32 मीटर गिरा भू-जलस्तर, 71 हैंडपंपों ने तोड़ा दम, 2 नल जल योजना बंद
32 मीटर गिरा भू-जलस्तर, 71 हैंडपंपों ने तोड़ा दम, 2 नल जल योजना बंद
नीमच. जैसे जैसे गर्मी अपने तेवर दिखा रही है। वैसे वैसे भू-जल स्तर में दिनों दिन गिरावट आ रही है। इस साल अच्छी बारिश होने के बावजूद भी जिले का भू-जलस्तर 32 मीटर से अधिक नीचे गिर चुका है। ऐसे में दर्जनों हैंडपंप और दो नल जल योजनाओं ने दम तोड़ दिया है। ऐसे में कहीं जिलेवासियों को पेयजल संकट का सामना नहीं करना पड़े, इसलिए जिम्मेदारों ने सूखा प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है।
बतादें कि गर्मी की शुरूआत के साथ ही जिले में पेयजल संकट गहराने लगा है। वर्तमान में 32.40 मीटर से अधिक यानि करीब 100 फीट से अधिक भू-जल स्तर गिर चुका है। भू-जल स्तर में आई गिरावट के कारण जिले में करीब 47 हैंडपंप और 2 नल जल योजना सूख चुकी है। ऐसे में ग्रामीणों को अभी से पेयजल सकंट का सामना करना पड़ रहा है।
आंकड़ों पर एक नजर
पेयजल स्रोत कुल स्रोत चालु बंद
हैंडपंप 5078 5007 71
नल जल योजना 223 221 02
अभी गर्मी की शुरूआत हुए चंद दिन भी नहीं हुए हैं। ऐसे में जमीन के अंदर पानी में अधिक गिरावट आने के कारण 47 हैंडपंप सूख चुके हैं। वहीं करीब 24 हैंडपंप अन्य कारणों से बंद हैं। इसी प्रकार जिले के झांतला और कांकरिया तलाई स्थित दो नल जल योजना बंद हो चुकी है। इस कारण दो गांव सहित अन्य क्षेत्रों में पेयजल संकट गहराने लगा है।
जिले में कहीं एक तो कहीं तीन दिन छोड़कर हो रहा पेयजल वितरण
जिला मुख्यालय पर कहीं एक तो कहीं दो दिन छोड़कर इस समय पेयजल वितरण हो रहा है। जावद तहसील के ग्राम अठाना में दो दिन छोड़कर पेयजल वितरण हो रहा है। गांव में स्थित कई हैंड बंद हो चुके हैं। केवल चंद हैंडपंप ही पानी ऊगल रहे हैं। कुकड़ेश्वर में एक दिन छोड़कर एक दिन पेयजल वितरण हो रहा है। कई क्षेत्रों में पेयजल वितरण का समय कम हो गया है। पर्याप्त पानी नहीं आने से नगरवासियों को दिक्कतें आने लगी है। रामपुरा में एक दिन छोड़कर एक दिन पेयजल वितरण हो रहा है। वहीं मनासा में भी दो दिन छोड़कर पेयजल वितरण हो रहा है। ऐसे ही हालात जिले के सभी नगर और कस्बों के हैं। जहां पहले से ही एक दो दिन छोड़कर पेयजल वितरण होने से अन्य मौसम में तो काम चल रहा था, लेकिन अब गर्मी में उनका काम नहीं चलने से निश्चित ही आने वाले दिनों में परेशानी का सामना करना पडेगा।
शासन को भेजा सूखा राहत प्रस्ताव
सूखा राहत प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा है। जिले के तीनों विकासखंड में जनप्रतिनिधियों सहित सरपंच, सचिव की उपस्थिति में बैठक कर संभावित पेयजल संकट को दूर करने की रूपरेखा तैयार की है। जिले के तीस गांवों में संभावित पेयजल संकट के अनुमान से 10 गांव में नए नलकूप लगाने व 20 गांवों में सिंगल फेस मोटर लगाने का प्रस्ताव भेजा है। वैसे तो इस बार जिले में अच्छी बारिश होने के कारण कहीं भी परिवहन जैसी स्थिति नहीं बनेगी।
-एनके सोनार, उपयंत्री
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