चारों ओर से पानी में डूब चुका है गांव
जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर मनासा तहसील का ग्राम ढाणी जलमग्न हो गया है। यहां करीब 70 मकान हैं। इनमें 300 की आबादी निवास करती है। प्रशासन के अलर्ट जारी करने के बाद सरपंच करणसिंह रावत ने ग्राम कुंडला में छात्रावास में बनाए गए राहत शिविर में ग्रामीणों को पहुंचा दिया था। ढाणी से कुंडला के बीच आवागमन के लिए प्रशासन की ओर से एक बोट की व्यवस्था की गई है। ग्राम ढाणी में आने जाने के लिए ग्रामीणों ने नाव की व्यवस्था की है। ग्रामीणों की आय का एकमात्र स्त्रोत मवेशी हैं। यहां करीब की जितनी आबादी है उतने ही मवेशी है। बाढ़ का पानी गांव में भरने की वजह से अधिकांश ग्रामीण या तो अपने रिश्तेदारों के यहां चले गए या फिर राहत शिविर में। ग्रामीणों के मवेशियों को गांव में ऊंचे क्षेत्र में बांध दिया गया है। जब तक मवेशियों तक पानी नहीं पहुंचता ग्रामीण उनकी सुरक्षा के लिए वहां मौजूद रहेंगे। जैसे ही मवेशियों तक पानी पहुंचने की आशंका दिखाई देती। वहां मौजूद ग्रामीण मवेशियों को खुला छोड़ देंगे ताकी वे अपने प्राण बचा सकें। ऐसे हालात बनने तक गांव के 25 युवा वहां रुके हुए हैं।
जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर मनासा तहसील का ग्राम ढाणी जलमग्न हो गया है। यहां करीब 70 मकान हैं। इनमें 300 की आबादी निवास करती है। प्रशासन के अलर्ट जारी करने के बाद सरपंच करणसिंह रावत ने ग्राम कुंडला में छात्रावास में बनाए गए राहत शिविर में ग्रामीणों को पहुंचा दिया था। ढाणी से कुंडला के बीच आवागमन के लिए प्रशासन की ओर से एक बोट की व्यवस्था की गई है। ग्राम ढाणी में आने जाने के लिए ग्रामीणों ने नाव की व्यवस्था की है। ग्रामीणों की आय का एकमात्र स्त्रोत मवेशी हैं। यहां करीब की जितनी आबादी है उतने ही मवेशी है। बाढ़ का पानी गांव में भरने की वजह से अधिकांश ग्रामीण या तो अपने रिश्तेदारों के यहां चले गए या फिर राहत शिविर में। ग्रामीणों के मवेशियों को गांव में ऊंचे क्षेत्र में बांध दिया गया है। जब तक मवेशियों तक पानी नहीं पहुंचता ग्रामीण उनकी सुरक्षा के लिए वहां मौजूद रहेंगे। जैसे ही मवेशियों तक पानी पहुंचने की आशंका दिखाई देती। वहां मौजूद ग्रामीण मवेशियों को खुला छोड़ देंगे ताकी वे अपने प्राण बचा सकें। ऐसे हालात बनने तक गांव के 25 युवा वहां रुके हुए हैं।
गांव छोडऩे का दिया है सुझाव
लगातार हो रही बारिश के बीच ग्राम ढाणी के रहवासियों को गांव छोडऩे के लिए कहा था। अधिकांश ने तो गांव छोड़ भी दिया है। 25 युवा गांव में रुके हैं। उन्हें भी समझाइश दी है, लेकिन वे मवेशियों की सुरक्षा के लिएगांव में ही रुकना चाहते हैं।
– करणङ्क्षसह रावत, सरपंच ग्राम पंचायत कुंडला
लगातार हो रही बारिश के बीच ग्राम ढाणी के रहवासियों को गांव छोडऩे के लिए कहा था। अधिकांश ने तो गांव छोड़ भी दिया है। 25 युवा गांव में रुके हैं। उन्हें भी समझाइश दी है, लेकिन वे मवेशियों की सुरक्षा के लिएगांव में ही रुकना चाहते हैं।
– करणङ्क्षसह रावत, सरपंच ग्राम पंचायत कुंडला