बच्चों को स्कूल छोडऩे में अधिकांशत: ऑटो का ही उपयोग होता है। हाईकोर्ट के स्पष्ट निर्देश हैं कि एक ऑटो में पांच से अधिक बच्चों को नहीं बैठाया जा सकता है। इसके बाद भी सोमवार को एक एक ऑटो में 12 से 15 बच्चों को बैठाया गया। चौकाने वाली बात यह है कि चालक अपनी सीट पर भी बच्चों को बैठाकर ले जाते हैं। बच्चों के साथ उनके भारी भरकम बैग भी ऑटो में बाहर की ओर लटका दिए जाते हैं। आश्चर्य की बात तो यह है कि ऑटो में क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाकर चालक यातायात पुलिस के सामने से गुजर जाते हैं और वैधानिक कार्रवाई नहीं होती। वेन में स्कूली बच्चों को बैठाने पर तो पूरी तरह से रोक लगी हुई है। इसके बाद भी सोमवार को ऐसे नजारे दिखाई दिए जिनमें वेन से बच्चों को स्कूल छोड़ा गया।
जिले में पहला दिन बच्चों का काफी अच्छा रहा। जिले में करीब 70 से 80 फीसदी तक बच्चों की उपस्थिति रही। कक्षा 6ठीं और 9वीं में 31 जुलाई तक बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा। पोर्टल पर 86 प्रतिशत मेपिंग का काम हो चुका है। प्रोफाइल अपडेशन का कार्य जारी है। जुलाई माह में सभी बच्चों को नि:शुल्क साइकिल वितरित कर दी जाएगी। जिले में करीब 4500 से 5 हजार बच्चों को नि:शुल्क साइकिलें वितरित की जाएंगी। 24 जून को जिले में करीब 200 बच्चों को नि:शुल्क साइकिले वितरित की गई। कक्षा पहली से 12वीं तक के बच्चों को भी नि:शुल्क पुस्तकों का वितरण किया जाएगा। जिले में एक लाख 15 हजार बच्चों को पाठ्य पुस्तकों का वितरण किया जाएगा। इस शैक्षणिक सत्र में अब तक 80 फीसदी बच्चों को पाठ्य पुस्तकों का वितरण किया जा चुका है।
– केएल बामनिया, प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी
ऑटो में 5 बच्चों से अधिक नहीं बैठा सकते हैं। बच्चों को स्कूल छोडऩे में वेन का उपयोग भी नहीं किया जा सकता। गेस से चलने वाले वाहनों का भी उपयोग नहीं कर सकते हैं। इसके बाद भी यदि ऐसा हो रहा है तो वैधानिक कार्रवाई की ाएगी।
– विक्रमसिंह राठौड़, आरटीओ