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नीमच के शिल्पकार ने चांदी व तांबे से बनाई कोरोना योद्धाओ के सम्मान में विशेष ट्रॉफी

locationनीमचPublished: Sep 18, 2020 10:42:22 am

Submitted by:

Virendra Rathod

नीमच के शिल्पकार ने चांदी व तांबे से बनाई कोरोना योद्धाओ के सम्मान में विशेष ट्रॉफी

नीमच के शिल्पकार ने चांदी व तांबे से बनाई कोरोना योद्धाओ के सम्मान में विशेष ट्रॉफी

नीमच के शिल्पकार ने चांदी व तांबे से बनाई कोरोना योद्धाओ के सम्मान में विशेष ट्रॉफी

नीमच। विश्व में कोरोना माहमारी ने पूरे मानव समाज को अघात पहुंचाया है, वहीं मानव जाति की रक्षा में जुटे कोरोना योद्धाओं के सम्मान में शहर के शिल्पकार संजय वर्मा ने चांदी और सोने तथा अन्य धातु के टुकड़े से एक सुंदर आकार की ट्रॉफी बनाई है।

नीमच के शिल्पकार ने चांदी व तांबे से बनाई कोरोना योद्धाओ के सम्मान में विशेष ट्रॉफी

नगर के स्वर्ण शिल्पकार संजय वर्मा जो किसी भी व्यक्ति की कल्पना को साकार करने का चुनौतीपूर्ण दायित्व स्वीकारने के बाद धातुओं को आकर्षक कलाकृतिक बनाकर सभी को आश्चर्यचकित कर देते हैं। लॉकडाउन के दौरान समय का सदुपयोग करते हुए और कोरोना योद्धाओं के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए षहर के स्वर्ण शिल्पकार संजय वर्मा ने कोरोना योद्धा ट्रॉफ ी बना दी। ये ट्रॉफ ी चांदी व तांबे से निर्मित है। इसमें उन्होंने कोरोना योद्धा डॉक्टर्स, पुलिसकर्मी, सफ ाईकर्मी, पत्रकार व विभिन्न गैर सरकारी संगठनों आदि को चिन्हों के माध्यम से ट्रॉफ ी में दर्शाया है। संजय की इच्छा है कि वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ये ट्रॉफ ी भेंट करें। संजय वर्मा ने बताया कि लॉकडान के दौरान जब वे घर प ही थे तब ही कुछ अद्भूत और कोरोना योद्धाओं को समर्पित कृति बनाने का ख्याल आया। इसी सोच से वे इसकी डिजाइन तैयार करने में लग गए। आखिरए डिजाइन अन्तिम रूप में पहुंची। जिसमें उन्होंने पुलिस की कैप, अशोक चिन्ह, डॉक्टर्स का स्टेथोस्केप, सफ ाईकर्मियों का झाडू, पत्रकारों की कलम, एनजीओ द्वारा जरूरतमंदों तक पहुंचाया गया राशन आदि को इस ट्रॉफ ी में दर्शाया है। सबसे नीचे कोरोना की आकृति है और उस पर विजय के प्रतीक के रूप में ये सब कोरोना योद्धा हैं। इसे बनाने में करीब 20 दिन का समय लगा।

पहले भी बना चुके हैं कलाकृति
वर्मा ने बताया कि इससे पूर्व भी कई कलाकृतियां बना चुके हैं। इनमें सांवरिया सेठ के मुकुट से लेकर आभूषण, प्रसिद्ध बांसुरीवादन हरिप्रसाद चैरसियाजी के लिए बनाई गई अफ ीम-डोडे पर सजी बांसुरी, जयपुर के हवामहल के झरोखे, चित्तौडगढ का विजयस्तंभ आदि शामिल है। चांदी की षिशव जलाधारी की निपुणता सभी को शांति देती है। जैन संत के आग्रह पर सोने की सुन्दर एवं अनोखी इंकपेन की निब बना डाली। वर्मा द्वारा बनाए गए अफ ीम के डोडे का स्मृति चिन्ह उनके नाम का पर्यायवाची हो गया है।

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