मालवा क्षेत्र में 700 से अधिक किसानों ने अफीम फसल हकवाने के लिए दिया आवेदन
मालवा क्षेत्र में 700 से अधिक किसानों ने अफीम फसल हकवाने के लिए दिया आवेदन

नीमच। मालवा क्षेत्र अफीम काश्तकारी के लिए पूरे प्रदेश में जाना जाता है। प्राकृतिक प्रकोप और रोगो की मार से अफीम फसल के खराब होने के चलते मालवा क्षेत्र के करीब ७०० से अधिक किसानों ने अभी तक फसल नष्ट करवाने के लिए केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरों में आवेदन दिया है। नीमच, मंदसौर और रतलाम जिला क्षेत्र में कुल ३६ हजार ७०२ किसानों ने अफीम काश्तकारी की है।
नीमच में में इस बार करीब 274 पट्टे निरस्त हुए हैं। वर्ष 2019-20 में करीब 14 हजार 618 किसानों को अफीम बोवनी का अधिकार मिला था, लेकिन वर्ष 2020-21 की नई अफीम नीति पर खरे नहीं उतरने के कारण जिले के करीब 274 कास्तकारों के पट्टे निरस्त कर दिए गए। साथ ही 14 हजार 344 किसानों को इस बार अफीम बोवनी का अधिकारी मिला है। जिले में सिंगोली क्षेत्र के जाट सहित अन्य ग्राम पंचायतों में ओलावृष्टि होने से बर्बाद हुई अफीम की फसल को कई किसानों ने एनसीबी की देखरेख में हंकाया भी है। लगातार अफीम पर बढ़ती रोगों की मार और प्राकृतिक प्रकोप के कारण प्रभावित हुई फसल के चलते अफीम का उत्पादन भी प्रभावित हुआ है। ऐसे में किसानों पर पट्टे कटने का खतरा मंडरा रहा है। किसान खेतो में चीरा लगवाने में मस्त है, लेकिन सफेद-काली मस्सी का रोग भी फसल पर शुरू हो गया है।
फसल हकवाई के लिए दिए आवेदन के आंकड़े
जिला-----------------------हकवाने के आवेदन संख्या
नीमच----------------------१३५
मंदसौर----------------------४४९
जावरा(रतलाम)--------------५०
कुल-------------------------७२८
इनका यह कहना है
प्राकृतिक आपदा के चलते अफीम फसल बिगडऩे के लिए अभी तक नीमच, मंदसौर, रतलाम से कुल ७२८ आवेदन प्राप्त हुए है। आवेदन देने की अंतिम तिथि १५ मार्च है। जिसके बाद विभाग फसल हकवाने की कार्रवाई शुरू करेगा।
- महेंद्र सिंह, कार्यालय अधीक्षक केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरों नीमच।
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