूरी है। इस कारण कड़कड़ाती ठंड में भी शहरवासियों को मजबूरी में पानी भरना पड़ रहा है। लेकिन इस ओर जिम्मेदारों का कोई ध्यान नहीं है।
बतादें की शहर में एक दिन छोड़कर होने वाला पेयजल वितरण अलसुबह 5 बजे से शुरू हो जाता है। जो सुबह साढ़े 8 बजे तक चलता है। जिसमें अलग अलग क्षेत्रों में अलग अलग समय पर पेयजल वितरण किया जाता है। ऐसे में उन लोगों को तो किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है जिनके यहां नल सुबह 7 बजे बाद आते हैं। लेकिन उन लोगों के सामने कपकपाती ठंड में पानी भरना चुनौती बन जाता है। जिसके यहां अलसुबह 5 से लेकर 06.30 बजे के बीच नल आते हैं। क्योंकि इस समय ठंड के मौसम में लोगों की नींद ही नहीं खुलती है। ऐसे में कोई तो उठ भी नहीं पाता है ओर नल आकर चले जाते हैं तो दूसरी कुछ लोग मजबूरी में उठकर कपकपाते हाथों से पानी भरने को मजबूर होते हैं।
इन क्षेत्रों में हो रहा पेयजल वितरण अलसुबह
वैसे शहर के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न पेयजल टंकियों से पेयजल वितरण होता है। जिसमें कहीं आधा, कहीं पौन घंटे के हिसाब से पेयजल वितरण अलग अलग समय होता है। जिससे आधे शहरवासियों को अलसुबह उठकर पानी भरना पड़ता है तो आधे शहरवासी को सुबह 7 से आठ के बीच पानी भरना पड़ता है। क्योंकि एक एक पानी की टंकी से एक दिन में करीब चार से पांच क्षेत्र में पेयजल वितरण किया जाता है। ऐसे में शहर की सीआरपीएफ टंकी से होने वाले पेयजल वितरण में भाग्येश्वर महादेव मंदिर, शिक्षक कॉलोनी, बंगला नंबर 35, बंगला नंबर 59, 60, वीर पार्क रोड़, कैंट क्षेत्र आदि में अलसुबह पेयजल वितरण होता है। इस कारण इन क्षेत्र के लोगों को पानी भरना किसी चुनौती से कम नहीं होता है। चूकि ठंड को देखते हुए बच्चों के विद्यालय जाने तक का समय में बदलाव कर दिया है। लेकिन पेयजल वितरण के समय में कोई बदलाव नहीं होने से शहरवासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

कुछ लोगों को मजदूरी व काम पर जाना पड़ता है, ऐसे लोग सुबह जल्दी पेयजल वितरण के पक्ष में रहते हैं। वहीं सभी क्षेत्र में सुबह समय सीमा में पेयजल वितरण करना होता है। इस कारण पेयजल वितरण के समय में बदलाव की गुंजाईश नहीं नजर आती है। फिर भी अगर अधिक लोगों की डिमांड आएगी तो थोड़ा परिवर्तन किया जा सकेगा।
-केके टांक, पेयजल वितरण प्रभारी, नगरपालिका
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